
सूर्य मंदिर, मोढेरा Sun Temple Modhera:- भारत की प्राचीन मंदिर स्थापत्य कला और सूर्य उपासना का एक अद्भुत संगम मोढेरा का सूर्य मंदिर है, जो गुजरात के ऐतिहासिक खजाने में एक अनमोल रत्न की तरह चमकता है। Sun Temple Modhera History in Hindi यह मंदिर न केवल अपनी धार्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी उत्कृष्ट वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व इसे एक अनूठी पहचान देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सूर्य मंदिर, मोढेरा कहां स्थित है? इस मंदिर का निर्माण कब और किसके द्वारा किया गया था? सूर्य मंदिर, मोढेरा का इतिहास क्या है? क्या यह मंदिर किसी विशेष धार्मिक परंपरा से जुड़ा हुआ है?
इसके अलावा, इस मंदिर की स्थापत्य शैली भी इसे विशिष्ट बनाती है सूर्य मंदिर, मोढेरा की वास्तुकला कैसी है? क्या यह अन्य सूर्य मंदिरों से अलग है? यदि आप इस भव्य धरोहर के दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको यह जानना आवश्यक है कि सूर्य मंदिर, मोढेरा कैसे पहुंचे? क्या यहां तक जाने के लिए कोई विशेष मार्ग या साधन उपलब्ध है? साथ ही, कई लोग जानना चाहते हैं कि सूर्य मंदिर, मोढेरा में प्रवेश शुल्क क्या है? क्या इस मंदिर के दर्शन के लिए किसी विशेष नियम का पालन करना आवश्यक है?
इन सभी सवालों के उत्तर और सूर्य मंदिर, मोढेरा से जुड़ी अद्भुत जानकारियों को जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें। यह आपको इस भव्य मंदिर के ऐतिहासिक, धार्मिक और वास्तुशिल्पीय चमत्कारों से परिचित कराएगा और आपको एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव देगा।
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मोढेरा का सूर्य मंदिर कहां है | Sun Temple Modhera kahan Hai?

सूर्य मंदिर, मोढेरा (Sun Temple) भारत के गुजरात राज्य में, मेहसाणा जिले के मोढेरा गांव में स्थित एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर है। यह अहमदाबाद से लगभग 100 किलोमीटर दूर पुष्पावती नदी के तट पर बना हुआ है। 11वीं शताब्दी में सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम के शासनकाल में निर्मित इस मंदिर का मुख्य देवता सूर्य भगवान हैं। अपनी उत्कृष्ट स्थापत्य कला और अद्भुत नक्काशी के कारण यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्मारक है। हालांकि, वर्तमान में यहां पूजा-अर्चना नहीं होती है। मंदिर का परिसर तीन प्रमुख भागों में विभाजित है—गर्भगृह (गुढमंडप), सभा मंडप (रंगमंडप) और एक भव्य सीढ़ीदार जलाशय (सूर्य कुंड)। दिसंबर 2022 में इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति की अस्थायी सूची में शामिल किया गया, जिससे इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता और अधिक बढ़ गई।
मोढेरा सूर्य मंदिर मेहसाणा
Address:- Road Highway, Becharaji, Modhera, Gujarat 384212
Website :- gujarattourism.com
Contact Number:- 09998999700
Modhera Sun Temple – Location Map
Sun Temple Modhera Timings
Saturday | 7 am–6 pm |
Sunday (Rama Navami) | 7 am–6 pm Hours might differ |
Monday | 7 am–6 pm |
Tuesday | 7 am–6 pm |
Wednesday | 7 am–6 pm |
Thursday (Mahavir Janma Kalyanak) | 7 am–6 pm Hours might differ |
Friday | 7 am–6 pm |
मोढेरा का सूर्य मंदिर का इतिहास क्या है? | Sun Temple Modhera ka itihaas kya hai?
मोढेरा का सूर्य मंदिर (Sun Temple) 11वीं शताब्दी का एक भव्य स्मारक है, जिसे चालुक्य वंश (Chalukya Dynasty) के प्रसिद्ध राजा भीमदेव प्रथम ने 1026-27 ईस्वी के आसपास बनवाया था। यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है और इसकी संरचना इस तरह बनाई गई थी कि सूर्य की पहली किरण गर्भगृह में प्रवेश कर सके। यह मंदिर उस समय की अद्वितीय वास्तुकला और धार्मिक मान्यताओं का प्रतीक है।
1024-25 में गजनी के महमूद ने भारत पर आक्रमण किया और इस क्षेत्र में भारी विध्वंस किया। मोढेरा में भी 20,000 सैनिकों ने गजनी की सेना को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे असफल रहे। माना जाता है कि इसी संघर्ष की स्मृति में भीमदेव प्रथम ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। मंदिर के एक शिलालेख में विक्रम संवत 1083 (1026-27 ई.) की तिथि अंकित है, जिसे इसके निर्माण की संभावित तिथि माना जाता है। मंदिर की स्थापत्य शैली मारू-गुर्जर (चालुक्य) वास्तुकला पर आधारित है। इसमें तीन प्रमुख भाग हैं—गर्भगृह (गुढमंडप), सभा मंडप (रंगमंडप) और कुंड (जलाशय)। सभा मंडप और गर्भगृह अलग-अलग संरचनाएं हैं, जो एक ऊंचे मंच पर बनी हुई हैं। सभा मंडप की छत और दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है, जिसमें पौराणिक कथाओं के दृश्य उकेरे गए हैं। मुगल आक्रमणों के कारण मंदिर को काफी क्षति पहुंची, जिससे इसकी छतें ढह गईं और कुछ मूर्तियां नष्ट हो गईं। इसके बावजूद, मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर बनी मूर्तियां आज भी इसकी भव्यता का प्रमाण हैं।
वर्तमान में, यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है और यहां पूजा नहीं की जाती। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। 2022 में इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति की अस्थायी सूची में जोड़ा गया, जिससे इसकी वैश्विक पहचान और बढ़ गई।
मोढेरा सूर्य मंदिर क्यों प्रसिद्ध है |
मोढेरा सूर्य मंदिर गुजरात के पाटण जिले में स्थित एक अद्भुत ऐतिहासिक धरोहर है। यह मंदिर 11वीं शताब्दी में सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम द्वारा बनवाया गया था। सूर्य देव को समर्पित यह मंदिर अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला, बारीक नक्काशी और ज्योतिषीय गणनाओं के सटीक तालमेल के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के गर्भगृह को इस प्रकार बनाया गया है कि सूर्य की पहली किरण सीधे भगवान सूर्य की मूर्ति पर पड़ती है। इसका सभामंडप, गर्भगृह और कुंड मिलकर एक अद्वितीय स्थापत्य कला का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। यह मंदिर भारतीय सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है।
सूर्य मंदिर, मोढेरा की वास्तुकला कैसी है? | Sun Temple, Modhera ki vastu-kala kaisi hai?
- गर्भगृह (गुढमंडप): गर्भगृह मंदिर का मुख्य भाग है, जहां पहले सूर्य देव की मूर्ति स्थापित थी। इसे इस प्रकार डिज़ाइन किया गया था कि विषुव (Equinox) के समय सूरज की पहली किरणें सीधे मूर्ति पर पड़ें। अब यह खंडित है, लेकिन इसकी दीवारों पर बारीक नक्काशी देखने को मिलती है।
- सभा मंडप (रंगमंडप): मंदिर के सामने स्थित सभा मंडप एक विशाल हॉल है, जिसमें 52 सुंदर नक्काशीदार स्तंभ हैं। इन स्तंभों पर रामायण, महाभारत और अन्य पौराणिक कथाओं के दृश्य उकेरे गए हैं। इसकी छत पहले मौजूद थी, लेकिन अब केवल निचले हिस्से ही शेष हैं।
- सूर्य कुंड (जलाशय): मंदिर के सामने एक विशाल सीढ़ीदार जलाशय (सूर्य कुंड) स्थित है, जिसे रामकुंड भी कहा जाता है। इसमें 108 छोटे मंदिर बने हैं, जो विभिन्न देवी-देवताओं को समर्पित हैं। इसकी सीढ़ियां विशेष शैली में बनाई गई हैं, जिससे यह एक अनोखी संरचना बनती है।
- मूर्तिकला और नक्काशी: मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर बारीक नक्काशी की गई है, जिसमें नर्तकियों, देवताओं, और पौराणिक प्रसंगों के दृश्य शामिल हैं। द्वार पर सूर्य देव की मूर्तियां बनी हुई हैं, जो घोड़ों द्वारा खींचे जा रहे रथ पर सवार दिखाई देती हैं।
- अक्षांश और दिशा संरेखण: मंदिर 23.6° अक्षांश पर स्थित है, जो कर्क रेखा के निकट है। इसे इस तरह बनाया गया है कि ग्रीष्म संक्रांति के समय दोपहर में मंदिर की छाया नहीं पड़ती। यह प्राचीन खगोलीय ज्ञान और वास्तुकला के अद्भुत समन्वय का प्रतीक है।
सूर्य मंदिर का महत्व क्या है? | Sun Temple Modhera ka mahatva kya hai?
