दिसंबर कैलेंडर 2025 (December Calendar 2025): दिसंबर 2025 में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार आने वाले हैं, जो हमारे जीवन में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं। इन त्यौहारों में वैकुंठ एकादशी, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस, वरद चतुर्थी, गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी, और चंद्र दर्शन शामिल हैं।
इन त्यौहारों का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी है। ये त्यौहार हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को समझने और समृद्ध बनाने में मदद करते हैं। इन त्यौहारों के दौरान, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं।
इन त्यौहारों का महत्व इस प्रकार है कि यह हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करता है और हमें आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करता है। इन त्यौहारों के दौरान, लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर त्यौहार मनाते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। इस लेख में, हम आपको दिसंबर 2025 में आने वाले विशेष व्रत और त्यौहारों की एक पूरी लिस्ट प्रदान करेंगे, साथ ही हम आपको इन त्यौहारों के महत्व, उनके पीछे की कहानियों, और उनके आयोजन के तरीकों के बारे में भी बताएंगे।
आइए, इस लेख के माध्यम से हम दिसंबर 2025 में आने वाले विशेष व्रत और त्यौहारों के बारे में विस्तार से जानते हैं….
तारीख | दिन | त्यौहार |
01-12-2025 | सोमवार | गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी |
02-12-2025 | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत |
04-12-2025 | गुरुवार | मार्गशीर्ष पूर्णिमा, भारतीय नौसेना दिवस, अन्नपूर्णा जयंती |
05-12-2025 | शुक्रवार | रोहिणी व्रत |
07-12-2025 | रविवार | संकष्टी गणेश चतुर्थी |
11-12-2025 | गुरुवार | कालाष्टमी |
15-12-2025 | सोमवार | सफला एकादशी |
16-12-2025 | मंगलवार | धनु संक्रांति |
17-12-2025 | बुधवार | प्रदोष व्रत |
18-12-2025 | गुरुवार | मास शिवरात्रि |
19-12-2025 | शुक्रवार | अमावस्या |
21-12-2025 | रविवार | चंद्र दर्शन |
22-12-2025 | सोमवार | सोमवार व्रत |
24-12-2025 | बुधवार | राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस , वरद चतुर्थी |
25-12-2025 | गुरुवार | मदन मोहन मालवीय जयंती , क्रिसमस |
26-12-2025 | शुक्रवार | षष्टी |
27-12-2025 | शनिवार | दुर्गाष्टमी व्रत |
28-12-2025 | रविवार | गुरु गोबिंदसिंह जयंती |
30-12-2025 | मंगलवार | वैकुंठ एकादशी |
हिन्दू कैलेंडर दिसंबर, 2025 | December 2025 Hindu Calendar
ऊपर हम आपको दिसम्बर महीने के सभी त्योहारों की लिस्ट इमेज के माध्यम से प्राप्त करा रहे हैं जिसमें आप देख सकते हैं कि कौनसा त्यौहार किस तारीख को है और उसका शुभ मुहूर्त क्या है। आप इस इमेज को डाउनलोड कर सकते है और अपन मित्रो को शेयर कर सकते हैं।
यह भी पढ़े:- देवउठनी एकादशी | रमा एकादशी | पापांकुशा एकादशी | एकादशी | कामिका एकादशी | देवशयनी एकादशी | योगिनी एकादशी | निर्जला एकादशी | अपरा एकादशी मोहिनी एकादशी | मोक्षदा एकादशी
1. गीता जयंती | Geeta Jayanti
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन गीता जयंती का पवित्र पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन मोक्षदा एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में यह शुभ तिथि 1 दिसंबर, सोमवार को पड़ेगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्धभूमि में अर्जुन को गीता का अमृतमय उपदेश देकर धर्म, कर्तव्य और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त किया था।
- दिनांक- 1 दिसंबर 2025
- दिन- सोमवार
2. मोक्षदा एकादशी | Mokshada Ekadashi
मोक्षदा एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाली एक पवित्र तिथि है, जो मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है। इस दिन व्रत और पूजा-अर्चना के माध्यम से व्यक्ति अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का संकल्प करता है। मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी पर भगवान विष्णु की उपासना करने से जीव आत्मिक शुद्धि पाकर जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन किए गए दान-पुण्य और व्रत से न केवल व्यक्ति स्वयं बल्कि उसके पूर्वज भी मोक्ष प्राप्त करते हैं, जिससे यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।
