मंगल दोष निवारण के उपाय (Mangal Dosh Nivaran ke Upay): ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली दोष माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। मंगल दोष (Mangal Dosh) के कारण व्यक्ति के विवाहित जीवन में परेशानियाँ आ सकती हैं, और इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मंगल दोष का कारण मंगल ग्रह की स्थिति होती है, जो व्यक्ति की जन्म कुंडली में इसकी स्थिति के आधार पर निर्धारित की जाती है।
मंगल दोष के निवारण के लिए कई उपाय हैं, Mangal Dosh Upay जिन्हें अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बना सकता है। इस लेख में, हम आपको मंगल दोष के कारण, निवारण और उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, हम आपको मांगलिक लड़कियों की विशेषताओं, उनकी शादी के उपायों और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में भी बताएंगे।
तो आइए, इस विशेष लेख के जरिए जानें मंगल दोष (Mangal dosh nivaran ke upay) के बारे में और अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बनाएं…
मंगल दोष क्या होता है? (Mangal Dosh kya Hota Hai)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें, या बारहवें भाव में स्थित हो, तो इसे मांगलिक दोष माना जाता है। इस दोष के प्रभाव से विवाह जीवन में अनेक चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसी मान्यता है कि मांगलिक दोष के कारण वैवाहिक संबंधों में कठिनाइयाँ आती हैं, जो विवाह के मार्ग में बाधाएँ पैदा कर सकती हैं और सुखी दांपत्य जीवन पर असर डाल सकती हैं।
मांगलिक दोष का काट क्या है? (Manglik Dosh ka kaat kya Hai)
यदि मंगल शुभ ग्रहों से घिरा हो, शुक्र द्वितीय भाव में स्थित हो, गुरु और मंगल एक साथ हों, या मंगल पर गुरु की दृष्टि हो, तो इसे मंगल दोष नहीं माना जाता। साथ ही, यदि वर या कन्या में से किसी एक की कुंडली के मांगलिक स्थान में मंगल हो और दूसरे की कुंडली के इन्हीं स्थानों में सूर्य, शनि, राहु, या केतु में से कोई ग्रह स्थित हो, तो मंगल दोष स्वतः ही समाप्त हो जाता है।
मांगलिक की शादी कब होती है? (Manglik ki Shadi kab Hoti Hai)
यदि किसी लड़के या लड़की में से कोई एक मांगलिक हो, लेकिन उनकी उम्र 28 वर्ष से अधिक हो चुकी है, तो इसे मांगलिक दोष के दायरे में नहीं माना जाता। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, 28 वर्ष की आयु के बाद मांगलिक दोष स्वतः समाप्त हो जाता है। ऐसे में, मांगलिक लड़की और गैर-मांगलिक लड़के के विवाह में कोई बाधा नहीं रहती, और वे विवाह सूत्र में बंध सकते हैं।
मांगलिक लड़की कैसी होती है? (Manglik Ladki kaisi Hoti Hai)
मांगलिक लड़कियों (Manglik Ladki) की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- स्वभाव: मांगलिक लड़कियों का स्वभाव आमतौर पर उग्र, आक्रामक और गर्म होता है। वे अक्सर बहुत जल्दी गुस्सा हो जाती हैं और फिर जल्दी ही शांत भी हो जाती हैं। मंगल दोष के कारण वे मानसिक तनाव का अनुभव कर सकती हैं जो उनके वैवाहिक जीवन में कलह का कारण बन सकता है।
- संबंध: मांगलिक लड़कियों को अक्सर दूसरों के साथ मधुर संबंध बनाए रखने में कठिनाई होती है। वे अपने आक्रामक स्वभाव के कारण अक्सर दूसरों के साथ बहस या झगड़ा कर बैठती हैं। इससे उनके निकट संबंध प्रभावित हो सकते हैं।
