
अप्रैल एकादशी 2025 (April Ekadashi Vrat 2025): अप्रैल 2025 में दो महत्वपूर्ण एकादशी पड़ रही हैं – वरूथिनी एकादशी और कामदा एकादशी। ये दोनों एकादशी हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखती हैं और भगवान विष्णु की आराधना और पूजा के लिए मनाई जाती हैं। वरूथिनी एकादशी और कामदा एकादशी दोनों ही एकादशी हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का अवसर प्रदान करती हैं।
ये एकादशी हमें सिखाती हैं कि कैसे हम अपने जीवन में शुभता और समृद्धि को बढ़ा सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अप्रैल की वरूथिनी एकादशी और कामदा एकादशी कब है? दोनों एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है? और इसका महत्व क्या है?, दोनों ही एकादशी की कथाएं क्या हैं? दोनों एकादशी की पूजा विधि क्या है? और इन एकादशी को कैसे मनाया जाता है? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आपको यह लेख पूरा पढ़ना होगा।
अप्रैल 2025 में एकादशी एक ऐसा अवसर है जो हमें अपने जीवन में आध्यात्मिक और धार्मिक ज्ञान को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। तो आइए, अप्रैल 2025 में आने वाली दोनों ही एकादशी के बारे में विस्तार से जानते हैं और इसके महत्व को समझने का प्रयास करते हैं…..
साल 2025 की सभी एकादशी (Ekadashi 2025 Date and Time)
तारीख | माह | दिन | आरंभ | समाप्त | एकादशी |
10 जनवरी | शुक्रवार | 12:22 अपराह्न, 09 जनवरी | प्रातः 10:19 बजे, 10 जनवरी | पौष पुत्रदा एकादशी |
25 जनवरी | शनिवार | 07:25 अपराह्न, 24 जनवरी | 25 जनवरी, रात्रि 08:31 बजे | षटतिला एकादशी |
8 फ़रवरी | शनिवार | रात्रि 09:26 बजे, 07 फरवरी | रात्रि 08:15 बजे, फरवरी 08 | जया एकादशी |
24 फरवरी | सोमवार | 01:55 अपराह्न, 23 फरवरी | 01:44 अपराह्न, 24 फरवरी | विजया एकादशी |
10 मार्च | सोमवार | प्रातः 07:45, मार्च 09 | प्रातः 07:44, मार्च 10 | आमलकी एकादशी |
25 मार्च | मंगलवार | प्रातः 05:05, मार्च 25 | प्रातः 03:45, मार्च 26 | पापमोचनी एकादशी |
26 मार्च | बुधवार | प्रातः 05:05, मार्च 25 | प्रातः 03:45, मार्च 26 | वैष्णव पापमोचनी एकादशी |
8 अप्रैल | मंगलवार | 08:00 अपराह्न, 07 अप्रैल | रात्रि 09:12 बजे, अप्रैल 08 | कामदा एकादशी |
24 अप्रैल | गुरुवार | 04:43 अपराह्न, 23 अप्रैल | 02:32 अपराह्न, 24 अप्रैल | वरुथिनी एकादशी |
8 मई | गुरूवार | प्रातः 10:19 बजे, 07 मई | 12:29 PM, 08 मई | मोहिनी एकादशी |
23 मई | शुक्रवार | 01:12 AM, 23 मई | रात्रि 10:29 बजे, 23 मई | अपरा एकादशी |
6 जून | शुक्रवार | 02:15 पूर्वाह्न, 06 जून | प्रातः 04:47, जून 07 | निर्जला एकादशी |
21 जून | शनिवार | प्रातः 07:18 बजे, 21 जून | प्रातः 04:27, जून 22 | योगिनी एकादशी |
22 जून | रविवार | प्रातः 07:18 बजे, 21 जून | प्रातः 04:27 बजे, 22 जून | गौना योगिनी एकादशी |
6 जुलाई | रविवार | सायं 06:58 बजे, 05 जुलाई | रात्रि 09:14 बजे, 06 जुलाई | देवशयनी एकादशी |
21 जुलाई | सोमवार | 12:12 अपराह्न, 20 जुलाई | प्रातः 09:38 बजे, 21 जुलाई | कामिका एकादशी |
5 अगस्त | मंगलवार | 11:41 पूर्वाह्न, 04 अगस्त | 01:12 अपराह्न, 05 अगस्त | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
19 अगस्त | मंगलवार | 05:22 अपराह्न, 18 अगस्त | 03:32 अपराह्न, 19 अगस्त | अजा एकादशी |
3 सितम्बर | बुधवार | 03:53 पूर्वाह्न, 03 सितंबर | प्रातः 04:21, सितम्बर 04 | पार्श्व एकादशी |
17 सितम्बर | बुधवार | 12:21 पूर्वाह्न, 17 सितंबर | रात्रि 11:39 बजे, 17 सितम्बर | इन्दिरा एकादशी |
3 अक्टूबर | शुक्रवार | 07:10 अपराह्न, 02 अक्टूबर | 06:32 अपराह्न, 03 अक्टूबर | पापांकुशा एकादशी |
17 अक्टूबर | शुक्रवार | प्रातः 10:35 बजे, 16 अक्टूबर | 11:12 पूर्वाह्न, 17 अक्टूबर | रमा एकादशी |
2 नवंबर | रविवार | प्रातः 09:11 बजे, 01 नवम्बर | प्रातः 07:31 बजे, 02 नवम्बर | देवउत्थान एकादशी |
15 नवंबर | शनिवार | 12:49 पूर्वाह्न, 15 नवंबर | 02:37 पूर्वाह्न, 16 नवंबर | उत्पन्ना एकादशी |
1 दिसंबर | सोमवार | रात्रि 09:29 बजे, 30 नवंबर | 07:01 अपराह्न, 01 दिसम्बर | मोक्षदा एकादशी |
15 दिसंबर | सोमवार | 06:49 अपराह्न, 14 दिसंबर | रात्रि 09:19 बजे | सफला एकादशी |
31 दिसंबर | बुधवार | प्रातः 07:50 बजे, 30 दिसम्बर | प्रातः 05:00 बजे, 31 दिसम्बर | पौष पुत्रदा एकादशी |
कामदा एकादशी क्या है? | Kamada Ekadashi Kya Hai?

कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इसे ‘फलदा एकादशी’ भी कहा जाता है, क्योंकि इसका पालन करने से व्यक्ति को इच्छित फल की प्राप्ति होती है। यह व्रत पापों के नाश और दोषों से मुक्ति दिलाने वाली मानी गई है।
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कामदा एकादशी 2025 कब है? | Kamada Ekadashi 2025 Kab Hai?
वर्ष 2025 में कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का शुभ अवसर 8 अप्रैल को आएगा। एकादशी तिथि का प्रारंभ 7 अप्रैल 2025 की रात 8:00 बजे से होगा और यह 8 अप्रैल 2025 की रात 9:12 बजे तक जारी रहेगी। श्रद्धालु इस एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करेंगे।
कामदा एकादशी का महत्व क्या है? | Kamada Ekadashi Ka Mahatva Kya Hai?
- पापों से मुक्ति: कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का व्रत रखने से व्यक्ति को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो अपने किए गए पापों का प्रायश्चित करना चाहते हैं।
- इच्छाओं की पूर्ति: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। यह व्रत उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपने जीवन में सुख और समृद्धि की कामना करते हैं।
- सुख और समृद्धि: कामदा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। यह व्रत आर्थिक और मानसिक समृद्धि के लिए भी लाभकारी माना जाता है।
कामदा एकादशी व्रत विधि | Kamada Ekadashi Vrat Vidhi
- स्नान और ध्यान: कामदा एकादशी के दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद, ध्यान और प्रार्थना करें।
- व्रत का संकल्प: व्रत रखने से पहले मन में दृढ़ संकल्प करें कि आप पूरे दिन उपवास रखेंगे। संकल्प करते समय भगवान से अपनी इच्छाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।
- भोजन का त्याग: एकादशी के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। फल, दूध या सूखे मेवे का सेवन कर सकते हैं।
- पूजा विधि: दिनभर उपवास के बाद, शाम को भगवान श्री विष्णु की पूजा करें। पूजा में दीपक जलाएं, फूल, फल और नैवेद्य अर्पित करें।
- रात्रि जागरण: एकादशी की रात जागरण करना शुभ माना जाता है। इस रात भजन-कीर्तन करें और भगवान की कथा सुनें।
कामदा एकादशी शुभ मुहूर्त | Kamada Ekadashi Shubh Muhurat
विवरण | तिथि और समय |
कामदा एकादशी की तिथि | मंगलवार, 8 अप्रैल 2025 |
एकादशी तिथि प्रारंभ | 7 अप्रैल 2025 को रात 8:00 बजे |
एकादशी तिथि समाप्त | 8 अप्रैल 2025 को रात 9:00 बजे |
पारण का शुभ मुहूर्त | 9 अप्रैल 2025 को सुबह 6:02 बजे से 8:34 बजे तक |
वरूथिनी एकादशी क्या है? | Varuthini Ekadashi kya Hai?
वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण व्रत है, जो हर वर्ष वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के मधुसूदन स्वरूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
वरूथिनी एकादशी 2025 कब है? | Varuthini Ekadashi 2025 kab Hai?
वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) की तिथि 23 अप्रैल 2025, शाम 4:45 बजे से प्रारंभ होगी और 24 अप्रैल 2025, दोपहर 2:35 बजे समाप्त होगी। व्रत पारण का शुभ समय 25 अप्रैल 2025 को सुबह 5:46 बजे से लेकर 8:30 बजे तक रहेगा, जो कुल 2 घंटे 37 मिनट का समय है।
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वरूथिनी एकादशी का महत्व क्या है? | Varuthini Ekadashi ka Mahatva kya Hai?
- पापों का नाश: वरूथिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। यह व्रत श्रद्धा और भक्ति से किया जाए तो व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- सुख-समृद्धि की प्राप्ति: इस एकादशी का व्रत करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। भक्तों का मानना है कि इस दिन भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ दूर होती हैं।
- स्वास्थ्य और दीर्घायु: वरूथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का व्रत स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए भी लाभकारी माना जाता है। उपवास और साधना से शरीर को शुद्धि मिलती है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
वरूथिनी एकादशी शुभ मुहूर्त | Varuthini Ekadashi Shubh Muhurat
विवरण | तिथि | शुभ मुहूर्त |
वरूथिनी एकादशी प्रारंभ | 23 अप्रैल 2025 | शाम 4:45 बजे |
वरूथिनी एकादशी समाप्त | 24 अप्रैल 2025 | दोपहर 2:35 बजे |
व्रत पारण का शुभ समय | 25 अप्रैल 2025 | सुबह 5:46 से 8:30 बजे तक (2 घंटे 37 मिनट) |
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Conclusion:-April Ekadashi Vrat 2025
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FAQ’s:-April Ekadashi Vrat 2025
Q. कामदा एकादशी कब मनाई जाती है?
Ans. कामदा एकादशी चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है और 2025 में यह 8 अप्रैल को आएगी।
Q. कामदा एकादशी का क्या महत्व है?
Ans. यह एकादशी सभी पापों का नाश करती है और भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण कर सुख-समृद्धि प्रदान करती है।
Q. कामदा एकादशी की व्रत विधि क्या है?
Ans. इस दिन प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लिया जाता है, भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और रात्रि जागरण किया जाता है।
Q. वरूथिनी एकादशी कब मनाई जाती है?
Ans. वरूथिनी एकादशी वैशाख कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है और 2025 में यह 23-24 अप्रैल को होगी।
Q. वरूथिनी एकादशी का महत्व क्या है?
Ans. इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Q. वरूथिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त 2025 में क्या है?
Ans. यह 23 अप्रैल 2025 को शाम 4:45 बजे से 24 अप्रैल दोपहर 2:35 बजे तक रहेगी, और पारण 25 अप्रैल को होगा।