
बुधवार व्रत पूजा विधि (Budhwar Vrat Puja Vidhi): बुधवार का व्रत (Budhwar Vrat) हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसे भगवान गणेश और बुध ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। यह व्रत जीवन में सुख, शांति, व्यापार में सफलता और बुद्धि-विवेक की वृद्धि के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बुधवार व्रत कब से रखें और इसे शुरू करने का सही तरीका क्या है? यदि आप भी इस व्रत को करने की योजना बना रहे हैं, तो पहले इसकी पूजा विधि को जानना जरूरी है।
सही विधि और नियमों का पालन करने से व्रत का फल और अधिक प्रभावी होता है। साथ ही, व्रत के दौरान खान-पान को लेकर कई विशेष नियम होते हैं। लोग अक्सर यह जानना चाहते हैं कि बुधवार व्रत में क्या खाएं और कौन-से खाद्य पदार्थ वर्जित हैं यानी बुधवार व्रत में क्या न खाएं। यदि व्रत के दौरान नियमों का पालन न किया जाए, तो इसका पूर्ण लाभ नहीं मिलता। इसलिए यह आवश्यक है कि व्रत से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी को समझा जाए और पूरी श्रद्धा से इसका पालन किया जाए।
अगर आप इन सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तार से जानना चाहते हैं और बुधवार व्रत (Budhwar Vrat) की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। आइए जानते हैं इस पवित्र व्रत से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी…..
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बुधवार व्रत क्या है? | Budhwar Vrat Kya Hai?
बुधवार व्रत हिंदू धर्म में भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh) और बुध ग्रह को समर्पित एक विशेष उपवास है। यह व्रत मुख्य रूप से बुद्धि, संचार कौशल, व्यापारिक सफलता, और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। बुध ग्रह को ज्योतिष में बुद्धि और तर्कशक्ति का कारक माना जाता है, इसलिए इस व्रत का महत्व और बढ़ जाता है। इसमें भक्त हरे रंग के वस्त्र पहनते हैं, हरे प्रसाद चढ़ाते हैं, और केले या हरी सब्जियों का सेवन करते हैं। यह व्रत विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए भी रखती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत संकटों को दूर करके जीवन में सकारात्मकता लाता है।
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बुधवार व्रत कब से रखें? | Budhwar Vrat Kab Se Rakhein?
बुधवार व्रत (Budhwar Vrat) शुक्ल पक्ष के बुधवार से शुरू करना शुभ माना जाता है। विशेषकर चैत्र, कार्तिक, या श्रावण मास के बुधवार को प्रारंभ करें। यदि कोई विशेष इच्छा हो, तो किसी भी बुधवार से शुरू किया जा सकता है। नए व्रतारंभ में ज्योतिषीय मुहूर्त देखना उचित होता है। ग्रह दोष होने पर भी इसे शुरू कर सकते हैं।
बुधवार व्रत की पूजा विधि | Budhwar Vrat Ki Pooja Vidhi
बुधवार व्रत (Budhwar Vrat) की पूजा विधि कुछ इस प्रकार है:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें: प्रातः स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें और पूजा स्थान को स्वच्छ करें। स्नान जल में गंगाजल मिलाएं और हरे या पीले वस्त्र धारण करें, क्योंकि ये बुध ग्रह और विष्णु जी के प्रिय रंग हैं।
- व्रत का संकल्प लें: भगवान विष्णु और बुध देव के समक्ष घी का दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें। हाथ में जल, अक्षत और फूल लेकर मन में श्रद्धा के साथ व्रत पालन का निश्चय करें।
- हरे रंग की वस्तुएं चढ़ाएं: भगवान विष्णु और बुध देव को हरे फूल, हरी मूंग, हरी मिठाई और केला अर्पित करें। तुलसी दल चढ़ाना शुभ माना जाता है, जिससे बुध ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- मंत्रों का जाप करें: पूजा के दौरान “ॐ बुं बुधाय नमः” या “ॐ ब्रं ब्रहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी बुध ग्रह की कृपा पाने के लिए लाभकारी होता है।
- कथा सुनें या पढ़ें: बुधवार व्रत कथा का पाठ या श्रवण करें, जिसमें बुध देव और भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन होता है। कथा सुनने से बुध दोष शांत होता है और जीवन में सफलता मिलती है।
- प्रसाद वितरण करें: पूजा के बाद प्रसाद में केले, हरी मिठाई या मूंग की दाल बांटें। किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं और दान दें, जिससे व्रत का फल प्राप्त होता है और पुण्य लाभ मिलता है।
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बुधवार व्रत में क्या खाएं? | Budhwar Vrat Mein Kya Khayein?