- विवाह: मंगल दोष का प्रमुख प्रभाव विवाह पर देखा जाता है। मांगलिक लड़कियों के लिए उपयुक्त जीवनसाथी ढूंढना एक चुनौती हो सकती है। यदि उनकी शादी गैर-मांगलिक पुरुष से होती है तो कुछ अनहोनी घटनाओं जैसे दुर्घटना या अकाल मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है। हालांकि, मांगलिक दोष के प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय भी सुझाए जाते हैं।
मांगलिक दोष के निवारण हेतु उपाय (Mangal Dosh Nivaran Hetu Upay)
- मंगल दोष पूजा: मंगल दोष के निवारण के लिए हनुमान जी की पूजा करें। हनुमान चालीसा का पाठ और मंगलवार के दिन व्रत रखने से मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
- रत्न धारण: मूंगा रत्न (मंगल का प्रतिनिधि) धारण करने से मंगल दोष शांत होता है। इसे धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह लेना आवश्यक है।
- दान और सेवा: मंगल दोष के प्रभाव को कम करने के लिए लाल वस्त्र, गुड़, मसूर की दाल, तांबे के बर्तन आदि का दान करें। गरीबों की सेवा करने से भी दोष कम होता है।
- मंत्र जाप: “ॐ अं अंगारकाय नमः” मंत्र का नियमित जाप करें। इस मंत्र को मंगलवार के दिन 108 बार जपने से मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
- विवाह उपाय: मंगल दोष वाले व्यक्ति को मंगल दोष वाले ही साथी से विवाह करना चाहिए। इसके अलावा, कुंडली मिलान करके शुभ मुहूर्त में विवाह करने से दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
मांगलिक दोष (Manglik Dosh) के निवारण हेतु उपाय निम्नलिखित हैं-
- मंगल शांति पूजा: मांगलिक दोष के उपायों में सबसे अधिक प्रचलित उपाय मंगल शांति पूजा को माना गया है। यह पूजा आंशिक रूप से मांगलिक दोष को दूर कर सकती है। इसके लिए मंगल देवता की पूजा करें और उनके गुणों का स्मरण करते हुए मंत्रों का जाप करें।
- बड़े मंगल पर हनुमान पूजा: बड़े मंगल के दिन हनुमानजी को चोला अर्पित करें और मंदिर में ध्वजा का दान करें। साथ ही हनुमानजी के चरण से सिंदूर लेकर उसका टीका माथे पर लगाएं। बंदरों को गुड़ व चना भी खिलाएं। ऐसा करने से मंगल दोष दूर होता है और हनुमानजी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
- लाल वस्त्र और मसूर दाल का दान: बड़े मंगल के पावन दिन पर लाल वस्त्र धारण कर हनुमानजी के दर्शन करें और श्रद्धा भाव से सुंदरकांड का पाठ करें। इसके बाद, लाल कपड़े में दो मुट्ठी मसूर की दाल बांधकर किसी जरूरतमंद या गरीब व्यक्ति को दान में अर्पित करें। इस उपाय से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों में कमी आती है और जीवन में शुभता का संचार होता है।
- मंगल से संबंधित वस्तुओं का दान: बड़े मंगल के दिन किसी ब्राह्मण या क्षत्रिय को गेहूं, माचिस, तांबा, गुड़, लाल चंदन, मसूर दाल, लाल फूल, अनार, मिष्ठान, स्वर्ण, दक्षिणा, भूमि आदि मंगल से संबंधित चीजों का दान करें। साथ ही अपने घर में लाल फूल या पौधे का वृक्ष लगाकर उसकी देखभाल भी करें।
- मंगलवार व्रत और मंत्र जाप: मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए लड़के या लड़की बड़े मंगल से मंगलवार के व्रत की शुरुआत करें और इस व्रत को कम से कम 21 मंगलवार अवश्य करें। इस दिन लाल वस्त्र पहनकर हनुमानजी की पूजा करें और सुबह के समय हनुमान चालीसा का पाठ करें और शाम के समय मंगल मंत्र का जाप करें।
मंगल दोष के क्या उपाय हैं? (Mangal Dosh ke kya Upay Hain)
- मंगल पूजा: मंगल ग्रह की पूजा करने से मंगल दोष के नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं। मंगल पूजा में मंगल ग्रह को प्रार्थनाएं और भेंट अर्पित की जाती हैं।
