
लक्ष्मी जी की आरती (Laxmi ji ki Aarti): ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। दिवाली का पावन पर्व हमारे द्वार पर है। यह वह समय है जब हम अपने घरों को सजाते हैं, मिठाइयां बनाते हैं और अपने प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं। लेकिन दिवाली का असली महत्व तो धन और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी की पूजा में निहित है।
हिंदू धर्म में, माता लक्ष्मी को भाग्य, समृद्धि और खुशहाली की देवी के रूप में पूजा जाता है। दिवाली के दिन, हम उनकी विशेष पूजा करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं। Lakshmi Ji Ki Aarti लेकिन क्या आप जानते हैं कि माता लक्ष्मी की आरती का क्या महत्व है? माता लक्ष्मी की आरती न केवल उनकी स्तुति करने का एक तरीका है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि को आमंत्रित करने का एक शक्तिशाली साधन भी है। जब हम श्रद्धा और भक्ति के साथ आरती गाते हैं, तो हम अपने मन को शांत करते हैं और अपने आप को ईश्वर के प्रति समर्पित करते हैं। इस लेख में, हम माता लक्ष्मी की आरती की की लिरिक्स साझा करेंगे, हम आपके साथ एक पीडीएफ भी साझा कर रहे हैं जिसमें आरती के बोल शामिल हैं, ताकि आप इसे आसानी से डाउनलोड कर सकें और अपनी लक्ष्मी पूजा के दौरान इसका पाठ कर सकें।
तो कृपया माता लक्ष्मी की आरती से संबंधित हमारे इस विशेष लेख को अंत तक जरूर पढ़ें…
माता लक्ष्मी कौन हैं? (Mata Laxmi kaun Hain)

माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) हिंदू धर्म में धन, समृद्धि, वैभव और सौभाग्य की देवी हैं। उन्हें विष्णु भगवान (Vishnu Bhagwan) की पत्नी और शक्ति के रूप में माना जाता है। लक्ष्मी जी की पूजा विशेष रूप से दीपावली और धनतेरस जैसे पर्वों पर की जाती है, क्योंकि उन्हें जीवन में सुख-समृद्धि और आर्थिक स्थिरता प्रदान करने वाली देवी के रूप में देखा जाता है। उनके चार हाथ हैं, जो धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष के प्रतीक माने जाते हैं। देवी लक्ष्मी कमल के फूल पर विराजमान होती हैं, जो आध्यात्मिक और भौतिक संपन्नता का प्रतीक है। उन्हें लाल वस्त्र धारण किए हुए और सोने के सिक्कों की वर्षा करते हुए दर्शाया जाता है, जो जीवन में आर्थिक संपन्नता और सफलता लाने का प्रतीक है। भक्तगण लक्ष्मी जी की आराधना से जीवन में सुख, शांति और धन की प्राप्ति की कामना करते हैं।
लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स (Laxmi ji ki Aarti lyrics)
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
लक्ष्मी जी की आरती PDF (Laxmi ji ki Aarti PDF)
इस विशेष लेख के जरिए हम आपसे माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) की आरती से संबंधित एक विशेष पीडीएफ साझा कर रहे हैं, इस पीडीएफ (PDF) को डाउनलोड करके आप पूजा के दौरान माता लक्ष्मी की आरती (Mata Laxmi ki aarti) को सरलता पूर्वक पढ़ सकते हैं।
लक्ष्मी जी आरती PDF Downloadयहाँ अन्य आरती भी पढ़े:- बालाजी की आरती, शिव आरती | विष्णु आरती | हनुमानआरती | शनि देव आरती | मां अंबे आरती | लक्ष्मी आरती | कालरात्रि आरती | माता पार्वती आरती | सूर्य देव आरती | सत्यनारायण आरती | सरस्वती मां आरती, ओम जय जगदीश आरती, श्री सिद्धिविनायक आरती, ॐ जय गौरी नंदन – गणेश आरती, श्री बांके बिहारी तेरी आरती
Conclusion:-Lakshmi Ji Ki Aarti
आशा करते हैं की (लक्ष्मी जी की आरती “ॐ जय लक्ष्मी माता”) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:- Lakshmi Ji Ki Aarti
1. लक्ष्मी जी की आरती क्या है?
लक्ष्मी जी की आरती एक धार्मिक गीत है जो देवी लक्ष्मी की पूजा के समय गाया जाता है। इसे धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी जी के प्रति श्रद्धा और आभार व्यक्त करने के लिए गाया जाता है।
2. लक्ष्मी जी की आरती का महत्व क्या है?
लक्ष्मी जी की आरती का मुख्य उद्देश्य देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना है, जिससे व्यक्ति के जीवन में धन, ऐश्वर्य, और सुख-समृद्धि का वास होता है। दीपावली और विशेष पूजा-अर्चना के समय लक्ष्मी जी की आरती का विशेष महत्व होता है।
3. लक्ष्मी जी की आरती कब की जाती है?
लक्ष्मी जी की आरती विशेष रूप से शुक्रवार के दिन, दीपावली के समय, और धनतेरस के दिन की जाती है। इसके अलावा, कोई भी व्यक्ति प्रतिदिन प्रातः और संध्या के समय लक्ष्मी जी की आरती कर सकता है।
4. लक्ष्मी जी की आरती के क्या लाभ होते हैं?
लक्ष्मी जी की आरती करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। देवी लक्ष्मी की कृपा से घर में धन, समृद्धि और शांति बनी रहती है। साथ ही, मानसिक और आत्मिक शांति भी मिलती है।
5. लक्ष्मी जी की आरती कैसे गाई जाती है?
लक्ष्मी जी की आरती को शुद्ध मन और भक्तिभाव से गाया जाता है। इसे गाते समय घंटी बजाई जाती है और दीप जलाकर देवी लक्ष्मी की मूर्ति के सामने आरती की जाती है।
6. लक्ष्मी जी की आरती के समय किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है?
लक्ष्मी जी की आरती के समय सामान्यतः दीपक, फूल, धूप, कर्पूर, चंदन, और नैवेद्य का उपयोग किया जाता है। दीप जलाकर देवी की प्रतिमा के चारों ओर घुमाया जाता है और भक्त पूरी श्रद्धा से आरती गाते हैं।