नवंबर कैलेंडर 2025 (November Festival List 2025): नवंबर 2025 में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार आने वाले हैं, जो हमारे जीवन में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं। इन त्यौहारों में षष्टी, विवाह पंचमी, सौभाग्य सुंदरी तीज, संकष्टी गणेश चतुर्थी, कार्तिक पूर्णिमा, देव दिवाली, कालभैरव जयंती, और दुर्गाष्टमी व्रत शामिल हैं। इन त्यौहारों का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी है।
ये त्यौहार हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को समझने और समृद्ध बनाने में मदद करते हैं। इन त्यौहारों के दौरान, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। इन त्यौहारों का महत्व इस प्रकार है कि यह हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करता है और हमें आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करता है। इन त्यौहारों के दौरान, लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर त्यौहार मनाते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। हम आपको नवंबर 2025 में आने वाले विशेष व्रत और त्यौहारों की एक पूरी लिस्ट प्रदान करेंगे, साथ ही हम आपको इन त्यौहारों के महत्व, उनके पीछे की कहानियों, और उनके आयोजन के तरीकों के बारे में भी बताएंगे।
तो चलिए इस विशेष लेख के माध्यम से हम नवंबर 2025 में आने वाले विशेष व्रत और त्यौहारों के बारे में विस्तार से जानते हैं….
तारीख | दिन | त्यौहार |
01-11-2025 | शनिवार | प्रबोधिनी एकादशी |
02-11-2025 | रविवार | तुलसी विवाह |
03-11-2025 | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत |
04-11-2025 | मंगलवार | मणिकर्णिका स्नान |
05-11-2025 | बुधवार | कार्तिक पूर्णिमा, देव दिवाली |
07-11-2025 | शुक्रवार | रोहिणी व्रत |
08-11-2025 | शनिवार | सौभाग्य सुंदरी तीज, संकष्टी गणेश चतुर्थी |
12-11-2025 | रविवार | कालभैरव जयंती |
15-11-2025 | सोमवार | उत्पन्ना एकादशी |
16-11-2025 | रविवार | वृश्चिक संक्रांति |
17-11-2025 | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत |
18-11-2025 | मंगलवार | मास शिवरात्रि |
20-11-2025 | गुरुवार | अमावस्या |
21-11-2025 | शुक्रवार | चंद्र दर्शन |
24-11-2025 | सोमवार | सोमवार व्रत |
25-11-2025 | मंगलवार | विवाह पंचमी |
26-11-2025 | बुधवार | षष्टी |
28-11-2025 | शुक्रवार | दुर्गाष्टमी व्रत |
30-11-2025 | रविवार | झंडा दिवस |
हिन्दू कैलेंडर नवंबर , 2025 | November 2025 Hindu Calendar
ऊपर हम आपको नवंबर महीने के सभी त्योहारों की लिस्ट इमेज के माध्यम से प्राप्त करा रहे हैं जिसमें आप देख सकते हैं कि कौनसा त्यौहार किस तारीख को है और उसका शुभ मुहूर्त क्या है। आप इस इमेज को डाउनलोड कर सकते है और अपन मित्रो को शेयर कर सकते हैं।
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1. प्रबोधिनी एकादशी | Prabodhini Ekadashi
प्रबोधिनी एकादशी, जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में आती है, को देवउठनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी का अत्यधिक महत्व है और इसे सभी व्रतों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। दिवाली के बाद आने वाली यह एकादशी खास होती है क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा के बाद क्षीरसागर से जागते हैं, जिससे इसे देवोत्थान एकादशी कहा जाता है। इस दिन, विशेष रूप से तुलसी विवाह का आयोजन भी किया जाता है, जो एक शुभ और धार्मिक कार्य है। यह दिन भगवान विष्णु के जागरण के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, जो हमारी आत्मा को जागृत करने का संदेश देता है। प्रबोधिनी एकादशी साल 2025 में 1 नवंबर दिन शनिवार, को मनाई जाएगी
- दिनांक- 1 नवंबर 2025
- दिन- शनिवार
2. तुलसी विवाह | Tulsi Vivah
तुलसी विवाह हिंदू धर्म में एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें तुलसी पौधे का विवाह भगवान विष्णु या उनके अवतार श्री कृष्ण के साथ किया जाता है। यह विवाह पर्व मानसून के समापन और विवाह के उपयुक्त समय का प्रतीक माना जाता है। 2025 में यह पवित्र उत्सव 2 नवंबर, रविवार को मनाया जाएगा। तुलसी विवाह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक नए आरंभ और सुख-समृद्धि की कामना का भी प्रतीक है।