- मंगल मंत्र: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंगल मंत्र का 11,000 बार जाप करने से मंगल दोष के प्रभाव कम होने में मदद मिल सकती है।
- मंगल यंत्र: मंगल यंत्र की पूजा करने से भी मंगल दोष के प्रभाव कम हो सकते हैं। मंगल यंत्र पूजा मंगलवार को करने की सिफारिश की जाती है।
- रत्न धारण करना: मंगल ग्रह से संबंधित रत्न जैसे मूंगा या हीरा पहनने से मंगल दोष के प्रभाव कम हो सकते हैं। रत्न पहनने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
- मंगलवार को उपवास: मंगल ग्रह से जुड़े दिन मंगलवार को उपवास रखने से मंगल दोष के प्रभाव कम हो सकते हैं। इस दिन हल्का, शाकाहारी भोजन करने की सिफारिश की जाती है।
- दान-पुण्य करना: गरीबों को दान देना या स्थानीय धर्मार्थ संस्थाओं में स्वयंसेवक के रूप में काम करना जैसे पुण्य कार्य करने से मंगल दोष के नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं। ऐसे दयालुता के कार्यों से मंगल के नकारात्मक प्रभावों का मुकाबला करने में मदद मिल सकती है।
- दो मांगलिकों का विवाह: यदि दोनों साथी मांगलिक हैं, तो माना जाता है कि वे एक-दूसरे के नकारात्मक प्रभावों को नष्ट कर सकते हैं। इसे “मांगलिक मैच” कहा जाता है और मंगल दोष वाले लोगों के लिए एक व्यवहार्य समाधान माना जाता है।
मांगलिक दोष के उपाय (Manglik Dosh ke Upay)
मांगलिक दोष (Manglik Dosh) के उपाय निम्नलिखित हैं:
- मंगल पूजा करना: मंगल देव की पूजा करके मांगलिक दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। इस पूजा को एक जानकार पुजारी या ज्योतिषी के मार्गदर्शन में किया जाना चाहिए। मंगलवार के दिन विशेष रूप से मंगल पूजा करना लाभकारी माना जाता है।
- मांगलिक रत्न धारण करना: मूंगा या लाल मणि जैसे मंगल ग्रह से जुड़े रत्नों को पहनने से मांगलिक दोष का प्रभाव कम हो सकता है। हालांकि, किसी भी रत्न को पहनने से पहले एक जानकार ज्योतिषी से परामर्श करना महत्वपूर्ण है क्योंकि अनुचित उपयोग से और जटिलताएं हो सकती हैं।
- कुंडली मिलान करना: शादी से पहले जन्म कुंडलियों का मिलान करने से मांगलिक दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। इससे दंपति के बीच सामंजस्य सुनिश्चित होता है और वैवाहिक समस्याओं की संभावना कम होती है। कुंडली मिलान एक महत्वपूर्ण उपाय है जिसे विवाह से पहले अवश्य करना चाहिए।
मांगलिक लड़की की शादी के उपाय (Manglik Ladki ki Shadi ke Upay)
मांगलिक लड़की (manglik) की शादी के तीन प्रमुख उपाय इस प्रकार हैं:
- मांगलिक दोष निवारण पूजा: मांगलिक दोष को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है जिसमें पंडित या पुजारी मंत्रों का जाप करते हैं। कुंभ विवाह भी एक विकल्प है जिसमें लड़की का विवाह केले के पेड़ से कराया जाता है।
- मांगलिक दोष निवारण रत्न और व्रत: मांगलिक लड़कियां मूंगा या पुखराज रत्न धारण कर सकती हैं जो मंगल के प्रभाव को कम करता है। सोमवार का व्रत रखना और हनुमान चालीसा का पाठ करना भी मांगलिक दोष दूर करने में मददगार माना जाता है।
- उचित जीवनसाथी का चयन: मांगलिक लड़की को मांगलिक लड़के से ही शादी करनी चाहिए। अगर यह संभव न हो तो राहु, केतु या सूर्य से प्रभावित मांगलिक जातक से भी विवाह किया जा सकता है। विवाह के लिए शुभ समय और गुण मिलान का भी ध्यान रखना चाहिए।
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मांगलिक लड़की की शादी के उपाय (Manglik Ladki ki Shadi ke Upar)
मांगलिक लड़की की शादी के समय और उससे जुड़े ज्योतिषीय पहलुओं पर निम्नलिखित पाँच प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:
- उचित समय और महीने: मांगलिक लड़की की शादी के लिए माघ, फाल्गुन, वैशाख और ज्येष्ठ के महीने अत्यधिक शुभ माने जाते हैं। इन महीनों में विशेष शुभ मुहूर्त और तिथियों पर विवाह करने से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।
- गुण मिलान: ज्योतिष में वर और वधू के गुणों का मिलान (गुण मिलान) बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह मिलान दोनों की कुंडली के अनुकूलता को दर्शाता है और विवाह के बाद एक सुखी और समृद्ध वैवाहिक जीवन के लिए आवश्यक माना जाता है।
- उम्र का प्रभाव: यदि वर और वधू दोनों की आयु 28 वर्ष से अधिक है और उनमें से एक मध्यम मांगलिक है, तो ज्योतिषीय दृष्टि से विवाह में मांगलिक दोष का प्रभाव कम हो जाता है, जिससे विवाह में समस्याओं की संभावना घटती है।
- मांगलिक दोष कम करने के उपाय: मांगलिक दोष (Manglik Dosh) को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जैसे कि लड़की का पहले घाट या अश्वत्थ विवाह कराना, भात पूजा या मंगल देव का अभिषेक करना, घर में केसरिया गणपति की स्थापना करना, मंगलवार को दान करना, और प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना।
- मांगलिक दोष का असर: मांगलिक दोष (Manglik Dosh) के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को कम करने के लिए ये उपाय महत्वपूर्ण माने जाते हैं। उचित ज्योतिषीय उपायों से मांगलिक दोष का प्रभाव कम हो सकता है और एक सुखद वैवाहिक जीवन की संभावना बढ़ जाती है।
मांगलिक ladki की शादी कब होती है? (Manglik Ladki ki Shadi ke Hoti Hai)
अगर वर या वधू में से कोई एक मांगलिक हो, लेकिन दोनों की उम्र 28 वर्ष से अधिक हो, तो इसे मांगलिक दोष के रूप में नहीं देखा जाता। 28 वर्ष की आयु के बाद मांगलिक दोष का प्रभाव स्वतः कम हो जाता है, जिससे मांगलिक लड़की का विवाह किसी गैर-मांगलिक लड़के से भी बिना किसी बाधा के संपन्न किया जा सकता है।
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Conclusion:-Mangal Dosh Nivaran ke upay
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FAQ’s:-Mangal Dosh Nivaran ke upay
Q. मांगलिक दोष क्या है?
Ans. मांगलिक दोष (Manglik dosh) तब होता है जब कुंडली में मंगल ग्रह पहले, चौथे, सातवें, आठवें, या बारहवें भाव में होता है, जिससे वैवाहिक जीवन में कठिनाइयाँ आ सकती हैं।
Q. मांगलिक दोष के क्या प्रभाव होते हैं?
Ans. मांगलिक दोष (Manglik dosh) के कारण विवाह में देरी, वैवाहिक कलह और जीवनसाथी की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
Q. मांगलिक दोष का प्रभाव कब कम हो जाता है?
Ans. जब वर या वधू की आयु 28 वर्ष से अधिक हो जाती है, तब ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार मांगलिक दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
Q. मांगलिक दोष का क्या उपाय है?
Ans. मांगलिक दोष (Manglik Dosh) के उपायों में मंगल शांति पूजा, हनुमानजी की पूजा, और मंगलवार का उपवास शामिल हैं।
Q. मांगलिक दोष निवारण के लिए कौन सा रत्न पहनना?
Ans. मांगलिक दोष (manglik Dosh) से निवारण के लिए मूंगा (कोरल) या पुखराज रत्न पहनना लाभकारी माना जाता है।
Q. मांगलिक दोष का क्या समाधान है यदि दोनों साथी मांगलिक हों?
Ans. यदि दोनों साथी मांगलिक हों, तो उनकी शादी को सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि यह दोष एक-दूसरे के प्रभाव को कम कर देता है।