- फलों का सेवन करें: बुधवार व्रत में ताजे फल जैसे केला, सेब, अनार और अंगूर खा सकते हैं। ये पाचन में हल्के होते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, जिससे व्रत में कमजोरी महसूस नहीं होती।
- साबूदाना से बने व्यंजन: साबूदाना खिचड़ी, साबूदाना वड़ा या खीर का सेवन कर सकते हैं। यह पचने में आसान होता है और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होने के कारण दिनभर ऊर्जा बनाए रखता है।
- दूध और दूध से बने उत्पाद: दूध, दही, मखाने और पनीर का सेवन किया जा सकता है। यह शरीर को पोषण देता है और व्रत के दौरान भूख कम महसूस होती है, जिससे उपवास को आसानी से निभाया जा सकता है।
- सूखे मेवे और मेवे से बनी मिठाई: काजू, बादाम, अखरोट, किशमिश और मखाने व्रत में खाए जा सकते हैं। इससे शरीर को प्रोटीन और आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे मानसिक और शारीरिक शक्ति बनी रहती है।
- सेंधा नमक वाला भोजन: व्रत में सेंधा नमक का उपयोग किया जा सकता है। आलू, शकरकंद, कुट्टू या सिंघाड़े के आटे से बनी रोटी या पूरी खाना शुभ माना जाता है, जिससे व्रत में कमजोरी नहीं आती।
बुधवार व्रत में क्या न खाएं? | Budhwar Vrat Mein Kya Na Khayein?
- नमकयुक्त अनाज और भोजन: सामान्य नमक और गेहूं या चावल से बने व्यंजन न खाएं। केवल सेंधा नमक और व्रत में मान्य अनाज जैसे कुट्टू या राजगिरा के आटे का उपयोग करें।
- मसालेदार और तले-भुने व्यंजन: अधिक मसालेदार और तले हुए भोजन से बचें, क्योंकि यह व्रत के दौरान पेट की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। हल्का, सात्विक और सुपाच्य भोजन करना अधिक लाभकारी होता है।
- प्याज और लहसुन: बुधवार व्रत में प्याज और लहसुन का सेवन वर्जित होता है, क्योंकि यह तामसिक खाद्य पदार्थ माने जाते हैं। व्रत के दौरान केवल सात्त्विक और शुद्ध भोजन करना चाहिए।
- मांसाहार और शराब: मांस, मछली, अंडा और शराब का सेवन पूर्ण रूप से वर्जित होता है। यह व्रत की पवित्रता को भंग करता है और बुध ग्रह की कृपा प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न करता है।
- दालें और अनाज से बनी चीजें: मूंग, मसूर, चना, अरहर जैसी दालों का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत में केवल फलाहार, दूध, सूखे मेवे और विशेष अनाज जैसे कुट्टू, राजगिरा और सिंघाड़े का उपयोग किया जाता है।
Conclusion:-Budhwar Vrat Puja Vidhi
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (कब शुरू करना चाहिए बुधवार का व्रत?) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-Budhwar Vrat Puja Vidhi
Q. बुधवार व्रत किस देवता को समर्पित होता है?
Ans. बुधवार व्रत (Budhwar Vrat) भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh) और बुध ग्रह को समर्पित होता है। इसे रखने से बुध ग्रह के दोष शांत होते हैं और बुद्धि व व्यापार में वृद्धि होती है।
Q. बुधवार व्रत शुरू करने के लिए कौन सा दिन शुभ होता है?
Ans. बुधवार व्रत(Budhwar Vrat) को शुक्ल पक्ष के किसी भी बुधवार से शुरू करना शुभ माना जाता है। विशेष रूप से चैत्र, कार्तिक या श्रावण माह के बुधवार को इसका आरंभ उत्तम होता है।
Q. बुधवार व्रत में किस रंग का विशेष महत्व होता है?
Ans. बुधवार व्रत में हरे रंग का विशेष महत्व होता है। व्रत रखने वाले व्यक्ति को हरे रंग के वस्त्र पहनने और हरे रंग की चीजों का दान करने की सलाह दी जाती है।
Q. बुधवार व्रत में कौन से मंत्र का जाप करना शुभ होता है?
Ans. इस व्रत में “ॐ बुं बुधाय नमः” और “ॐ ब्रं ब्रहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ माना जाता है, जिससे बुध ग्रह की कृपा प्राप्त होती है।
Q. बुधवार व्रत में कौन-कौन से खाद्य पदार्थ खाए जा सकते हैं?
Ans. इस व्रत में फल, दूध, साबूदाना, सूखे मेवे, सेंधा नमक से बने व्यंजन, कुट्टू या सिंघाड़े के आटे की रोटी या पूरी का सेवन किया जा सकता है।
Q. बुधवार व्रत में किन चीजों का सेवन वर्जित होता है?
Ans. इस व्रत में प्याज, लहसुन, तामसिक भोजन, मांसाहार, शराब, सामान्य नमक, चावल, गेहूं और मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।