मई कैलेंडर 2025 (May Calendar 2025): मई 2025 में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार आने वाले हैं, जो हमारे जीवन में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं। इन त्यौहारों में वट सावित्री व्रत, भद्रकाली जयंती, अपरा एकादशी, बगलामुखी जयंती, दुर्गा अष्टमी व्रत, चतुर्थी व्रत, महाराष्ट्र दिवस, मई दिवस, और कई अन्य महत्वपूर्ण त्यौहार शामिल हैं। ये त्यौहार न केवल हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हैं, बल्कि हमें आध्यात्मिक ज्ञान और शांति की प्राप्ति भी कराते हैं। इन त्यौहारों के महत्व और उनके पीछे की कहानियों को जानने से हमें अपनी जड़ों को समझने और अपनी संस्कृति को समृद्ध बनाने में मदद मिलती है। यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि ये त्यौहार क्यों मनाए जाते हैं और उनके पीछे की पौराणिक कथाएं क्या हैं। May Festival List 2025 इन त्यौहारों के दौरान, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं।
इन त्यौहारों का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी है। ये त्यौहार हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को समझने और समृद्ध बनाने में मदद करते हैं।
इस लेख में, हम आपको मई 2025 में आने वाले विशेष व्रत और त्यौहारों की एक पूरी लिस्ट प्रदान करेंगे, साथ ही हम आपको इन त्यौहारों के महत्व, उनके पीछे की कहानियों, और उनके आयोजन के तरीकों के बारे में भी बताएंगे…..
तारीख | दिन | त्यौहार |
01-05-2025 | गुरुवार | चतुर्थी व्रत, महाराष्ट्र दिवस, मई दिवस |
02-05-2025 | शुक्रवार | सूरदास जयंती |
03-05-2025 | शनिवार | बगलामुखी जयंती, दुर्गा अष्टमी व्रत |
05-05-2025 | सोमवार | गंगा सप्तमी |
06-05-2025 | मंगलवार | सीता नवमी |
07-05-2025 | बुधवार | रवींद्रनाथ टैगोर जयंती |
08-05-2025 | गुरुवार | मोहिनी एकादशी |
09-05-2025 | शुक्रवार | प्रदोष व्रत |
11-05-2025 | रविवार | नरसिंह जयंती, मातृ दिवस |
12-05-2025 | सोमवार | पूर्णिमा, कूर्म जयंती, चित्रा पूर्णिमा, श्री सत्यनारायण व्रत, बुद्ध पूर्णिमा, |
13-05-2025 | मंगलवार | नारद जयंती |
15-05-2025 | बृहस्पतिवार | वृषभ संक्रांति |
16-05-2025 | शुक्रवार | संकष्टी चतुर्थी |
20-05-2025 | मंगलवार | कालाष्टमी |
23-05-2025 | शुक्रवार | भद्रकाली जयंती, अपरा एकादशी |
24-05-2025 | शनिवार | प्रदोष व्रत |
25-05-2025 | रविवार | मासिक शिवरात्रि |
26-05-2025 | सोमवार | वट सावित्री व्रत |
27-05-2025 | मंगलवार | रोहिणी व्रत, भौमवती अमावस्या, शनि जयंती |
28-05-2025 | बुधवार | चन्द्र दर्शन |
29-05-2025 | गुरुवार | चतुर्थी व्रत |
30-05-2025 | शुक्रवार | महाराणा प्रताप जयंती |
31-05-2025 | शनिवार | शीतल षष्ठी |
हिन्दू कैलेंडर मई, 2025 | May 2025 Hindu Calendar
ऊपर हम आपको मई महीने के सभी त्योहारों की लिस्ट इमेज के माध्यम से प्राप्त करा रहे हैं जिसमें आप देख सकते हैं कि कौनसा त्यौहार किस तारीख को है और उसका शुभ मुहूर्त क्या है। आप इस इमेज को डाउनलोड कर सकते है और अपन मित्रो को शेयर कर सकते हैं।
1. महाराष्ट्र दिवस । Maharashtra Day
महाराष्ट्र दिवस, जो 1 मई 1960 को बॉम्बे राज्य के विभाजन के बाद महाराष्ट्र राज्य के गठन की ऐतिहासिक घड़ी को याद करता है, भारतीय राज्य महाराष्ट्र में एक महत्वपूर्ण राजकीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है। यह दिन राज्य के सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर को सम्मानित करने का अवसर होता है। महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर राज्य भर में भव्य परेड, राजनीतिक भाषण और विविध समारोह आयोजित होते हैं, जो इस दिन की ऐतिहासिक अहमियत को दर्शाते हैं। यह दिन न केवल राज्य के गठन की खुशी को मनाने का मौका है, बल्कि महाराष्ट्र की समृद्ध परंपरा और गौरवपूर्ण इतिहास को भी सलाम करने का अवसर होता है।
- दिनांक- 1 मई 2025
- दिन- गुरूवार
2. सूरदास जयंती । Surdas Jayanti
सूरदास जयंती, भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त और ब्रजभाषा के अद्वितीय कवि, सूरदास जी की जयंती है। यह पर्व हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को श्रद्धा और हर्ष के साथ मनाया जाता है। 2025 में, यह विशेष दिन 2 मई को मनाया जाएगा। सूरदास जी की रचनाएँ उनके गहरे भक्तिरस और श्रीकृष्ण के प्रति असीम प्रेम का प्रतीक हैं, और उनकी जयंती का आयोजन उन रचनाओं की महिमा और उनकी भक्ति को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है।
- दिनांक- 2 मई 2025
- दिन- शुक्रवार
3. बगलामुखी जयंती । Baglamukhi Jayanti
हिंदू धर्म में बगलामुखी जयंती एक अत्यंत महत्वपू्र्ण पर्व है, जो हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह विशेष दिन तंत्र शास्त्र की आठ महाविद्याओं में से एक, मां बगलामुखी के समर्पण का होता है। बगलामुखी जयंती पर विशेष पूजा एवं अनुष्ठान किए जाते हैं, ताकि मां बगलामुखी की कृपा प्राप्त हो और उनकी आशीर्वाद से जीवन में शत्रु नाश और विजय की प्राप्ति हो सके। 2025 में, यह पावन दिन 3 मई को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 3 मई 2025
- दिन- शनिवार
4. गंगा सप्तमी । Ganga Saptami
गंगा सप्तमी, जो सनातन धर्म में एक विशेष महत्व रखता है, हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मां गंगा की दिव्य उपस्थिति और उनके आशीर्वाद के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। गंगा सप्तमी को गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है, और इस दिन विशेष रूप से मां गंगा की पूजा की जाती है। साथ ही, गंगा जल में स्नान करने का महत्व है, जिसे शुद्धि और पुण्य की प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। वर्ष 2025 में गंगा सप्तमी 5 मई को मनाई जाएगी।
- दिनांक- 5 मई 2025
- दिन- सोमवार
5. सीता नवमी । Sita Navami
सीता नवमी, जो भगवान राम की पतिव्रता और आदर्श पत्नी देवी सीता के जन्म का पावन उत्सव है, हिंदू धर्म में एक विशेष पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है और इसे जानकी नवमी भी कहा जाता है। इस दिन सुहागन महिलाएं व्रत करके माता सीता और प्रभु राम की पूजा करती हैं, ताकि उनके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे। 2025 में सीता नवमी 6 मई, मंगलवार को मनाई जाएगी, जो एक अवसर है देवी सीता की महिमा को याद करने और आशीर्वाद प्राप्त करने का।
- दिनांक- 6 मई 2025
- दिन- मंगलवार
6. रवींद्रनाथ टैगोर जयंती । Rabindranath Tagore Jayanti
रवींद्रनाथ टैगोर जयंती, महान कवि, लेखक, दार्शनिक और सामाजिक सुधारक रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती के रूप में मनाई जाती है। उनका जन्म 7 मई को हुआ था, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार उनकी विशेष तिथि है। वहीं, बंगाली कैलेंडर के अनुसार, यह पर्व बैसाख महीने के 25वें दिन मनाया जाता है। रवींद्रनाथ टैगोर ने साहित्य, कला और समाज में अपने योगदान से भारतीय समाज को एक नई दिशा दी, और उनकी जयंती इस प्रेरणा को सम्मानित करने का अवसर है।
- दिनांक- 7 मई 2025
- दिन– बुधवार
7.मोहिनी एकादशी । Mohini Ekadashi
मोहिनी एकादशी, जो वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है, विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन का व्रत करने से पापों से मुक्ति और मोहजाल से छुटकारा मिलने की मान्यता है। मोहिनी एकादशी का नाम और महत्व स्कंद पुराण से जुड़ा है, जिसमें कहा गया है कि समुद्र मंथन के दूसरे दिन, यानी द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप में अवतार लिया था। यह दिन विष्णु के मोहिनी रूप की उपासना का पर्व है, जो भक्तों को मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि की दिशा में मार्गदर्शन करता है। 2025 में यह विशेष दिन 8 मई को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 8 मई 2025