- धार्मिक महत्व: यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है और हिंदू धर्म में सूर्य उपासना का विशेष महत्व है। मंदिर की वास्तुकला इस प्रकार बनाई गई है कि सूर्य की किरणें सीधे गर्भगृह में प्रवेश करें, जिससे इसका आध्यात्मिक प्रभाव और बढ़ जाता है।
- ऐतिहासिक महत्व: यह मंदिर 11वीं शताब्दी की चालुक्य वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है और भारतीय इतिहास में इसकी एक विशेष पहचान है। इसे राजा भीमदेव प्रथम ने गजनी के आक्रमण के बाद बनवाया था, जिससे इसका ऐतिहासिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
- सांस्कृतिक महत्व: यह मंदिर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है और इसकी भव्य नक्काशी और संरचना दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करती है। 2022 में इसे यूनेस्को की अस्थायी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया, जिससे इसकी वैश्विक पहचान और मजबूत हुई।
सूर्य मंदिर मोढेरा कैसे पहुंचे? | Sun Temple, Modhera kaise Pahunche?
- हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा अहमदाबाद है, जो मोढेरा से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। अहमदाबाद से टैक्सी या बस के माध्यम से मोढेरा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- रेल मार्ग: मोढेरा के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन मेहसाणा है, जो यहां से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहां से टैक्सी या बस उपलब्ध होती हैं।
- सड़क मार्ग: अहमदाबाद और मेहसाणा से मोढेरा के लिए नियमित बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग से यात्रा करना सबसे सुविधाजनक और सुगम विकल्प है।
मोढेरा का सूर्य मंदिर किसने बनवाया | Sun Temple Modhera
मोढेरा सूर्य मंदिर हिंदू सूर्य देवता भगवान सूर्य को समर्पित एक अद्भुत मंदिर है। यह गुजरात, भारत में पाटन के पास मोढेरा में स्थित है। सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम द्वारा 11वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर गुजरात की समृद्ध वास्तुकला और सांस्कृतिक विरासत का एक उल्लेखनीय उदाहरण है।
सूर्य मंदिर मोढेरा में प्रवेश शुल्क क्या है? | Sun Temple, Modhera me Pravesh Shulk kya Hai?
भारतीय नागरिकों के लिए सूर्य मंदिर, मोढेरा (Sun Temple, Modhera) का प्रवेश शुल्क 25 रुपये प्रति व्यक्ति है, जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए यह 300 रुपये निर्धारित है। बच्चों और छात्रों के लिए विशेष छूट दी जा सकती है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) इसका रखरखाव करता है।
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मोढेरा सूर्य मंदिर फोटो | Modhera Sun Temple Hd Images






Conclusion:-Sun Temple Modhera
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FAQ’s:-Sun Temple Modhera
Q. सूर्य मंदिर मोढेरा कहां स्थित है?
Ans. सूर्य मंदिर, मोढेरा भारत के गुजरात राज्य के मेहसाणा जिले के मोढेरा गांव में स्थित है, जो अहमदाबाद से लगभग 100 किलोमीटर दूर पुष्पावती नदी के तट पर बना हुआ है।
Q. मोढेरा सूर्य मंदिर का निर्माण किसने और कब कराया था?
Ans. इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम ने 1026-27 ईस्वी में करवाया था।
Q. सूर्य मंदिर मोढेरा की प्रमुख वास्तुकला विशेषताएँ क्या हैं?
Ans. यह मंदिर तीन भागों में विभाजित है—गर्भगृह (गुढमंडप), सभा मंडप (रंगमंडप) और सीढ़ीदार जलाशय (सूर्य कुंड)। इसकी दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है।
Q. सूर्य मंदिर मोढेरा का धार्मिक महत्व क्या है?
Ans. यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है और इसकी संरचना इस तरह बनाई गई है कि सूर्य की पहली किरणें गर्भगृह में प्रवेश करें।
Q. मोढेरा सूर्य मंदिर को यूनेस्को से कब मान्यता मिली?
Ans. दिसंबर 2022 में इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति की अस्थायी सूची में शामिल किया गया, जिससे इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता बढ़ गई।
Q. सूर्य कुंड क्या है और इसका महत्व क्या है?
Ans. सूर्य कुंड एक विशाल सीढ़ीदार जलाशय है, जिसमें 108 छोटे मंदिर बने हैं। इसे पवित्र स्नान स्थल माना जाता है, जहां तीर्थयात्री पहले स्नान करते थे।