
जून एकादशी 2025 (Ekadashi Vrat June 2025): जून 2025 में दो महत्वपूर्ण एकादशी पड़ रही हैं – निर्जला एकादशी और योगिनी एकादशी। ये दोनों एकादशी हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखती हैं और भगवान विष्णु की आराधना और पूजा के लिए मनाई जाती हैं। निर्जला एकादशी और योगिनी एकादशी दोनों ही एकादशी हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का अवसर प्रदान करती हैं। ये एकादशी हमें सिखाती हैं कि कैसे हम अपने जीवन में शुभता और समृद्धि को बढ़ा सकते हैं।
जून 2025 में आने वाली दोनों एकादशी एक ऐसा अवसर है जो हमें अपने जीवन में आध्यात्मिक और धार्मिक ज्ञान को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। यह अवसर हमें सिखाता है कि कैसे हम अपने जीवन में शुभता और समृद्धि को बढ़ा सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जून की निर्जला एकादशी और योगिनी एकादशी कब है?, दोनों एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है?, इसका महत्व क्या है?, दोनों ही एकादशी की कथाएं क्या हैं?, दोनों एकादशी की पूजा विधि क्या है? और इन एकादशी को कैसे मनाया जाता है? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए, आइए हम जून 2025 में एकादशी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
तो आइए, जून 2025 में एकादशी के बारे में विस्तार से जानते हैं और इसके महत्व को समझते हैं….
निर्जला एकादशी क्या है? | Nirjala Ekadashi kya Hai?
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadasi) के नाम से जाना जाता है। इस व्रत में पानी तक का सेवन करना निषेध होता है, इसलिए इसे ‘निर्जला’ एकादशी कहते हैं। यह व्रत भक्तों के शरीर और आत्मा की शुद्धि के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
निर्जला एकादशी 2025 कब है? | Nirjala Ekadashi 2025 kab Hai?
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadasi) का व्रत 2025 में जोष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाएगा, जो 06 जून की रात 02:15 बजे से प्रारंभ होगी। यह तिथि 07 जून को सुबह 04:47 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, निर्जला एकादशी का आयोजन 06 जून को होगा, जबकि इस व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर, यानी 07 जून को किया जाएगा। इस दिन भक्त अपनी उपासना पूरी करने के बाद निर्जला एकादशी व्रत का पारण करेंगे, जो एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है।
निर्जला एकादशी का महत्व | Nirjala Ekadasi ka mahatva
- धार्मिक पुण्य: निर्जला एकादशी व्रत का पालन करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- शरीर की शुद्धि: इस व्रत में पानी तक नहीं पीने से शरीर की शुद्धि होती है और मानसिक एवं शारीरिक बल में वृद्धि होती है।
- भगवान विष्णु की कृपा: निर्जला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की पूजा का सर्वोत्तम अवसर है, जो भक्तों पर अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं।
निर्जला एकादशी की पूजा विधि | Nirjala Ekadasi ki puja vidhi
- स्नान: निर्जला एकादशी की पूजा से पहले शुद्धता के लिए भक्तों को विशेष स्नान करना चाहिए, ताकि शरीर और मन दोनों शुद्ध हो सकें।
- व्रत का संकल्प: व्रत प्रारंभ करते समय मन, वचन और क्रिया से पवित्र संकल्प लें कि आप निर्जला एकादशी का पालन पूरी श्रद्धा और निष्ठा से करेंगे।
- भगवान विष्णु की पूजा: पूजा स्थल पर भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति रखें और उनका ध्यान करें। दीपक जलाकर उनकी आराधना करें।
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” इस मंत्र का जाप करना चाहिए, जिससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
- व्रत की संपूर्ण रात जागरण: निर्जला एकादशी के दिन भक्तों को रातभर जागकर भजन, कीर्तन या रामकथा का श्रवण करना चाहिए, ताकि उनका मन भगवान में रमा रहे।
- पारण और भोजन: निर्जला एकादशी के बाद द्वादशी तिथि पर पारण करें और पवित्र व सरल भोजन ग्रहण करें, ताकि शरीर को शक्ति मिल सके।
निर्जला एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त | Nirjala Ekadasi 2025 shubh muhurat
घटना | तिथि | शुभ समय |
निर्जला एकादशी प्रारम्भ | 06 जून 2025 | रात 02:15 बजे |
निर्जला एकादशी का समापन | 07 जून 2025 | सुबह 04:47 बजे |
निर्जला एकादशी व्रत का पारण | 07 जून 2025 | द्वादशी तिथि पर |
योगिनी एकादशी क्या है? | Yogini Ekadashi kya hai?
आषाढ़ माह की पहली कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। यह विशेष दिन भगवान विष्णु की आराधना और व्रत के लिए समर्पित होता है। योगिनी एकादशी का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु अपने शयनकाल के लिए क्षीर सागर में प्रस्थान करते हैं। माना जाता है कि इस एकादशी पर उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और वे पुण्य के भागीदार बनते हैं।
योगिनी एकादशी 2025 कब है? | Yogini Ekadashi 2025 kab hai?
योगिनी एकादशी का व्रत साल 2025 में 21 जून, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन, आषाढ़ माह की एकादशी तिथि सुबह 7:18 बजे से शुरू होकर, 22 जून 2025 को सुबह 4:27 बजे तक समाप्त होगी। इसके साथ ही, योगिनी एकादशी व्रत पारण का शुभ मुहूर्त 22 जून को दोपहर 1:47 बजे से लेकर शाम 4:35 बजे तक रहेगा। यह समय भक्तों के लिए विशेष है, जब वे पूरे श्रद्धा भाव से व्रत का समापन कर सकेंगे।
योगिनी एकादशी का महत्व | Yogini Ekadashi ka mahatva
- पाप नाश और पुण्य की प्राप्ति: योगिनी एकादशी का व्रत पापों का नाश करता है और भक्तों को समृद्धि, सुख और पुण्य की प्राप्ति होती है।
- भगवान विष्णु की कृपा: इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है, जिससे भक्तों पर उनकी कृपा और आशीर्वाद बना रहता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: योगिनी एकादशी व्रत से व्यक्ति की आत्मा की शुद्धि होती है और मानसिक शांति व आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
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निर्जला एकादशी की पूजा विधि | Nirjala Ekadasi ki puja vidhi
- स्नान और शुद्धता: निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadasi) के दिन सुबह स्नान करके शुद्ध मन और शरीर से व्रत का संकल्प लें और पूजा प्रारंभ करें।
- व्रत का संकल्प: निर्जला एकादशी के व्रत की शुरुआत में, श्रद्धा पूर्वक संकल्प करें कि आप पूरे दिन बिना पानी पिए इस व्रत का पालन करेंगे।
- भगवान विष्णु की पूजा: पूजा स्थान पर भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति स्थापित करें, दीपक जलाएं और विशेष रूप से विष्णु मंत्रों का जाप करें।
- भजन और कीर्तन: दिनभर भजन, कीर्तन और भगवान के नाम का स्मरण करें, जिससे मन में भक्तिपूर्वक साधना बनी रहे।
- जागरण: निर्जला एकादशी के दिन रातभर जागरण करें और भगवान के भजन या कथा का श्रवण करें, ताकि मानसिक शांति मिले।
- पारण और आहार: व्रत समाप्ति पर द्वादशी तिथि को पारण करें और विशेष रूप से पवित्र आहार ग्रहण करें, जिससे शरीर को शक्ति मिल सके।
योगिनी एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त | Yogini Ekadashi 2025 shubh muhurat
घटना | तिथि | शुभ समय |
योगिनी एकादशी का व्रत | 21 जून 2025 | सुबह 7:18 बजे से शुरू |
आषाढ़ माह की एकादशी तिथि | 21 जून 2025 | सुबह 7:18 बजे से शुरू होकर |
तिथि समाप्ति | 22 जून 2025 | सुबह 4:27 बजे |
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Conclusion:-Ekadashi Vrat June 2025
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FAQ’s:-Ekadashi Vrat June 2025
Q. निर्जला एकादशी कब मनाई जाती है?
Ans. निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadasi) ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस वर्ष यह 6 जून 2025 को प्रारंभ होकर 7 जून को समाप्त होगी।
Q. निर्जला एकादशी के व्रत में क्या निषेध है?
Ans. निर्जला एकादशी के व्रत में पानी तक का सेवन करना निषेध होता है। इस दिन भक्तों को उपवास रखना होता है।
Q. निर्जला एकादशी के व्रत का महत्व क्या है?
Ans. निर्जला एकादशी का व्रत पुण्य की प्राप्ति, शरीर की शुद्धि और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर माना जाता है।
Q. योगिनी एकादशी कब मनाई जाती है?
Ans. योगिनी एकादशी आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की पहली एकादशी को मनाई जाती है। यह वर्ष 2025 में 21 जून को होगी।
Q. योगिनी एकादशी का व्रत किसके लिए समर्पित है?
Ans. योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) का व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है, जो इस दिन क्षीर सागर में शयन के लिए जाते हैं।
Q. योगिनी एकादशी के व्रत का महत्व क्या है?
Ans. योगिनी एकादशी का व्रत पापों के नाश, पुण्य की प्राप्ति और मानसिक शांति व आध्यात्मिक उन्नति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।