- दिन- गुरूवार
- व्रत खोलने के लिए शुभ मुहूर्त – 9 मई को सुबह 5:33 बजे से 8:14 बजे के बीच
8. प्रदोष व्रत । Pradosh Vrat
प्रदोष व्रत, जो हिंदू धर्म में हर महीने की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है, विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इसे प्रदोषम के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति की संभावना होती है। मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और वह जीवन में सुख-शांति प्राप्त करता है। इस दिन सूर्यास्त से 1.5 घंटे पहले और उसके बाद के तीन घंटे शिव पूजा के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं। 9 मई 2025 को यह पवित्र प्रदोष व्रत मनाया जाएगा, जो भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।
- दिनांक- 9 मई 2025
- दिन- शुक्रवार
9. नरसिंह जयंती । Narsingh Jayanti
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाने वाली नरसिंह जयंती, भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नरसिंह की अद्भुत महिमा का प्रतीक है। यह पर्व उस पवित्र क्षण की याद दिलाता है जब भगवान नरसिंह ने हिरण्यकश्यप के अत्याचारों से पृथ्वी को मुक्त कर धर्म की स्थापना की थी। इस दिन भगवान नरसिंह की आराधना से भक्तों को अद्भुत फल की प्राप्ति होती है। 2025 में यह पवित्र दिवस 11 मई को आएगा, जो श्रद्धालुओं के लिए आशीर्वाद, सुख, और समृद्धि की नई किरण लेकर आएगा।
- दिनांक- 11 मई 2025
- दिन- रविवार
10. मदर्स डे । Mother’s Day
मदर्स डे, एक ऐसा विशेष दिन है जो माताओं के योगदान और प्यार को सम्मानित करने के रूप में दुनियाभर में मनाया जाता है। आधुनिक रूप में इसकी शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका से हुई थी, जहां यह मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। यह दिन न केवल अमेरिका, बल्कि कई अन्य देशों में भी अपनी-अपनी तिथियों पर मनाया जाता है, हालांकि मई के दूसरे रविवार को इसे व्यापक रूप से मनाया जाता है। 2025 में मातृ दिवस 11 मई को मनाया जाएगा, जब हम अपनी मां के प्रति आभार और प्रेम व्यक्त करेंगे।
- दिनांक- 11 मई 2025
- दिन- रविवार
11. बुद्ध पूर्णिमा । Buddha Purnima
बुद्ध पूर्णिमा, बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाने वाला एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो बैसाख माह की पूर्णिमा को होता है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यही वह दिन था जब गौतम बुद्ध का जन्म हुआ, उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और उनका महानिर्वाण भी हुआ। यह दिन बुद्ध के जीवन के तीन सबसे महत्वपूर्ण क्षणों का प्रतीक है। 2025 में बुद्ध पूर्णिमा का यह पावन पर्व 12 मई को मनाया जाएगा, जब श्रद्धालु बुद्ध की उपदेशों और शांति की राह पर चलने का संकल्प लेंगे।
- दिनांक- 12 मई 2025
- दिन- सोमवार
12. कूर्म जयंती । Kurma Jayanti
कूर्म जयंती, भगवान विष्णु के कछुए रूप, कूर्म अवतार के सम्मान में मनाया जाने वाला एक विशेष पर्व है। यह हर साल वैशाख मास की पूर्णिमा को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान कूर्म की पूजा की जाती है, जो अपनी शक्ति से समुंदर मंथन में देवताओं की मदद करने के लिए अवतरित हुए थे। कूर्म जयंती को आध्यात्मिक उन्नति और नए प्रारंभ का प्रतीक माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन व्रत रखने और भगवान कूर्म की पूजा से व्यक्ति को समृद्धि, धन और ज्ञान की प्राप्ति होती है। 2025 में यह जयंती 12 मई को मनाई जाएगी, जब भक्तगण इस पवित्र दिन को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए समर्पण भाव से मनाएंगे।
- दिनांक- 12 मई 2025
- दिन- सोमवार
13. नारद जयंती । Narad Jayanti