- दिनांक- 2 नवंबर 2025
- दिन- रविवार
3. सोम प्रदोष व्रत | Som Pradosh Vrat
सोमवार के दिन पड़ने वाला प्रदोष व्रत, जिसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है, हर महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है, और शिव-शक्ति की आराधना के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है। 2025 में यह महत्वपूर्ण व्रत 3 नवंबर, सोमवार को मनाया जाएगा। यह व्रत भक्तों के लिए शांति, समृद्धि और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक अवसर होता है।
- दिनांक- 3 नवंबर 2025
- दिन- सोमवार
4. कार्तिक पूर्णिमा | Kartik Purnima
कार्तिक पूर्णिमा हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु, शिव, और ब्रह्मा की पूजा का दिन होता है। कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक महत्व अत्यधिक है, क्योंकि इसे “देव दीपावली” के रूप में मनाया जाता है, जिसमें भगवान विष्णु के साथ-साथ अन्य देवताओं की पूजा होती है। इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, तर्पण और दान करते हैं, ताकि वे पुण्य लाभ प्राप्त कर सकें। विशेष रूप से वाराणसी, हरिद्वार और अन्य तीर्थ स्थलों पर इस दिन लाखों भक्त एकत्र होते हैं। इसे दीपों की बारात और दीप जलाने का दिन भी माना जाता है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। कार्तिक पूर्णिमा का त्यौहार साल 2025 में 5 नवंबर दिन बुधवार, को मनाया जाएगा
- दिनांक- 5 नवंबर 2025
- दिन- बुधवार
5. देव दिवाली | Dev Diwali
देव दिवाली, जिसे कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है, हिन्दू धर्म का एक विशेष पर्व है। इसे “देवों की दिवाली” भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन देवता स्वर्ग में दीप जलाते हैं और धरती पर भक्तों द्वारा दीपमालिका से वातावरण को रोशन किया जाता है। यह पर्व भगवान शिव और विष्णु के साथ अन्य देवताओं की पूजा के लिए समर्पित होता है। कार्तिक माह की पूर्णिमा को देव दिवाली का आयोजन खास रूप से वाराणसी जैसे तीर्थ स्थलों पर बड़े धूमधाम से किया जाता है, जहां हजारों दीपों से घाटों को सजाया जाता है। इस दिन को पुण्य कमाने का विशेष अवसर माना जाता है, और श्रद्धालु नदियों में स्नान कर तर्पण और दान करते हैं। देव दिवाली, अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। देव दीपावली 5 नवंबर को मनाई जाएगी।
- दिनांक- 5 नवंबर 2025
- दिन– बुधवार
6. रोहिणी व्रत | Rohini Vrat
रोहिणी नक्षत्र, जो 27 नक्षत्रों में से एक है, का व्रत विशेष महत्व रखता है और इसे एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत सूर्योदय के बाद जब रोहिणी नक्षत्र प्रबल होता है, उस दिन किया जाता है। रोहिणी व्रत, जो साधारण व्रत से कहीं अधिक विशिष्ट है, श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाया जाता है। नवंबर 2025 में यह व्रत शुक्रवार, 7 तारीख को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और व्रत करने से आशीर्वाद प्राप्त होने की मान्यता है, जो जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाने में सहायक माना जाता है।
- दिनांक- 7 नवंबर 2025
- दिन- शुक्रवार
7. सौभाग्य सुंदरी तीज | Saubhagya Sundari Teej
सौभाग्य सुंदरी तीज, हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है, जो खासकर महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं विशेष रूप से भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी की पूजा करती हैं, ताकि उनके घर में सुख-शांति बनी रहे। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा किया जाता है, जो अपने पति की लंबी उम्र, सौभाग्य की प्राप्ति और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। 2025 में यह पवित्र व्रत 8 नवंबर, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं उपवासी रहते हुए अपने परिवार की समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगती हैं।
- दिनांक- 8 नवंबर 2025
- दिन- शनिवार
8. संकष्टी चतुर्थी | Sankashti Chaturthi
