
अंबाजी मंदिर, गुजरात Ambaji Mandir Gujarat:– भारत के प्रमुख शक्ति पीठों में से एक अंबाजी मंदिर (Ambaji Temple) देवी अंबा का एक पावन धाम है, जो गुजरात के सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों में एक अमूल्य रत्न के रूप में स्थित है। यह मंदिर केवल अपनी आध्यात्मिक शक्ति के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि इसकी प्राचीन वास्तुकला और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि इसे एक अनूठी पहचान देती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंबाजी मंदिर बनासकांठा कहां स्थित है? इस मंदिर का निर्माण कब और किसके द्वारा किया गया था?
इस शक्ति पीठ का पौराणिक इतिहास क्या है? क्या यह किसी विशेष धार्मिक परंपरा या कथा से जुड़ा हुआ है? इसके अलावा, इस मंदिर की स्थापत्य शैली भी इसे अन्य शक्ति पीठों से अलग बनाती है। अंबाजी मंदिर की वास्तुकला कैसी है? क्या इसमें कोई विशेष विशेषताएं हैं? यदि आप इस पावन धाम के दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको यह जानना आवश्यक है कि अंबाजी मंदिर, बनासकांठा तक कैसे पहुंचे? क्या यहां तक जाने के लिए कोई विशेष मार्ग या परिवहन सुविधा उपलब्ध है? साथ ही, कई लोग जानना चाहते हैं कि अंबाजी मंदिर में प्रवेश शुल्क क्या है? क्या इस मंदिर के दर्शन के लिए किसी विशेष नियम का पालन करना आवश्यक है?
इन सभी सवालों के उत्तर और अंबाजी मंदिर (Ambaji Temple), बनासकांठा से जुड़ी अद्भुत जानकारियों को जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें…..
अंबाजी मंदिर, बनासकांठा कहां है? | Ambaji Temple, Banaskantha kahan Hai?
गुजरात (Gujarat) के बनासकांठा जिले में स्थित अंबाजी मंदिर (Ambaji Temple), अरावली पर्वतमाला की सुरम्य तलहटी में बसा एक दिव्य तीर्थस्थल है। यह पवित्र मंदिर गुजरात-राजस्थान की सीमा के समीप अंबाजी शहर में स्थित है और अपने धार्मिक महत्व के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। अंबाजी मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, जहाँ देवी सती का हृदय गिरा था, जिससे यह स्थान आध्यात्मिक रूप से अत्यंत पावन माना जाता है। यहाँ माँ अंबाजी की पूजा किसी मूर्ति के रूप में नहीं, बल्कि श्रीयंत्र के रूप में की जाती है, जिसे देवी का स्वयंभू विग्रह माना जाता है। यही विशेषता इसे अन्य शक्ति पीठों से अलग और विशिष्ट बनाती है, जिससे लाखों श्रद्धालु यहाँ आकर माता के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
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बनासकांठा अंबाजी मंदिर का इतिहास क्या है? | Ambaji Temple, Banaskantha ka itihas kya hai?
अंबाजी मंदिर (Ambaji Temple) का इतिहास अनगिनत शताब्दियों पुराना है और यह दिव्य शक्ति की आराधना का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना स्त्री शक्ति के सम्मान में की गई थी, जिसे सृष्टि की ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत माना जाता है।
हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित शक्ति पीठों की कथा के अनुसार, यह वही स्थान है जहाँ देवी सती का हृदय गिरा था, जब भगवान शिव उनके शरीर को लेकर तांडव नृत्य कर रहे थे। यह मंदिर शक्ति पीठों की महान परंपरा का अभिन्न अंग है, जिनकी स्थापना सती के विखंडित अंगों के धरती पर गिरने से हुई थी। अंबाजी मंदिर इस दिव्य श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण केंद्र है और इसे अत्यंत पवित्र माना जाता है।
शताब्दियों से यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। समय के साथ, इसके स्वरूप में कई नवीनीकरण और विस्तार हुए हैं, जिससे इसकी भव्यता और दिव्यता में निरंतर वृद्धि हुई है। आज भी, यहाँ लाखों भक्त देवी अंबा के आशीर्वाद के लिए पहुँचते हैं, और यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक रूप से भी एक गौरवशाली धरोहर के रूप में प्रतिष्ठित है।
अम्बाजी मंदिर गुजरात Shree Arasuri Ambaji Mata Temple
શ્રી આરાસુરી અંબામાં મંદિર અંબાજી
Ta.Danta, Dist.B.k, Khodiyar Chowk, Ambaji, Gujarat 385110
गुजरात-राजस्थान सीमा पर अरासुर पर्वत पर स्थित है।
PIN code: 385110
District: Banaskantha
Website:-ambajitemple.in
Ambaji Mandir Gujarat – Location Map
अम्बाजी मंदिर गुजरात फोटो | Ambaji Mandir Gujarat Photo





अंबाजी मंदिर, बनासकांठा की वास्तुकला कैसी है? | Ambaji Temple, Banaskantha ki Vastu-kala kaisi Hai?
- भव्य हिंदू मंदिर शैली: अंबाजी मंदिर (Ambaji Temple) पारंपरिक हिंदू मंदिर वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। इसका विशाल प्रवेश द्वार, कलात्मक रूप से अलंकृत स्तंभ और आकाश को छूता हुआ भव्य शिखर इसे देखने वालों को अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
- नक्काशी और मूर्तिकला: मंदिर की दीवारों, स्तंभों और छतों पर बारीक नक्काशी की गई है, जो पौराणिक दृश्यों और देवी-देवताओं की आकृतियों को दर्शाती है। ये अद्भुत कारीगरी न केवल सौंदर्यशास्त्र को बढ़ाती है बल्कि भक्तों की आस्था को भी गहराई प्रदान करती है।
- विशिष्ट गर्भगृह संरचना: अंबाजी मंदिर का गर्भगृह विशेष रूप से ध्यान आकर्षित करता है, क्योंकि यहाँ देवी की पारंपरिक मूर्ति नहीं है। इसके स्थान पर एक पवित्र यंत्र स्थापित है, जिसे दिव्य शक्ति का प्रतीक माना जाता है और यह मंदिर की आध्यात्मिक विशेषता को और बढ़ाता है।
- कलात्मक दीवारें और छत: मंदिर की दीवारें और छतें अत्यंत आकर्षक कलाकृतियों से सजी हुई हैं। इन पर की गई उकेरन प्राचीन भारतीय शिल्पकला के उत्कृष्ट उदाहरणों में से एक है, जो यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को दिव्यता और ऐतिहासिकता का एहसास कराती है।
- आध्यात्मिक और वास्तुशिल्पीय महत्व: इस मंदिर की स्थापत्य कला इसे न केवल धार्मिक रूप से बल्कि वास्तुशिल्पीय दृष्टि से भी अनमोल बनाती है। देवी का यंत्र स्वरूप, उत्कृष्ट नक्काशी और भव्य संरचना इसे अन्य मंदिरों से अलग पहचान देते हैं, जिससे यह श्रद्धालुओं के लिए आस्था और कला का संगम बन जाता है।
अंबाजी मंदिर, बनासकांठा का महत्व क्या है? | Ambaji Temple, Banaskantha ka Mahatva kya Hai?
- 51 शक्ति पीठ में से एक: अंबाजी मंदिर (Ambaji Temple), 51 शक्तिपीठों में से एक, माना जाता है जहाँ माँ सती का हृदय गिरा था। इस दिव्य स्थल को शक्ति का प्रमुख केंद्र माना जाता है, जो भक्तों को ऊर्जा प्रदान करता है।
- नवरात्रि के आयोजन: नवरात्रि के दौरान, अंबाजी मंदिर (Ambaji Temple) में गरबा, भजन-कीर्तन और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो भक्तों को भावनात्मक उन्माद में डुबो देते हैं और आध्यात्मिक आनंद का अद्भुत अनुभव कराते हैं।
- तंत्र साधना: यह मंदिर तंत्र साधना का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहाँ तांत्रिक मंत्र सिद्धि करते हैं, क्योंकि यह स्थल दिव्य शक्तियों से परिपूर्ण माना जाता है, जो आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है।
अंबाजी मंदिर, बनासकांठा कैसे पहुंचे? | Ambaji Temple, Banaskantha kaise Pahunche?
- अंबाजी मंदिर पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन अबू रोड है, जो मंदिर से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित है। यहाँ से टैक्सी और बस की सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध हैं।
- हवाई मार्ग से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए निकटतम हवाईअड्डा उदयपुर है, जो लगभग 185 किमी दूर है। यहाँ से सड़क मार्ग द्वारा अंबाजी तक पहुँचा जा सकता है।
- सड़क मार्ग से अंबाजी मंदिर जाने के लिए अहमदाबाद-पालनपुर हाईवे सबसे सुगम मार्ग है। गुजरात और राजस्थान के विभिन्न शहरों से नियमित बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।
अंबाजी मंदिर, बनासकांठा में प्रवेश शुल्क क्या है? | Ambaji Temple, Banaskantha Me Pravesh Shulk kya Hai?
S NO | विवरण | शुल्क |
1 | दर्शन हेतु निःशुल्क प्रवेश | कोई शुल्क नहीं |
2 | विशेष पूजा करवाने की सुविधा | ₹51 से ₹501 तक |
3 | निजी वाहनों के लिए पार्किंग | ₹30 से ₹100 तक |
Conclusion:-Ambaji Mandir Gujarat
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (अंबाजी मंदिर, बनासकांठा: इतिहास, वास्तुकला, महत्व और प्रवेश शुल्क) Ambaji Mandir Gujarat यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s
Q. अंबाजी मंदिर, बनासकांठा कहाँ स्थित है?
Ans. अंबाजी मंदिर (Ambaji Temple) गुजरात के बनासकांठा जिले में, अरावली पर्वतमाला की तलहटी में स्थित है, जो राजस्थान की सीमा के पास अंबाजी शहर में है।
Q. अंबाजी मंदिर को शक्तिपीठ क्यों माना जाता है?
Ans. अंबाजी मंदिर (Ambaji Temple) 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ देवी सती का हृदय गिरा था, इसलिए यह स्थान आध्यात्मिक रूप से अत्यंत पवित्र माना जाता है।
Q. अंबाजी मंदिर में देवी की पूजा किस रूप में होती है?
Ans. इस मंदिर में देवी अंबाजी की पूजा किसी मूर्ति के रूप में नहीं, बल्कि श्रीयंत्र के रूप में की जाती है, जिसे देवी का स्वयंभू विग्रह माना जाता है।
Q. अंबाजी मंदिर की वास्तुकला की विशेषता क्या है?
Ans. मंदिर की वास्तुकला में भव्य शिखर, अलंकृत स्तंभ, उत्कृष्ट नक्काशी और पौराणिक मूर्तिकला शामिल हैं, जिससे इसकी दिव्यता और भव्यता बढ़ती है।
Q. अंबाजी मंदिर में नवरात्रि का क्या महत्व है?
Ans. नवरात्रि के दौरान मंदिर में गरबा, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिससे श्रद्धालु आध्यात्मिक आनंद का अनुभव करते हैं।
Q. अंबाजी मंदिर पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन कौन सा है?
Ans. अंबाजी मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन अबू रोड है, जो मंदिर से लगभग 20 किमी दूर स्थित है।