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को देवर्षि नारद जी का जन्म हुआ था, और इस विशेष दिन को नारद जयंती के रूप में मनाया जाता है। नारद जी, जिन्हें संगीत, ज्ञान और लोककल्याण के प्रेरक के रूप में पूजा जाता है, ने भगवान विष्णु के परम भक्त के रूप में अद्भुत कार्य किए। इस दिन को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है, जिससे उनके कार्यों और उपदेशों का अनुसरण करने का संकल्प लिया जाता है। वर्ष 2025 में यह पावन पर्व 13 मई को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 13 मई 2025
- दिन- मंगलवार
14. संकष्टी चतुर्थी । Sankashti Chaturthi
संकष्टी चतुर्थी, हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला एक खास पर्व है। इस दिन विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा की जाती है, साथ ही व्रत भी रखा जाता है। इसे संकटहर चतुर्थी भी कहा जाता है, क्योंकि यह दिन व्यक्ति के जीवन से संकटों को दूर करने के लिए समर्पित है। संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश और चंद्रमा दोनों की पूजा की जाती है, क्योंकि गणेश जी ने चंद्रमा को आशीर्वाद दिया था। इस दिन चंद्रमा का उदय देर से होता है, और श्रद्धालु इस अवसर पर विशेष रूप से पूजा करते हैं। 2025 में संकष्टी चतुर्थी का पर्व 16 मई को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 16 मई 2025
- दिन- शुक्रवार
15. कालाष्टमी । Kalashtami
हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाए जाने वाला कालाष्टमी व्रत विशेष महत्व रखता है, जो भगवान शिव के रौद्र रूप, काल भैरव की पूजा अर्चना का अवसर है। इस दिन भक्तगण उपवास रखते हुए भगवान काल भैरव को समर्पित पूजा करते हैं, ताकि उनके जीवन से नकारात्मक शक्तियों का नाश हो सके। इस व्रत का महत्व विशेष रूप से ज्येष्ठ माह में अधिक है, जब कालाष्टमी 20 मई को मनाई जाएगी। कालाष्टमी का व्रत व्यक्ति के जीवन में शांति और सकारात्मकता लाने के लिए माना जाता है।
- दिनांक- 20 मई 2025
- दिन- मंगलवार
16. अपरा एकादशी । Apara Ekadashi
ज्येष्ठ माह की कृष्ण एकादशी को अचला या अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है, जो विशेष रूप से प्रायश्चित और आत्मिक शांति का अवसर प्रदान करती है। इस दिन उपवास और व्रत करने से व्यक्ति की गलतियों का प्रायश्चित होता है, साथ ही उसका यश और नाम भी बढ़ता है। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से न केवल व्यक्ति को लाभ होता है, बल्कि उसके पितरों की आत्माओं को भी शांति मिलती है। 2025 में यह व्रत 23 मई को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 23 मई 2025
- दिन- शुक्रवार
17. मासिक शिवरात्रि व्रत । Mahashivratri Vrat
मासिक शिवरात्रि व्रत, भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित एक विशेष अवसर है, जो हर महीने की शिवरात्रि को मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति के पाप समाप्त होते हैं और जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान मिलता है। इस दिन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह व्यक्ति की आत्मा को शुद्ध करने और उसे मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर करने का अवसर प्रदान करता है। वर्ष 2025 में मासिक शिवरात्रि का पर्व 25 मई को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 25 मई 2025
- दिन- रविवार
18. वट सावित्री व्रत । Vat Savitri Vrat
वट पूर्णिमा, एक खास हिंदू त्योहार है जो विशेष रूप से उत्तर भारत और पश्चिमी भारतीय राज्यों जैसे महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में विवाहित महिलाएं बड़े श्रद्धा से मनाती हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह पर्व ज्येष्ठ महीने के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं बरगद के पेड़ के चारों ओर एक औपचारिक धागा बांधकर अपने पति के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक प्रस्तुत करती हैं। यह व्रत विशेष रूप से पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना के लिए किया जाता है। वर्ष 2025 में वट सावित्री व्रत 26 मई को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 26 मई 2025