संकष्टी चतुर्थी, भगवान गणेश के सम्मान में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो हर चंद्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है। इस दिन विशेष रूप से गणेश जी की पूजा करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है। विश्वास किया जाता है कि इस व्रत से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। संकष्टी चतुर्थी को संकटहर चतुर्थी भी कहा जाता है, क्योंकि यह व्रत व्यक्ति के जीवन से संकटों को दूर करता है। यदि यह तिथि मंगलवार को पड़े, तो इसे अंगारकी संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है, जो विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। माघ महीने की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी, तिल चतुर्थी या माघी चतुर्थी भी कहा जाता है। 2025 में यह पवित्र व्रत 8 नवंबर को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 8 नवंबर 2025
- दिन- शनिवार
9. काल-भैरव जयंती | Kal Bhairav Jayanti
भैरव अष्टमी, जिसे भैरवाष्टमी, भैरव जयंती, काल-भैरव अष्टमी और काल-भैरव जयंती के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यंत पवित्र हिंदू पर्व है। यह दिन भगवान शिव के भयानक और क्रोधी रूप भैरव के प्रकट होने की स्मृति में मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से कार्तिक या मार्गशीर्ष माह के ढलते चंद्रमा के पखवाड़े में आठवें चंद्र दिवस पर पड़ता है। इस दिन की पूजा से भक्त भगवान भैरव के आशीर्वाद से भय, संकट और परेशानियों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। 2025 में यह महत्वपूर्ण पर्व 12 नवंबर, रविवार को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 12 नवंबर 2025
- दिन- रविवार
10. उत्पन्ना एकादशी | Utpanna Ekadashi
उत्पन्ना एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत आरोग्य, संतान प्राप्ति और मोक्ष की कामना से किया जाता है। मान्यता है कि किसी भी प्रकार की मानसिक समस्या इस व्रत के प्रभाव से समाप्त हो सकती है। यह पावन व्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। वर्ष 2025 में यह शुभ एकादशी 15 नवंबर, सोमवार को मनाई जाएगी, जब भक्तजन भगवान विष्णु की आराधना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
- दिनांक- 15 नवंबर 2025
- दिन- सोमवार
11. मासिक शिवरात्रि | Masik Shivratri
मासिक शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र पर्व है, जिसमें रात्रि समय की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन श्रद्धालु पूरी निष्ठा और भक्ति के साथ भगवान शंकर की आराधना करते हैं। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि पर की गई पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भक्तों पर महादेव की अपार कृपा बरसती है। यह दिव्य अवसर भगवान शिव की उपासना के माध्यम से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने का अवसर प्रदान करता है। वर्ष 2025 में मासिक शिवरात्रि 18 नवंबर मंगलवार को मनाई जाएगी।
- दिनांक- 18 नवंबर 2025
- दिन- मंगलवार
12. अमावस्या | Amavasya
अमावस्या, हिंदू पंचांग के अनुसार, माह की 30वीं तिथि और कृष्ण पक्ष का अंतिम दिन होता है, जिसे भारतीय परंपराओं में अत्यंत पवित्र माना गया है। इस दिन को धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों का केंद्र माना जाता है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। पितरों के तर्पण, आध्यात्मिक उपासना, और मानसिक शांति प्राप्ति के लिए यह दिन विशेष रूप से शुभ होता है। भारतीय जनजीवन में अमावस्या एक ऐसा अवसर है, जो श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। 2025 के नवंबर माह में अमावस्या 20 तारीख दिन गुरुवार को मनाई जाएगी।
- दिनांक- 20 नवंबर 2025
- दिन- गुरुवार
13. चंद्र दर्शन | Chandra Darshan
चंद्र दर्शन हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखने वाला अनुष्ठान है, जो अमावस्या के बाद आयोजित किया जाता है। इस दिन भक्तजन भगवान चंद्रमा की पूजा करते हैं, जब चंद्रमा अपनी पहली कोमल किरणों से रात्रि को आलोकित करता है। इस पवित्र अवसर पर चंद्र दर्शन से मानसिक शांति का अनुभव होता है, सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह अनुष्ठान आध्यात्मिक संतुलन और आशीर्वाद प्राप्ति का प्रतीक है। वर्ष 2025 के नवंबर माह में चंद्र दर्शन का पावन पर्व 21 तारीख, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 21 तारीख 2025