- दिनांक- 1-दिसंबर 2025
- दिन- सोमवार
3. भौम प्रदोष व्रत | Bhauma Pradosh Vrat
किसी भी माह की त्रयोदशी तिथि को मनाए जाने वाला भौम प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र अनुष्ठान है। जब यह तिथि मंगलवार को पड़ती है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत के रूप में जाना जाता है। धार्मिक परंपराओं के अनुसार, इस व्रत का पालन करने और इसकी कथा सुनने या कहने से मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है। दिसंबर 2025 में भौम प्रदोष व्रत का यह शुभ दिन मंगलवार, 2 दिसंबर को आएगा, जब श्रद्धालु भगवान शिव की आराधना कर अपने जीवन को धन्य और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करेंगे।
- दिनांक- 2 दिसंबर 2025
- दिन- मंगलवार
4. अन्नपूर्णा जयंती | Annapurna Jayanti
अन्नपूर्णा देवी को धन-धान्य की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है, जिनकी कृपा से जीवन में समृद्धि और भरण-पोषण का संचार होता है। हर वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा के पावन दिन को अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह शुभ दिन 4 दिसंबर, गुरुवार को पड़ेगा। इस अवसर पर श्रद्धालु मां अन्नपूर्णा की विधिपूर्वक पूजा और व्रत का पालन करते हैं, ताकि उनके जीवन में अन्न और धन की कभी कमी न हो और उनके परिवार पर देवी की कृपा सदा बनी रहे।
- दिनांक- 4 दिसंबर 2025
- दिन- गुरूवार
5. मार्गशीर्ष पूर्णिमा | Margashirsha Purnima
मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि हर साल एक विशेष धार्मिक महत्व रखती है। इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली का वास होता है। इसे अगहन पूर्णिमा, मोक्षदायिनी पूर्णिमा और बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विशेष रूप से पूजा और व्रत रखने का महत्व है, जिससे न केवल भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है, बल्कि आत्मिक उन्नति भी होती है। यह पूर्णिमा तिथि भक्तों के लिए विशेष पुण्य अर्जन का अवसर प्रदान करती है। 2025 में यह पवित्र पूर्णिमा 4 दिसंबर को मनाई जाएगी, जब श्रद्धालु इसे श्रद्धा और आस्था के साथ मनाएंगे।
दिनांक- 4 दिसंबर
दिन- शनिवार
6. रोहिणी व्रत | Rohini Vrat
रोहिणी नक्षत्र, जो 27 नक्षत्रों में से एक है, का व्रत विशेष महत्व रखता है और इसे एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत सूर्योदय के बाद जब रोहिणी नक्षत्र प्रबल होता है, उस दिन किया जाता है। रोहिणी व्रत, जो साधारण व्रत से कहीं अधिक विशिष्ट है, श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाया जाता है। दिसंबर 2025 में यह व्रत शुक्रवार, 5 तारीख को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और व्रत करने से आशीर्वाद प्राप्त होने की मान्यता है, जो जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने में सहायक माना जाता है।
- दिनांक- 5 दिसंबर 2025
- दिन- शुक्रवार
7. संकष्टी चतुर्थी | Sankashti Chaturthi
संकष्टी चतुर्थी, भगवान गणेश की आराधना का एक विशेष पवित्र दिवस है, जो हर चंद्र महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। इस दिन विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से जीवन के सभी कष्टों का निवारण होता है और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। ऐसा माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के व्रत और विधिवत पूजा से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है, और उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। संकष्टी चतुर्थी 7 दिसंबर, रविवार को मनाई जाएगी
- दिनांक- 7 दिसंबर 2025
- दिन- रविवार
8. कालाष्टमी | Kalashtami
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु भगवान काल भैरव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। कालाष्टमी को भैरवाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। यह शुभ अवसर 11 दिसंबर 2025, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा, जब भक्तगण पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ भगवान काल भैरव की आराधना करेंगे, उनसे सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना करेंगे।
- दिनांक- 11 दिसंबर 2025
- दिन- गुरूवार
9. सफला एकादशी | Saphala Ekadashi
