
दिसंबर एकादशी 2025 (Ekadashi December Vrat 2025): दिसंबर 2025 में दो महत्वपूर्ण एकादशी पड़ रही हैं – मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) और पौष पुत्रदा एकादशी (Pausha Putrada Ekadashi)। ये दोनों एकादशी हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखती हैं और भगवान विष्णु की आराधना और पूजा के लिए मनाई जाती हैं। मोक्षदा एकादशी और पौष पुत्रदा एकादशी दोनों ही एकादशी हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का अवसर प्रदान करती हैं।
ये एकादशी हमें सिखाती हैं कि कैसे हम अपने जीवन में शुभता और समृद्धि को बढ़ा सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि दिसंबर की मोक्षदा एकादशी और पौष पुत्रदा एकादशी कब है? दोनों एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है?, इसका महत्व क्या है? दोनों ही एकादशी की कथाएं क्या हैं? दोनों एकादशी की पूजा विधि क्या है? और इन एकादशी को कैसे मनाया जाता है? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिलेंगे।
साल 2025 के आखिरी महीने आने की दिसंबर में आने वाली इन दोनों ही एकादशियों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें…..
साल 2025 की सभी एकादशी (Ekadashi 2025 Date and Time)
तारीख | माह | दिन | आरंभ | समाप्त | एकादशी |
10 जनवरी | शुक्रवार | 12:22 अपराह्न, 09 जनवरी | प्रातः 10:19 बजे, 10 जनवरी | पौष पुत्रदा एकादशी |
25 जनवरी | शनिवार | 07:25 अपराह्न, 24 जनवरी | 25 जनवरी, रात्रि 08:31 बजे | षटतिला एकादशी |
8 फ़रवरी | शनिवार | रात्रि 09:26 बजे, 07 फरवरी | रात्रि 08:15 बजे, फरवरी 08 | जया एकादशी |
24 फरवरी | सोमवार | 01:55 अपराह्न, 23 फरवरी | 01:44 अपराह्न, 24 फरवरी | विजया एकादशी |
10 मार्च | सोमवार | प्रातः 07:45, मार्च 09 | प्रातः 07:44, मार्च 10 | आमलकी एकादशी |
25 मार्च | मंगलवार | प्रातः 05:05, मार्च 25 | प्रातः 03:45, मार्च 26 | पापमोचनी एकादशी |
26 मार्च | बुधवार | प्रातः 05:05, मार्च 25 | प्रातः 03:45, मार्च 26 | वैष्णव पापमोचनी एकादशी |
8 अप्रैल | मंगलवार | 08:00 अपराह्न, 07 अप्रैल | रात्रि 09:12 बजे, अप्रैल 08 | कामदा एकादशी |
24 अप्रैल | गुरुवार | 04:43 अपराह्न, 23 अप्रैल | 02:32 अपराह्न, 24 अप्रैल | वरुथिनी एकादशी |
8 मई | गुरूवार | प्रातः 10:19 बजे, 07 मई | 12:29 PM, 08 मई | मोहिनी एकादशी |
23 मई | शुक्रवार | 01:12 AM, 23 मई | रात्रि 10:29 बजे, 23 मई | अपरा एकादशी |
6 जून | शुक्रवार | 02:15 पूर्वाह्न, 06 जून | प्रातः 04:47, जून 07 | निर्जला एकादशी |
21 जून | शनिवार | प्रातः 07:18 बजे, 21 जून | प्रातः 04:27, जून 22 | योगिनी एकादशी |
22 जून | रविवार | प्रातः 07:18 बजे, 21 जून | प्रातः 04:27 बजे, 22 जून | गौना योगिनी एकादशी |
6 जुलाई | रविवार | सायं 06:58 बजे, 05 जुलाई | रात्रि 09:14 बजे, 06 जुलाई | देवशयनी एकादशी |
21 जुलाई | सोमवार | 12:12 अपराह्न, 20 जुलाई | प्रातः 09:38 बजे, 21 जुलाई | कामिका एकादशी |
5 अगस्त | मंगलवार | 11:41 पूर्वाह्न, 04 अगस्त | 01:12 अपराह्न, 05 अगस्त | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
19 अगस्त | मंगलवार | 05:22 अपराह्न, 18 अगस्त | 03:32 अपराह्न, 19 अगस्त | अजा एकादशी |
3 सितम्बर | बुधवार | 03:53 पूर्वाह्न, 03 सितंबर | प्रातः 04:21, सितम्बर 04 | पार्श्व एकादशी |
17 सितम्बर | बुधवार | 12:21 पूर्वाह्न, 17 सितंबर | रात्रि 11:39 बजे, 17 सितम्बर | इन्दिरा एकादशी |
3 अक्टूबर | शुक्रवार | 07:10 अपराह्न, 02 अक्टूबर | 06:32 अपराह्न, 03 अक्टूबर | पापांकुशा एकादशी |
17 अक्टूबर | शुक्रवार | प्रातः 10:35 बजे, 16 अक्टूबर | 11:12 पूर्वाह्न, 17 अक्टूबर | रमा एकादशी |
2 नवंबर | रविवार | प्रातः 09:11 बजे, 01 नवम्बर | प्रातः 07:31 बजे, 02 नवम्बर | देवउत्थान एकादशी |
15 नवंबर | शनिवार | 12:49 पूर्वाह्न, 15 नवंबर | 02:37 पूर्वाह्न, 16 नवंबर | उत्पन्ना एकादशी |
1 दिसंबर | सोमवार | रात्रि 09:29 बजे, 30 नवंबर | 07:01 अपराह्न, 01 दिसम्बर | मोक्षदा एकादशी |
15 दिसंबर | सोमवार | 06:49 अपराह्न, 14 दिसंबर | रात्रि 09:19 बजे | सफला एकादशी |
31 दिसंबर | बुधवार | प्रातः 07:50 बजे, 30 दिसम्बर | प्रातः 05:00 बजे, 31 दिसम्बर | पौष पुत्रदा एकादशी |
मोक्षदा एकादशी क्या है? | Mokshada Ekadashi kya Hai?
मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इसे पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत, श्री विष्णु पूजा और भगवद गीता का पाठ करने से जीवन के कष्ट समाप्त होते हैं। यह एकादशी मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है।
यह भी पढ़े:- रमा एकादशी व्रत कथा, ओम जय एकादशी माता आरती
मोक्षदा एकादशी 2025 कब है? | Mokshada Ekadashi 2025 kab Hai?
वर्ष 2025 में मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) 1 दिसंबर, सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना और व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, गीता जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है, क्योंकि इसी दिन श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद गीता का उपदेश दिया था।
मोक्षदा एकादशी का महत्व | Mokshada Ekadashi ka Mahatva
- मोक्ष प्राप्ति का दिन: इस एकादशी का नाम ही मोक्षदा है, अर्थात यह व्रत जीवन-मरण के बंधनों से मुक्ति दिलाने वाला है। इस दिन उपवास और पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- पापों का नाश: मोक्षदा एकादशी व्रत करने से जीवन के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, यह व्रत करने से पूर्व जन्मों के दोष भी समाप्त हो जाते हैं।
- श्रीमद्भगवद गीता का महत्व: मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती मनाई जाती है, क्योंकि इसी दिन श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इस दिन गीता पाठ करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
यह भी पढ़े:- पापांकुशा एकादशी पूजा विधि
मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि | Mokshada Ekadashi ki Puja Vidhi
- स्नान और संकल्प: प्रातःकाल पवित्र स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु की भक्ति का संकल्प करते हुए मोक्ष प्राप्ति की प्रार्थना करें।
- भगवान विष्णु की पूजा: श्री हरि विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराकर, चंदन, फूल, तुलसीदल और धूप-दीप अर्पित करें। विष्णु सहस्रनाम या श्रीमद्भगवद गीता का पाठ करें।
- व्रत और उपवास: एकादशी के दिन निराहार या फलाहार व्रत रखें। पूरे दिन मन, वचन और कर्म से पवित्र रहें। केवल सात्विक भोजन करें और अन्न तथा तामसिक पदार्थों से परहेज करें।
- भजन-कीर्तन और कथा श्रवण: संध्या के समय भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन करें। श्रीमद्भगवद गीता का पाठ करें और मोक्षदा एकादशी व्रत कथा सुनें, जिससे मन की शुद्धि और पुण्य की प्राप्ति होती है।
- दान-पुण्य और गरीबों की सेवा: इस दिन दान करने का विशेष महत्व है। अन्न, वस्त्र, और धन का दान करें। जरूरतमंदों को भोजन कराएं और गौ सेवा करें, जिससे अक्षय पुण्य और मोक्ष प्राप्ति होती है।
- रात्रि जागरण और हरि स्मरण: पूरी रात जागरण कर श्री हरि विष्णु का स्मरण करें। मंत्र जप करें, भगवान के भजन गाएं और अगले दिन प्रातःकाल व्रत का पारण कर पूर्ण श्रद्धा से उपवास समाप्त करें।
मोक्षदा एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त | Mokshada Ekadasi 2025 Shubh Muhurat
विवरण | तिथि | समय |
तिथि प्रारंभ | 30 नवंबर | रात 9:29 बजे |
तिथि समाप्त | 1 दिसंबर | शाम 7:01 बजे |
पारण समय | 2 दिसंबर | सुबह 6:57 बजे से 9:03 बजे तक |
पौष पुत्रदा एकादशी क्या है? | Pausha Putrada Ekadashi kya Hai?