- दिन- शुक्रवार
14. विवाह पंचमी | Vivah Panchami
साल 2025 में विवाह पंचमी का पावन पर्व 25 नवंबर, मंगलवार को उल्लासपूर्वक मनाया जाएगा। इस शुभ दिन की तिथि 24 नवंबर की रात 9:22 बजे से प्रारंभ होकर 25 नवंबर की रात 10:56 बजे समाप्त होगी। हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला यह पर्व भगवान श्रीराम और माता सीता के पवित्र विवाह का स्मरण कराता है। इस अवसर पर श्रद्धालु भक्ति-भाव से पूजा-अर्चना करते हैं और इस दिव्य युगल के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की प्रेरणा लेते हैं।
- दिनांक- 25 नवंबर 2025
- दिन- मंगलवार
15. षष्ठी | Shashthi
षष्ठी (Shashthi) का अर्थ है किसी पक्ष का छठा दिन, और हिंदू धर्म में इन्हें महादेवी का स्थान प्राप्त है। भगवती के रूप में पूजित षष्ठी देवी को बच्चों की रक्षक और कल्याणकारी शक्ति माना जाता है। उनकी आराधना हर शुक्रवार को की जाती है, लेकिन विशेष रूप से छठ पर्व के दौरान इनकी पूजा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। षष्ठी देवी को वनस्पति और प्रजनन की देवी के रूप में भी जाना जाता है। उन्हें माता षष्ठी और मातृ देवी के नाम से संबोधित किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वे ब्रह्मा की मानस पुत्री मानी जाती हैं। प्रतीकात्मक रूप से षष्ठी देवी को कई रूपों में दर्शाया गया है, जैसे मिट्टी का घड़ा, बरगद के वृक्ष या उसकी शाखा, या फिर ऐसे वृक्ष के नीचे रखे गए लाल पत्थर के रूप में। उनकी यह विविधता प्रकृति और जीवन की गहराइयों से उनके गहरे संबंध को दर्शाती है। नवंबर 2025 में यह 26 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा।
- दिनांक- 26 नवंबर 2025
- दिन- बुधवार
16. दुर्गाष्टमी | Durgashtami
दुर्गाष्टमी का व्रत देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए समर्पित है। इस दिन श्रद्धालु पूरी भक्ति और श्रद्धा से मां दुर्गा की आराधना करते हैं। माना जाता है कि जो भक्त दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखते हैं और मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं, उन पर देवी विशेष अनुग्रह बरसाती हैं। वर्ष 2025 में यह पावन व्रत नवंबर माह की 28 तारीख को, जो शुक्रवार का दिन होगा, पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा।
- दिनांक- 28 नवंबर 2025
- दिन- शुक्रवार
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Conclusion
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (नवंबर कैलेंडर 2025) यह लेख आपको पसंद आया होगा। तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.com/ पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s
Q. प्रबोधिनी एकादशी को और किस नाम से जाना जाता है?
Ans. प्रबोधिनी एकादशी को देवउठनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
Q. तुलसी विवाह का धार्मिक महत्व क्या है?
Ans. तुलसी विवाह भगवान विष्णु और तुलसी पौधे का पवित्र अनुष्ठान है, जो सुख-समृद्धि और शुभ शुरुआत का प्रतीक है।
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Q. सोम प्रदोष व्रत का मुख्य उद्देश्य क्या है?
Ans. सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के माध्यम से शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
Q. कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली क्यों कहा जाता है?
Ans. कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली कहा जाता है क्योंकि इस दिन देवता दीप जलाते हैं और भक्त विशेष पूजा करते हैं।
Q. देव दिवाली का विशेष महत्व कहां देखा जाता है?
Ans. देव दिवाली का विशेष महत्व वाराणसी के घाटों पर देखा जाता है, जहां हजारों दीप जलाए जाते हैं।
Q. रोहिणी व्रत किस तिथि को मनाया जाता है?
Ans. रोहिणी व्रत रोहिणी नक्षत्र के दौरान सूर्योदय के बाद किया जाता है और यह सुख-समृद्धि का प्रतीक है।