Devkinandan Thakur Biography In Hindi: देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज – एक ऐसा नाम है जो हिंदू धर्म और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उनकी प्रेरणादायी कथाएं और प्रवचन लाखों श्रद्धालुओं के दिलों में बसते हैं।
बचपन से ही उन्हें धार्मिक ग्रंथों और कथाओं में गहरी रुचि थी। महज 13 साल की उम्र में उन्होंने श्रीमद्भागवत पुराण (Srimad Bhagwat Purana) को कंठस्थ कर लिया था। जो उनकी असाधारण प्रतिभा और लगन का प्रमाण है। देवकीनंदन जी ने अंग्रेजी में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद धर्म ग्रंथों के गहन अध्ययन में खुद को झोंक दिया। उनकी कथाओं में आपसी प्रेम, सद्भाव और संस्कृति के संस्कार के विचार झलकते हैं। महाराज जी की कथाओं में लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। उनके यूट्यूब चैनल पर भी उनके लाखों फॉलोअर्स और दर्शक हैं। महाराज जी ने गौ सेवा, पर्यावरण संरक्षण जैसे अनेक सामाजिक कार्यों को भी अपना समर्थन दिया है। देवकीनंदन ठाकुर जी (Devkinandan Thakur ji) एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व हैं जिन्होंने अपने जीवन को धर्म और मानवता की सेवा में समर्पित कर दिया है। आइए, उनके संघर्ष और सफलता की गाथा का गहराई से अध्ययन करते हैं…
देवकीनंदन ठाकुर जी कौन हैं | Who is Devkinandan Thakur ji
देवकीनंदन ठाकुर जी (Devkinandan Thakur ji) एक प्रसिद्ध हिंदू पुराण कथावाचक, गायक और आध्यात्मिक गुरु हैं। उनका जन्म 12 सितंबर 1978 को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा (Mathura) जिले के ओहावा गाँव में एक धार्मिक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। मात्र 6 साल की उम्र में वे घर छोड़कर वृंदावन चले गए और वहां ब्रज के रासलीला संस्थान में भाग लिया।
उन्हें धर्मार्थ कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वृंदावन में उन्होंने एक भव्य कृष्ण-राधा मंदिर (Krishna- Radha Mandir) का निर्माण भी करवाया है। वे अपनी कथाओं को यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित भी करते हैं।
देवकीनंदन ठाकुर जी की जीवनी | Biography of Devkinandan Thakur ji
श्री देवकीनंदन ठाकुर जी (Devkinandan Thakur ji) एक प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक गुरु, कथावाचक और गायक हैं। वे 12 सितंबर 1978 को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के ओहावा गांव में एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे। उनके पिता का नाम राजवीर शर्मा है।
महज 6 साल की उम्र में ही वे घर छोड़कर वृंदावन (vrindavan) चले गए और वहां ब्रज के रासलीला संस्थान में शामिल हो गए। यहां उन्होंने भगवान कृष्ण (Lord Krishna) और राम (Lord Ram) की भूमिका निभाई, जिससे उन्हें “ठाकुर जी” नाम से जाना जाने लगा। 13 साल की उम्र में उन्होंने अपने गुरु के मार्गदर्शन में श्रीमद्भागवत का अध्ययन किया और 18 साल की उम्र में दिल्ली के एक मंदिर में भागवत कथा का वाचन और प्रचार शुरू कर दिया। 1997 से वे श्रीमद्भागवत (Srimad Bhagwat), रामायण (Ramayan), देवी भागवत (Devi Bhagwat), शिवपुराण (Shivpuran), गीता (Geeta) आदि पर व्याख्यान देते आ रहे हैं।
उनकी मधुर आवाज और सरल शैली में कथा वाचन से वे श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। उनकी लोकप्रियता देश-विदेश में फैली है और 2001 से वे हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, यूरोप के कई देशों में भी कथा वाचन कर चुके हैं।
उनके धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जैसे शांति दूत, धर्म रत्न, उत्तर प्रदेश रत्न आदि। उन्होंने वृंदावन में एक सुंदर राधा-कृष्ण मंदिर भी बनवाया है। वे अपनी कथाओं का प्रसारण यूट्यूब चैनल पर भी करते हैं।
देवकीनंदन ठाकुर जी की शादी और परिवार | Devkinandan Thakur Ji ki Shadi Aur Parivar
देवकीनंदन ठाकुर जी का जन्म एक प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम श्री राजवीर शर्मा और माता का नाम श्रीमती अनसुईया देवी है। उनके परिवार में कुल छह भाई-बहन हैं। विवाह के बाद उनकी जीवन संगिनी ‘अंदमाता’ बनीं, और दोनों का तीन बेटियां और एक बेटा है, जिसका नाम देवांश है। पारिवारिक मूल्यों के प्रति समर्पित देवकीनंदन ठाकुर जी ने अपने आध्यात्मिक जीवन के साथ-साथ पारिवारिक जीवन को भी संतुलित और सार्थक रूप से निभाया है।