पौष माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को हर वर्ष श्रद्धा और भक्ति के साथ सफला एकादशी का पर्व मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार यह पवित्र एकादशी 15 दिसंबर 2025, सोमवार के दिन आएगी। मान्यता है कि सफला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। जो भी भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और उनकी आराधना करते हैं, उन्हें भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
- दिनांक- 15 दिसंबर 2025
- दिन- सोमवार
10. प्रदोष व्रत | Pradosh Vrat
प्रदोष व्रत, हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना का एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली व्रत है, जो हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत के पालन से समस्त दोषों का नाश होता है और इच्छित वरदान प्राप्त होते हैं। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने वाले भक्त जन्म-जन्मांतर के बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष के पथ पर अग्रसर होते हैं। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, जो सूर्यास्त से लेकर अगले 48 मिनट तक का विशेष समय होता है, इसे अत्यंत शुभ माना गया है। 2025 में दिसंबर माह में यह पर्व 17 दिसंबर, बुधवार को मनाया जाएगा
- दिनांक- 17 दिसंबर 2025
- दिन- बुधवार
11. मासिक शिवरात्रि | Masik Shivratri
मासिक शिवरात्रि, हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाने वाला पवित्र पर्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस दिन भक्तजन गहन भक्ति और पूर्ण समर्पण के साथ भगवान शिव की आराधना करते हैं और व्रत का पालन करते हैं। मासिक शिवरात्रि का यह शुभ अवसर 2025 में 18 दिसंबर, गुरुवार के दिन आएगा, जब श्रद्धालु भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करेंगे।
- दिनांक- 18 दिसंबर 2025
- दिन- गुरूवार
12. अमावस्या | Amavasya
अमावस्या, हिंदू पंचांग में वह विशेष दिन है जब आकाश में चंद्रमा अदृश्य हो जाता है। इसे सूर्य और चंद्रमा के मिलन का समय माना जाता है, जब दोनों एक ही राशि में स्थित होते हैं। अमावस्या को प्रतिपदा या प्रथमा भी कहा जाता है और इसे पितरों की तिथि के रूप में श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की ऊर्जा जल में समाहित हो जाती है। अमावस्या के दिन भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच और निशाचर प्राणियों की सक्रियता बढ़ जाती है, इसलिए इस दिन तामसिक भोजन और नशे से दूर रहना चाहिए। पीपल की परिक्रमा कर पीपल और भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा करना भी अत्यंत शुभ माना गया है। 2025 में यह अमावस्या 19 दिसंबर, शुक्रवार को आएगी।
- दिनांक- 19 दिसंबर 2025
- दिन- शुक्रवार
13. चंद्र दर्शन | Chandra Darshan
चंद्र दर्शन हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखने वाला अनुष्ठान है, जो अमावस्या के बाद आयोजित किया जाता है। इस दिन भक्तजन भगवान चंद्रमा की पूजा करते हैं, जब चंद्रमा अपनी पहली कोमल किरणों से रात्रि को आलोकित करता है। इस पवित्र अवसर पर चंद्र दर्शन से मानसिक शांति का अनुभव होता है, सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह अनुष्ठान आध्यात्मिक संतुलन और आशीर्वाद प्राप्ति का प्रतीक है। वर्ष 2025 के दिसंबर माह में चंद्र दर्शन का पावन पर्व 21 तारीख, रविवार को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 21 दिसंबर
- दिन- रविवार
14. वरद चतुर्थी | Varada Chaturthi
वरद चतुर्थी, हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला एक विशेष दिन है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा बड़े श्रद्धा भाव से की जाती है और व्रत का आयोजन किया जाता है। वरद चतुर्थी को विनायक चतुर्थी या तिलकुंद चतुर्थी भी कहा जाता है। इस पवित्र दिन पर भगवान गणेश के साथ-साथ चंद्रमा की भी पूजा की जाती है। वर्ष 2025 में यह शुभ अवसर 24 दिसंबर, बुधवार को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 24 दिसंबर 2025
- दिन- बुधवार
15. क्रिसमस | Christmas Day