पौष पुत्रदा एकादशी (Pausha Putrada Ekadashi) हिंदू कैलेंडर के अनुसार पौष माह की शुक्ल एकादशी को मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है। इस दिन उपवास और पूजा से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, जिससे संतान सुख की प्राप्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है।
यह भी पढ़े:- देवउठनी एकादशी | रमा एकादशी | पापांकुशा एकादशी | एकादशी | कामिका एकादशी | देवशयनी एकादशी | योगिनी एकादशी | निर्जला एकादशी | अपरा एकादशी मोहिनी एकादशी | मोक्षदा एकादशी , फरवरी
पौष पुत्रदा एकादशी 2025 कब है? | Pausha Putrada Ekadashi 2025 kab Hai?
2025 में पौष पुत्रदा एकादशी (Pausha Putrada Ekadashi) 30 दिसंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से संतान प्राप्ति के इच्छुक जोड़ों के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन व्रत और पूजा से संतान सुख और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
पौष पुत्रदा एकादशी का महत्व | Pausha Putrada Ekadashi ka Mahatva
- संतान सुख की प्राप्ति: पौष पुत्रदा एकादशी (Pausha Putrada Ekadashi) व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। यह विशेष रूप से संतान प्राप्ति की कामना करने वाले जोड़ों के लिए है।
- पुण्य की प्राप्ति: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से अनगिनत पुण्य मिलते हैं, जो जीवन में सुख और समृद्धि लाते हैं।
- व्रत के पुण्य से मोक्ष की प्राप्ति: इस दिन का व्रत रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है, जिससे जीवन में शांति और सद्गति मिलती है।
पौष पुत्रदा एकादशी की पूजा विधि | Pausha Putrada Ekadashi ki Puja Vidhi
- उपवास का पालन करें: इस दिन उपवास रखना चाहिए, सुबह से लेकर अगले दिन तक केवल जल का सेवन करें।
- भगवान विष्णु की पूजा करें: भगवान विष्णु के साथ उनकी पत्नी लक्ष्मी की पूजा करके उनके आशीर्वाद प्राप्त करें।
- मंत्र का जाप करें: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना चाहिए।
- पुत्रदा एकादशी व्रत कथा सुनें: इस दिन विशेष रूप से पौष पुत्रदा एकादशी की कथा सुनें।
- दान करें: इस दिन ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र दान करें, जिससे पुण्य की प्राप्ति हो।
- घर की सफाई करें: पूजा स्थल की सफाई और घर के वातावरण को शुद्ध रखें।
यह भी पढ़े:- लक्ष्मी माता चालीसा, श्री महालक्ष्मी मराठी कैलेंडर 2025, माता लक्ष्मी आरती
एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त | Pausha Putrada Ekadashi 2025 Shubh Muhurat
विवरण | तिथि | समय |
एकादशी तिथि आरंभ | 30 दिसंबर | सूर्योदय के पश्चात |
एकादशी तिथि समाप्त | 31 दिसंबर | सुबह 5:05 बजे |
व्रत पारण तिथि | 31 दिसंबर | सूर्योदय के पश्चात |
Conclusion:-Ekadashi December Vrat 2025
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (दिसंबर एकादशी 2025) Ekadashi December Vrat 2025 यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-Ekadashi December Vrat 2025
Q. मोक्षदा एकादशी का क्या महत्व है?
Ans. मोक्षदा एकादशी व्रत से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Q. मोक्षदा एकादशी पर कौन सा ग्रंथ पढ़ना चाहिए?
Ans. इस दिन श्रीमद्भगवद गीता का पाठ करना चाहिए, क्योंकि गीता जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है।
Q. मोक्षदा एकादशी का व्रत कैसे करना चाहिए?
Ans. इस दिन उपवास रखें, भगवान विष्णु की पूजा करें और भजन-कीर्तन करें।
Q. मोक्षदा एकादशी का पारण कब किया जाता है?
Ans. मोक्षदा एकादशी का पारण 2 दिसंबर 2025 को सुबह 6:57 बजे से 9:03 बजे तक किया जाएगा।
Q. पौष पुत्रदा एकादशी कब मनाई जाती है?
Ans. पौष पुत्रदा एकादशी पौष माह की शुक्ल एकादशी को मनाई जाती है, जो 30 दिसंबर 2025 को है।
Q. पौष पुत्रदा एकादशी का क्या महत्व है?
Ans. पौष पुत्रदा एकादशी संतान सुख की प्राप्ति के लिए व्रत रखने का विशेष दिन है।