देवकीनंदन ठाकुर जी (Devkinandan Thakur ji), के परिवार के सदस्यों के नाम कुछ इस प्रकार हैं-
पिता | राजवीर शर्मा |
माता | अनसुईया देवी |
पत्नी | अंदमाता |
बच्चे | देवकीनंदन ठाकुर जी के चार बच्चे हैं |
देवकीनंदन ठाकुर जी की प्रारंभिक शिक्षा | Primary Education of Devkinandan Thakur ji
देवकीनंदन ठाकुर जी (Devkinandan Thakur ji) की प्रारंभिक शिक्षा का आधार उनके गहन धार्मिक ज्ञान में दिखाई देता है।
उन्होंने अपनी शिक्षा की शुरुआत अंग्रेजी में की और बाद में हिंदू धर्मग्रंथों की अध्ययन की। बाल्यकाल से ही उन्होंने हिंदू धर्मग्रंथों के प्रति अपनी रुचि व्यक्त की और उन्होंने 13 वर्ष की आयु में ही भगवत पुराण सहित सभी प्रमुख हिंदू शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त कर लिया था। उनका स्कूल निंबार्क संप्रदाय कॉलेज था और वे वैदिक ज्ञान के लिए शैक्षणिक योग्यता रखते हैं। इन्हीं शास्त्रों की समझ ने उन्हें भगवत कथा के अद्वितीय व्याख्याता बनने में सहायता की और उन्हें भारत विशेष रूप से वृंदावन की कृष्णलीला मंडली में शामिल होने का अवसर मिला। इस तरह देवकीनंदन ठाकुर जी की प्रारंभिक शिक्षा ने उन्हें उनके धार्मिक जीवन के लिए तैयार किया।
देवकीनंदन ठाकुर जी की कथाएं | Katha’s of Devkinandan Thakur ji
Devkinandan Thakur Ji Katha: देवकीनंदन ठाकुर जी (Devkinandan Thakur ji) की कथाएं अनूठी होती हैं, जो आत्मा को छूने की शक्ति रखती हैं। वे हिंदू पुराण कथावाचक, गायक और आध्यात्मिक गुरु हैं। उनकी कथा में आपको उस गहराई का अनुभव होता है जिसे शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं। उनके द्वारा कही गई कथाएं न केवल भारत में, बल्कि देश के बाहर भी होती हैं, ठाकुर जी की कथाओं में शामिल होने के लिए लाखों श्रद्धालु उनके दरबार में पहुंचते हैं।
उनकी कथाएं भागवत कथा, श्री राम कथा, देवी भागवत, शिव पुराण कथा, और भगवद्गीता पर आधारित होती हैं। उनकी कथाएं सुनने में आनंदित करने वाली होती हैं और उनकी अद्वितीय शैली के कारण उन्हें ‘शांति दूत’ और ‘धर्म रत्न के डॉक्टरेट’ की उपाधि प्राप्त हुई है।
देवकीनंदन जी (Devkinandan Thakur ji) की कथाएं आध्यात्मिकता से ओत-प्रोत होती हैं, जो सुनने वालों को उनके आत्मिक जीवन में साहस और प्रेरणा प्रदान करती हैं। उनकी कथाएं लाइव टेलिकास्ट होती हैं, जिसे वे अपने यूट्यूब चैनल पर चलाते हैं। उनकी कथाएं विश्वव्यापी रूप से प्रसारित होती हैं, जिसे लाखों लोग देखते हैं। उनकी कथाएं हमें जीवन के वास्तविक मूल्यों और आत्मिक विकास की ओर मार्गदर्शन करती हैं।
देवकीनंदन ठाकुर जी के विवाद | Controversies of Devkinandan Thakur Ji
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और महाराष्ट्र (Maharashtra) में हाल ही में हुई भागवत कथाओं के दौरान प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर (Devkinandan Thakur ji) ने विवादित बयान दिए हैं। देवकीनंदन ठाकुर जी ने अपनी कथा के दौरान सभी हिंदुओं से अपील की थी कि “आप सभी को भी कर से पांच बच्चे पैदा करने चाहिए”।
देवकीनंदन ठाकुर (Devkinandan Thakur ji) ने तर्क दिया कि जहां हिंदू आबादी कम है, वहां शांति से नहीं रह सकते। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद सनातन धर्म पर सबसे बड़ा आक्रमण हुआ है। उन्होंने दावा किया कि कुछ समुदायों में “4 बीवी और 40 बच्चे” जैसे मामले हैं जिन पर कोई बोलता नहीं है, जबकि कुछ पर नियंत्रण है और कुछ को “खुला सांड की तरह छोड़ दिया गया है”। साथ ही उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि स्कूल-कॉलेजों में फिल्मी गानों पर नाचने पर पाबंदी लगाई जाए क्योंकि यह शिक्षा के मंदिरों को “अशुद्ध” कर रहा है। उन्होंने एक “सनातन बोर्ड” के गठन की भी मांग की जिसमें धर्माचार्य ही होंगे।
देवकीनंदन ठाकुर (Devkinandan Thakur ji) के ये बयान चर्चा का विषय बने हुए हैं। उन्हें इससे पहले भी जान से मारने और टुकड़े-टुकड़े करने की धमकियां मिल चुकी हैं। हालांकि उनके समर्थकों की संख्या भी लाखों में है जो उनकी कथाओं को सुनने आते हैं।
देवकीनंदन ठाकुर जी की कथा फीस | Devkinandan Thakur ji’s Katha Fees
अगर मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर (Devkinandan Thakur ji) जी एक कथा करने के लिए 10 से 12 लख रुपए चार्ज करते हैं, ठाकुर जी की कथाएं 7 से 8 दिन तक चलती हैं और तो और देवकीनंदन ठाकुर जी (Devkinandan Thakur ji) की सालाना आय 4 से 5 करोड रुपए तक है। लेकिन देवकीनंदन ठाकुर जी अपनी आय का अधिकांश हिस्सा गाय की सेवा वृद्ध माताओं की सेवा, दान इत्यादि में लगा देते हैं।
देवकीनंदन ठाकुर जी का सेवा ट्रस्ट | Devkinandan Thakur ji’s Seva Trust
देवकीनंदन ठाकुर जी का सेवा ट्रस्ट, “विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट” (Vishwa Shanti Sewa Charitable Trust) कहलाता है। यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जो शांति, समरसता, और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।
यह ट्रस्ट, ठाकुर जी द्वारा 2006 में स्थापित किया गया था। विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट विभिन्न सामाजिक सेवा कार्यक्रमों में शामिल होता है, जिसमें शांति यात्राएं, जागरूकता अभियान, और जरूरतमंद और हाशिये के लोगों की सहायता शामिल है। यह ट्रस्ट पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देता है और महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के लिए काम करता है। ठाकुर जी के इस संगठन ने गौ सेवा और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कई अभियान चलाए हैं।
देवकीनंदन ठाकुर जी सोशल मीडिया लिंक | Social Media Link of Devkinandan Thakur ji
YouTube : | https://youtube.com/@DevkinandanThakurJiMaharaj |
Instagram : | https://www.instagram.com/shridevkinandanthakurjimaharaj |
X Profile : | https://x.com/DN_Thakur_Ji |
देवकीनंदन ठाकुर जी की वेबसाइट लिंक | Devkinandan Thakur ji’s Website Link
देवकीनंदन ठाकुर जी की Official Website :- | https://vssct.com/ |
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Conclusion:-Devkinandan Thakur Biography
देवकीनंदन ठाकुर जी का जीवन और कार्य हिंदू धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उनकी कथाएं न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय हैं। देवकीनंदन ठाकुर जी से संबंधित यह विशेष लेखक अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे और भी अन्य आर्टिकल्स भी जरूर पढ़ें और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य सभी लेख को भी पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोज़ाना विज़िट करें।
FAQ’s: Devkinandan Thakur Biography
Q. देवकीनंदन ठाकुर जी का जन्म कहाँ हुआ था?
Ans. देवकीनंदन ठाकुर जी का जन्म उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के ओहावा गाँव में 12 सितम्बर 1978 को हुआ था।
Q. देवकीनंदन ठाकुर जी की व्यावसायिक जिंदगी का क्या है?
Ans. देवकीनंदन ठाकुर जी हिंदू पुराण कथा वाचक, गायक, और आध्यात्मिक गुरु हैं। उन्होंने अपनी यात्रा 1997 में शुरू की और तब से विभिन्न हिंदू ग्रंथों पर व्याख्यान दे रहे हैं।
Q. देवकीनंदन ठाकुर जी का वैवाहिक स्थिति क्या है?
Ans. देवकीनंदन ठाकुर जी विवाहित हैं और उनकी पत्नी का नाम अन्दामता देवी है।
Q. देवकीनंदन ठाकुर जी के कौनसे पुरस्कार हैं?
Ans. देवकीनंदन ठाकुर जी को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार प्रदान किए गए हैं, जिनमें शांति दूत और धर्म रत्न उल्लेखनीय हैं। 2016 में, उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
Q. देवकीनंदन ठाकुर जी ने क्या निर्माण किया है?
Ans. देवकीनंदन ठाकुर जी ने वृंदावन में सुंदर कृष्णा-राधा मंदिर का निर्माण किया है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
Q. देवकीनंदन ठाकुर जी के प्रमुख भाषण कौन से हैं?
Ans. देवकीनंदन ठाकुर जी के प्रमुख भाषणों में श्रीमद भागवत कथा, श्री राम कथा, देवी भागवत, शिव पुराण कथा, और भगवद गीता शामिल हैं।