
गुरुवार व्रत विधि Guruvar Vrat Vidhi): हिंदू धर्म में गुरुवार व्रत (Thursday fast) का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) और बृहस्पति देव (Brihaspati Dev) की पूजा की जाती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। गुरुवार को व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पारिवारिक जीवन में शांति बनी रहती है। गुरुवार व्रत क्या होता है?, कितने गुरुवार व्रत रहना चाहिए?, गुरुवार व्रत का महत्व क्या है? गुरुवार व्रत के फायदे क्या हैं और गुरुवार व्रत की पूजा विधि क्या है?
ये ऐसे प्रश्न हैं, जो इस व्रत को रखने वाले हर व्यक्ति के मन में आते हैं। यदि आप भी इस पवित्र व्रत के नियमों और इसके लाभों के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी होगा। लेकिन क्या हर व्यक्ति को यह व्रत करना चाहिए? और यदि करना चाहिए, तो कितने गुरुवार तक इसका पालन करना आवश्यक होता है? ऐसे कई सवाल हैं, जिनका उत्तर जानना जरूरी है, ताकि व्रत को सही विधि से किया जा सके और इसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो। ऐसा माना जाता है कि यह व्रत वैवाहिक जीवन की समस्याओं को दूर करता है, संतान सुख की प्राप्ति में सहायक होता है और आर्थिक समृद्धि लाने में मदद करता है।
तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें, इसमें आपको इस व्रत से जुड़ी हर आवश्यक जानकारी विस्तार से मिलेगी, जिससे आप इसे पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से कर सकें……
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गुरुवार व्रत क्या है? | Guruvar Vrat kya Hai?
गुरुवार व्रत (Guruvar vrat), जिसे बृहस्पतिवार व्रत भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण उपवास है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु और गुरु देव बृहस्पति की पूजा करते हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है जो शिक्षा, धन और समृद्धि की कामना करते हैं। इस दिन उपवास रखने से जीवन के कष्टों से मुक्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। भक्त इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं और चने की दाल, हलवा, और पीले फल का भोग अर्पित करते हैं। गुरुवार व्रत का पालन करने से व्यक्ति की इच्छाएं पूरी होने की मान्यता है। इसके साथ ही, यह व्रत परिवार में सुख-शांति और समर्पण का प्रतीक भी है।
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कितने गुरुवार व्रत रहना चाहिए? | Kitne Guruvar Vrat Rehna Chahiye?

गुरुवार व्रत (Thursday fast) की संख्या व्यक्ति की श्रद्धा, आवश्यकता और उद्देश्य पर निर्भर करती है। आमतौर पर, भक्त इस व्रत को लगातार 4, 8 या 12 गुरुवार तक रखने का प्रयास करते हैं। 4 गुरुवार का व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए होता है जो किसी विशेष समस्या का समाधान चाहते हैं या किसी विशेष इच्छा की पूर्ति करना चाहते हैं। वहीं, 8 गुरुवार का व्रत अधिक स्थायी लाभ और समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है। 12 गुरुवार का व्रत सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है और इसे पूर्णता के लिए किया जाता है। इस व्रत के दौरान भक्त को नियमित रूप से उपवास रखना होता है और भगवान विष्णु तथा गुरु बृहस्पति की पूजा करनी होती है। इसके अलावा, व्रत के अंत में दान और सेवा का महत्व भी है, जिससे व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है।
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गुरुवार व्रत का महत्व क्या है? | Guruvar Vrat ka Mahatva kya Hai?
गुरुवार व्रत (Thursday fast) का महत्व कुछ इस प्रकार निम्नलिखित है:
- धन और समृद्धि की प्राप्ति: गुरुवार व्रत का पालन करने से व्यक्ति को धन, समृद्धि और आर्थिक स्थिरता की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से व्यापारियों और छात्रों के लिए लाभकारी माना जाता है, क्योंकि यह उनके कार्यों में सफलता और प्रगति लाने में मदद करता है।
- शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि: इस व्रत के माध्यम से भक्त भगवान बृहस्पति की कृपा प्राप्त करते हैं, जो ज्ञान और शिक्षा के देवता माने जाते हैं। नियमित रूप से व्रत रखने से छात्रों को अध्ययन में सफलता और बुद्धिमत्ता में वृद्धि होती है, जिससे वे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो सकते हैं।
- कष्टों से मुक्ति: गुरुवार व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में आने वाले विभिन्न कष्टों और समस्याओं से मुक्ति मिलती है। यह व्रत मानसिक शांति और संतोष प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मकता और खुशहाली का अनुभव करता है।
- परिवार में सुख-शांति: इस व्रत का पालन करने से परिवार में सुख, शांति और सामंजस्य बना रहता है। भक्त अपने परिवार के सदस्यों के लिए भी प्रार्थना करते हैं, जिससे सभी के जीवन में खुशहाली और समर्पण का वातावरण बनता है।
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गुरुवार व्रत के क्या फायदे हैं? | Guruvar vrat ke kya Fayde Hain?
- आर्थिक समृद्धि: गुरुवार व्रत रखने से व्यक्ति को आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए लाभकारी होता है, क्योंकि यह उनके कार्यों में सफलता और वित्तीय स्थिरता लाने में मदद करता है।
- शिक्षा में सफलता: इस व्रत के माध्यम से भक्त भगवान बृहस्पति की कृपा प्राप्त करते हैं, जो ज्ञान और शिक्षा के देवता हैं। नियमित रूप से व्रत रखने से छात्रों को अध्ययन में सफलता, बुद्धिमत्ता और प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छे परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलती है।
- मानसिक शांति: गुरुवार व्रत रखने से व्यक्ति को मानसिक शांति और संतोष मिलता है। यह व्रत जीवन में सकारात्मकता लाता है, जिससे व्यक्ति अपने कष्टों और समस्याओं का सामना बेहतर तरीके से कर सकता है और एक खुशहाल जीवन जी सकता है।
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गुरुवार व्रत की पूजा विधि क्या है? | Guruvar Vrat ki Puja Vidhi kya Hai?
गुरुवार व्रत (Guruvar vrat) की पूजा विधि कुछ इस प्रकार निम्नलिखित है:
- स्नान और संकल्प: प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु या बृहस्पति देव की पूजा का संकल्प मन में धारण करें और दिनभर नियमपूर्वक व्रत रखने का निश्चय करें।
- पूजा स्थल की तैयारी: घर के पूजा स्थल को स्वच्छ करें और पीले वस्त्र से सजाएं। पीले फूल, हल्दी, चंदन, बेसन के लड्डू आदि पूजा सामग्री तैयार करें। भगवान विष्णु या बृहस्पति देव की प्रतिमा स्थापित करें।
- भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा: घी का दीप जलाकर भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की आराधना करें। हल्दी, चंदन, अक्षत, पीले पुष्प और प्रसाद अर्पित करें। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और बृहस्पति मंत्र का जाप करें।
- गुरुवार व्रत कथा का पाठ: पूजा के बाद गुरुवार व्रत कथा का पाठ करें। कथा सुनने या सुनाने से व्रत का पुण्य बढ़ता है और बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त होती है। श्रद्धा और भक्ति के साथ कथा का श्रवण करें।
- भोग और प्रसाद अर्पण: भगवान को चने की दाल, गुड़, पीले फल और बेसन से बने पकवानों का भोग लगाएं। प्रसाद को परिवारजनों और जरूरतमंदों में वितरित करें। इस दिन नमक रहित भोजन ग्रहण करना शुभ माना जाता है।
- दान-पुण्य का महत्व: व्रत के दिन जरूरतमंदों को पीले वस्त्र, चने की दाल, हल्दी, गुड़ और पीले फल दान करें। गुरु ग्रह को शुभ बनाने के लिए गरीबों को भोजन कराना और गौ सेवा करना लाभकारी होता है।
- संध्या आरती और व्रत पूर्णता: शाम को दीप प्रज्वलित कर भगवान विष्णु की आरती करें। व्रत का समापन प्रसाद ग्रहण करके करें। इस दिन केले के पेड़ की पूजा करना और जल चढ़ाना विशेष फलदायी माना जाता है।
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Conclusion
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FAQ’s:-Guruvar Vrat
Q. गुरुवार व्रत क्यों रखा जाता है?
Ans. गुरुवार व्रत (Guruvar vrat) भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है। यह व्रत धन, समृद्धि, शिक्षा और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
Q. गुरुवार व्रत में कौन से रंग के वस्त्र पहनने चाहिए?
Ans. इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि पीला रंग गुरु ग्रह और भगवान विष्णु से जुड़ा होता है।
Q. गुरुवार व्रत कितने दिनों तक करना चाहिए?
Ans. श्रद्धा और आवश्यकता के अनुसार 4, 8 या 12 गुरुवार तक यह व्रत किया जा सकता है। 12 गुरुवार व्रत को सबसे प्रभावशाली माना जाता है।
Q. गुरुवार व्रत के दौरान किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए?
Ans. इस दिन नमक, तेल और खट्टी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। भक्त केवल सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं।
Q. गुरुवार व्रत में किस देवता की पूजा की जाती है?
Ans. इस व्रत में भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा की जाती है ताकि उनकी कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त हो।
Q. गुरुवार व्रत के दिन कौन-सा भोग अर्पित किया जाता है?
Ans. भगवान को चने की दाल, गुड़, हलवा, बेसन के लड्डू और पीले फल अर्पित किए जाते हैं।