- दिन- सोमवार
19. रोहिणी व्रत । Rohini Vrat
जैन धर्म के अनुसार, रोहिणी व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है, क्योंकि इस व्रत के आयोजन से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यह व्रत व्यक्ति की धन संबंधी समस्याओं का समाधान भी करता है। जैन परंपराओं के अनुसार, जो कोई भी श्रद्धा और विधिपूर्वक रोहिणी व्रत करता है, उसके जीवन से सभी दुख और पीड़ाएं दूर हो जाती हैं। यह व्रत विशेष रूप से मानसिक और भौतिक सुख की प्राप्ति में सहायक होता है। 2025 में, रोहिणी व्रत 27 मई को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 27 मई 2025
- दिन- मंगलवार
20. चंद्र दर्शन । Chandra Darshan
चंद्र दर्शन एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसे अमावस्या के बाद विशेष रूप से मनाया जाता है। इस दिन, भक्त चंद्रमा की पूजा करते हुए समृद्धि, सुख, और खुशी के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं। इस अनुष्ठान में मंत्रों का जाप और श्रद्धापूर्वक पूजा शामिल होती है, जो जीवन में सकारात्मकता और शांति लाने के लिए किया जाता है। 2025 में, यह पवित्र अनुष्ठान 28 मई को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 28 मई 2025
- दिन- बुधवार
21. महाराणा प्रताप जयंती । Maharana Pratap Jayanti
महाराणा प्रताप जयंती, या महाराणा प्रताप जयंती, राजस्थान में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है, जो महान भारतीय शासक महाराणा प्रताप की जयंती को सम्मानित करने के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को विशेष रूप से महाराणा प्रताप के अद्वितीय साहस, वीरता और देशभक्ति की याद में मनाया जाता है। यह दिन राजस्थान में एक सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है। 2025 में, यह विशेष जयंती 30 मई को मनाई जाएगी।
- दिनांक- 29 मई 2025
- दिन- गुरूवार
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Conclusion:-May Festival List 2025
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (मई 2025 के व्रत एवं त्यौहार) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-May Festival List 2025
Q. महाराष्ट्र दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
Ans. महाराष्ट्र दिवस हर साल 1 मई को मनाया जाता है। यह दिन 1960 में बॉम्बे राज्य के विभाजन के बाद महाराष्ट्र राज्य के गठन की याद में मनाया जाता है।
Q. सूरदास जयंती किस तिथि को मनाई जाती है और इसका महत्व क्या है?
Ans. सूरदास जयंती वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन कवि सूरदास की भक्ति और उनकी अद्वितीय रचनाओं को सम्मानित करने के लिए समर्पित है।
Q. बगलामुखी जयंती का धार्मिक महत्व क्या है?
Ans. बगलामुखी जयंती तंत्र शास्त्र की महाविद्या मां बगलामुखी को समर्पित है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना से शत्रुओं के नाश और विजय प्राप्ति की मान्यता है।
Q. गंगा सप्तमी को क्यों मनाया जाता है?
Ans. गंगा सप्तमी, मां गंगा के दिव्य अवतरण और उनके आशीर्वाद को सम्मानित करने के लिए मनाई जाती है। इसे गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
Q. सीता नवमी का क्या महत्व है और इसे किस तिथि को मनाया जाता है?
Ans. सीता नवमी देवी सीता के जन्म के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। इसे वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।
Q. मोहिनी एकादशी का नामकरण और महत्व क्या है?
Ans. मोहिनी एकादशी का नाम भगवान विष्णु के मोहिनी रूप पर आधारित है। इस दिन का व्रत पापों से मुक्ति और मानसिक शुद्धि के लिए किया जाता है।