क्रिसमस, जिसे बड़ा दिन भी कहा जाता है, ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पर्व है। यह हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है और इस दिन दुनिया भर में अधिकांश स्थानों पर अवकाश होता है। क्रिसमस के दिन से शुरू होकर 12 दिनों तक क्रिसमसटाइड का उत्सव मनाया जाता है। एन्नो डोमिनी (AD) काल प्रणाली के अनुसार, यीशु का जन्म 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था। यह पर्व प्रेम, शांति और भाईचारे का प्रतीक बनकर हर दिल में उल्लास फैलाता है।
- दिनांक- 25 दिसंबर 2025
- दिन- गुरूवार
16. षष्ठी | Shashthi
षष्ठी (Shashthi) का अर्थ है किसी पक्ष का छठा दिन, और हिंदू धर्म में इन्हें महादेवी का स्थान प्राप्त है। भगवती के रूप में पूजित षष्ठी देवी को बच्चों की रक्षक और कल्याणकारी शक्ति माना जाता है। उनकी आराधना हर शुक्रवार को की जाती है, लेकिन विशेष रूप से छठ पर्व के दौरान इनकी पूजा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। षष्ठी देवी को वनस्पति और प्रजनन की देवी के रूप में भी जाना जाता है। उन्हें माता षष्ठी और मातृ देवी के नाम से संबोधित किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वे ब्रह्मा की मानस पुत्री मानी जाती हैं। प्रतीकात्मक रूप से षष्ठी देवी को कई रूपों में दर्शाया गया है, जैसे मिट्टी का घड़ा, बरगद के वृक्ष या उसकी शाखा, या फिर ऐसे वृक्ष के नीचे रखे गए लाल पत्थर के रूप में। उनकी यह विविधता प्रकृति और जीवन की गहराइयों से उनके गहरे संबंध को दर्शाती है। दिसंबर 2025 में यह 26 दिसंबर, बुधवार को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 26 दिसंबर 2025
- दिन- बुधवार
17. दुर्गाष्टमी | Durgashtami
दुर्गाष्टमी का व्रत देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए समर्पित है। इस दिन श्रद्धालु पूरी भक्ति और श्रद्धा से मां दुर्गा की आराधना करते हैं। माना जाता है कि जो भक्त दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखते हैं और मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं, उन पर देवी विशेष अनुग्रह बरसाती हैं। वर्ष 2025 में यह पावन व्रत दिसंबर माह की 27 तारीख को, जो शनिवार का दिन होगा, पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा।
- दिनांक- 27 दिसंबर 2025
- दिन- शुक्रवार
18. वैकुंठ एकादशी | Vaikuntha Ekadashi
“वैकुंठ” शब्द भगवान विष्णु के दिव्य निवास स्थल को दर्शाता है, और एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्रमा के दो चरणों में से प्रत्येक का ग्यारहवां दिन होता है, जो उपवास और प्रार्थना के लिए अत्यधिक महत्व रखता है। वैकुंठ एकादशी, भगवान विष्णु के साथ-साथ विशेष रूप से भगवान कृष्ण की पूजा का एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। इस वर्ष, 2025 में यह पर्व 30 दिसंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा, जब श्रद्धालु भगवान विष्णु की विशेष आराधना करेंगे और मोक्ष की प्राप्ति के लिए उपवास रखेंगे।
- दिनांक- 30 दिसंबर 2025
- दिन- मंगलवार
इससे संबंधित लेख:- हिन्दू कैलेंडर जनवरी 2025 | फरवरी 2025 | मार्च 2025 | अप्रैल 2025 | मई 2025 | जून 2025 | जुलाई 2025 | अगस्त 2025 | सितम्बर 2025 | अक्टूबर 2025 | नवंबर 2025 | दिसंबर 2025
Conclusion
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (दिसंबर कैलेंडर 2025) यह लेख आपको पसंद आया होगा। तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s
Q. गीता जयंती कब मनाई जाती है?
Ans. गीता जयंती मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन मनाई जाती है। वर्ष 2025 में यह 1 दिसंबर, सोमवार को होगी।
Q. मोक्षदा एकादशी का महत्व क्या है?
Ans. मोक्षदा एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की उपासना से व्यक्ति के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह 2025 में दिसंबर माह में आएगी।
Q. भौम प्रदोष व्रत कब मनाया जाता है?
Ans. भौम प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को मंगलवार के दिन मनाया जाता है। दिसंबर 2025 में यह 2 दिसंबर को आएगा।
Q. अन्नपूर्णा जयंती कब मनाई जाती है?
Ans. अन्नपूर्णा जयंती मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है, जो 2025 में 4 दिसंबर, गुरुवार को पडे़गी।
Q. मार्गशीर्ष पूर्णिमा का धार्मिक महत्व क्या है?
Ans. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह 2025 में 4 दिसंबर को होगी।
Q. रोहिणी व्रत कब मनाया जाता है?
Ans. रोहिणी व्रत, रोहिणी नक्षत्र के प्रबल होने पर किया जाता है। दिसंबर 2025 में यह 5 दिसंबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा।