मोती रत्न पहनने की विधि (Moti Ratna Pehenne ki Vidhi): मोती स्टोन (Moti), एक आकर्षक और दुर्लभ रत्न, ज्योतिष और आयुर्वेद में अपने अद्वितीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। यह रत्न चंद्रमा के साथ जुड़ा हुआ है, जो मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन और सौभाग्य का प्रतीक है। मोती स्टोन को पहनने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं, लेकिन इसके लिए सही ज्ञान और विधि का पालन करना आवश्यक है।
मोती स्टोन की महत्ता प्राचीन काल से ही ज्ञात है, जब राजा और महाराजा इसे अपने गले में पहनते थे। आज भी, मोती स्टोन को एक शक्तिशाली और आकर्षक रत्न माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है। लेकिन मोती स्टोन के बारे में कितना जानते हैं आप? क्या आप जानते हैं कि मोती स्टोन को कैसे पहचानें, कैसे पहनें, और क्या है इसका धारण मंत्र?
इस लेख में, हम आपको मोती (Moti) स्टोन के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। हम आपको बताएंगे कि मोती स्टोन क्या है, इसके पहनने के फायदे क्या होते हैं, और इसके विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी देंगे। तो आइए, जानें मोती स्टोन के बारे में और अपने जीवन को अधिक सार्थक बनाएं….
मोती रत्न क्या है? | Moti Ratna kya Hai
मोती (Moti) रत्न एक कीमती रत्न है जो समुद्र या झीलों में रहने वाले मोलस्क (oysters) के अंदर बनता है। यह रत्न कैल्सियम कार्बोनेट से बना होता है और इसकी विशेषता उसकी चमक, रंग और आकार में होती है। मोती का रंग सफेद, क्रीम, गुलाबी, काले और सुनहरे रंगों में पाया जा सकता है। यह रत्न प्राचीन काल से ही गहनों में प्रयोग किया जाता है और इसे धार्मिक दृष्टि से भी महत्व दिया जाता है। मोती का उपयोग आभूषणों, हार, कान की बालियों, और अंगूठियों में प्रमुख रूप से किया जाता है। मोती को ‘दया और शांति का प्रतीक’ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, यह रत्न मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करता है और इसे चंद्रमा ग्रह से संबंधित माना जाता है।
असली मोती की पहचान कैसे करें | Asli Moti ki Pehchan kaise kare
असली मोती (Asli Moti) की पहचान करने के 5 तरीके इस प्रकार हैं:
- मोती को छूने पर: असली मोती पहले ठंडे लगते हैं और धीरे-धीरे शरीर के तापमान के अनुसार गर्म हो जाते हैं जबकि नकली मोती कमरे के तापमान जितने ही रहते हैं।
- मोती की चमक देखकर: असली मोतियों में प्राकृतिक चमक और हल्का गुलाबी रंग होता है जबकि नकली मोती एकदम सफेद और अधिक चमकीले प्लास्टिक जैसे दिखते हैं।
- मोती के आकार और वजन से: असली मोती थोड़े अलग-अलग आकार और आमतौर पर अंडाकार होते हैं तथा वजन में भी भारी होते हैं। नकली मोती एकदम एक जैसे और हल्के होते हैं।
- मोती के छेद को देखकर: असली मोतियों में बहुत छोटा छेद होता है जबकि नकली मोतियों में ड्रिल से बना बड़ा छेद दिखता है।
- मोती को गौमूत्र में डालकर: असली मोती 24 घंटे गौमूत्र में डुबोने पर भी अपना रंग नहीं बदलते लेकिन नकली मोतियों का रंग बदल जाता है या चमक फीकी पड़ जाती है।
मोती धारण करने का समय | Moti Dharan karne ka Samay
- शुक्ल पक्ष के सोमवार को मोती (Moti) पहनना शुभ होता है, और पूर्णिमा के दिन भी इसे धारण किया जा सकता है। ज्योतिष के अनुसार, 7-8 रत्ती का मोती पहनना सबसे लाभकारी माना जाता है।
मोती धारण करने का समय | शुक्ल पक्ष के सोमवार को और पूर्णिमा के दिन |
मोती रत्न पहनने की विधि | Moti Ratna Pehne ki Vidhi
- मोती को साफ करना: मोती रत्न को धारण करने से पहले इसे कच्चे दूध या गंगाजल में कुछ समय के लिए डुबाकर साफ करें। यह सुनिश्चित करता है कि रत्न शुद्ध और ताजगी से भरा हुआ हो।
- चांदी की अंगूठी में सेट करना: मोती को चांदी की अंगूठी में सेट करना चाहिए, क्योंकि चांदी का धातु चंद्रमा से संबंधित होता है और यह मोती की ऊर्जा को बढ़ाता है।
- चंद्र मंत्र का जाप करना: मोती पहनने से पहले हाथ जोड़कर चंद्र मंत्र ‘ओम श्राम श्रीम श्रौम सः चंद्रमसे नमः’ का 108 बार जाप करें। यह मंत्र चंद्रमा की सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
- सही समय का चयन: मोती धारण करने के लिए शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार को आदर्श समय माना जाता है। यह दिन चंद्रमा की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है।
- सतर्कता और ध्यान: मोती को धारण करते समय ध्यान रखें कि आपका मन शांत और सकारात्मक हो। इस दौरान नकारात्मक विचारों से बचने की कोशिश करें, ताकि रत्न से अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके।
मोती रत्न धारण करने का मंत्र | Moti Ratna Dharan karne ka Mantra
- मोती (Moti) की अंगूठी पहनने से पहले इसे गंगाजल या कच्चे दूध में डुबोएं, फिर चंद्र मंत्र ‘ओम श्राम श्रीम श्रौम सः चंद्रमसे नमः’ का 108 बार जाप करें।
मोती रत्न धारण करने का शुभ मुहूर्त | Moti Ratna Dharan karne ka Shubh Muhurt
- मोती (Moti) धारण के लिए शुक्ल पक्ष के सोमवार का दिन शुभ माना जाता है, इसे आप पूर्णिमा के दिन भी पहन सकते हैं।
मोती रत्न किस उंगली में पहने | Moti Ratna kis Ungli Mein Pehne
- जिस हाथ से आप अधिकतर कार्य करते हैं, उसी हाथ की छोटी उंगली में मोती पहनना लाभकारी माना गया है।
मोती रत्न किस राशि को पहनना चाहिए | Moti Ratna Kis Rashi ko Pehenna Chahiye
- मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि के लोगों के लिए मोती धारण करना शुभ व लाभकारी माना जाता है।
मोती रत्न किस राशि को नहीं पहनना चाहिए | Moti Ratna kis Rashi ko Nahi Pehenna Chahiye
- रत्न शास्त्र के अनुसार, मकर, वृष, तुला और कुंभ राशि के जातकों को मोती (Moti) धारण करने से बचना चाहिए।
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Conclusion:-Moti Ratna pehenne ki Vidhi
आशा करते हैं की ( मोती – पहनने की विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कौन पहन सकता है, कौन नहीं) Moti Ratna Pehenne ki Vidhi से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-Moti Ratna Pehenne ki Vidhi
Q. मोती रत्न क्या है?
Ans. मोती (Moti) रत्न एक कीमती रत्न है जो मोलस्क (oysters) के अंदर बनता है और यह कैल्सियम कार्बोनेट से बना होता है। इसे गहनों में उपयोग किया जाता है और इसे शांति और दया का प्रतीक माना जाता है।
Q. असली मोती की पहचान कैसे करें?
Ans. असली मोती (Moti) को छूने पर वह ठंडा लगता है, उसकी चमक प्राकृतिक होती है और वह थोड़ा भारी होता है। नकली मोती में चमक अधिक होती है और वह हल्के होते हैं।
Q. मोती रत्न पहनने का शुभ समय कौन सा है?
Ans. मोती (Moti) रत्न शुक्ल पक्ष के सोमवार को पहनना शुभ होता है। पूर्णिमा के दिन भी इसे धारण किया जा सकता है।
Q. मोती रत्न धारण करने की विधि क्या है?
Ans. मोती रत्न को कच्चे दूध या गंगाजल में डुबाकर शुद्ध किया जाता है, फिर इसे चांदी की अंगूठी में सेट करके चंद्र मंत्र का जाप किया जाता है।
Q. मोती रत्न धारण करने का मंत्र क्या है?
Ans. मोती (Moti) रत्न धारण करने से पहले ‘ओम श्राम श्रीम श्रौम सः चंद्रमसे नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
Q. मोती रत्न किस उंगली में पहनना चाहिए?
Ans. मोती (Moti) रत्न को उसी हाथ की छोटी उंगली में पहनना चाहिए, जिस हाथ से आप अधिकतर कार्य करते हैं।
Disclaimer: इस लेख के द्वारा दी गई सभी जानकारियां इंटरनेट पर आधारित है। हम आपको बता दें कि janbhakti.in ऐसी मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है, इसलिए इन सभी टिप्स को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें ।