
बगलामुखी मंत्र के लाभ, महत्व एवं जप विधि (Baglamukhi Mantra ke Labh, Mahatva Aur jap Vidhi): मां बगलामुखी, हिंदू धर्म की दस महाविद्याओं में आठवीं देवी, एक ऐसी शक्तिशाली और रहस्यमयी शक्ति हैं, जो भक्तों के जीवन में चमत्कार और सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती हैं। इन्हें पीतांबरा, शत्रुनाशिनी और स्तंभन की देवी के रूप में पूजा जाता है, जो न केवल शत्रुओं पर विजय दिलाती हैं, बल्कि वाक् सिद्धि, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति भी प्रदान करती हैं। मां बगलामुखी का स्वरूप और उनकी साधना तंत्र-मंत्र की गहन परंपरा से जुड़ी है, जो भक्तों के लिए भय, बाधाओं और संकटों से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। लेकिन मां बगलामुखी वास्तव में कौन हैं? उनके प्रमुख मंत्र क्या हैं, जिनके जाप से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं? इन मंत्रों के जाप से क्या लाभ प्राप्त होते हैं, और इनका आध्यात्मिक व व्यावहारिक महत्व क्या है? साथ ही, इन मंत्रों की सही जप विधि क्या है, जिससे साधक अधिकतम फल प्राप्त कर सके? यह लेख इन सभी प्रश्नों का विस्तृत और सटीक उत्तर प्रस्तुत करता है, जो न केवल आपके जिज्ञासु मन को संतुष्ट करेगा, बल्कि मां बगलामुखी की साधना के रहस्यों को भी उजागर करेगा। इस लेख में हम मां की उत्पत्ति, उनके मंत्रों की शक्ति, उनके लाभों और जप की विधि को सरल भाषा में समझाएंगे, ताकि आप इस दिव्य शक्ति से जुड़ सकें।
अगर आप शत्रु बाधा, मानसिक शांति या आध्यात्मिक सिद्धि की खोज में हैं, तो यह लेख आपके लिए एक मार्गदर्शक साबित होगा…..
माता बगलामुखी कौन हैं? | Mata Baglamukhi kaun Hain?
माता बगलामुखी (Mata Baglamukhi) हिंदू धर्म में दस महाविद्याओं में से एक हैं, जिन्हें शक्ति की देवी माना जाता है। वे पीतांबरा के नाम से भी जानी जाती हैं, क्योंकि उनका रंग स्वर्णिम और वस्त्र पीले होते हैं। बगलामुखी का अर्थ है “वाक् को नियंत्रित करने वाली”। वे शत्रुओं को परास्त करने, वाद-विवाद में विजय और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा के लिए पूजी जाती हैं। उनकी साधना से व्यक्ति की वाणी में प्रभाव और आत्मविश्वास बढ़ता है। माता का स्वरूप गदा लिए हुए, शत्रु का जीभ खींचते हुए दर्शाया जाता है, जो बुराई पर नियंत्रण का प्रतीक है। उनके भक्तों में राजनेता, वकील और साधक शामिल हैं, जो कठिन परिस्थितियों में उनकी कृपा पाने की कामना करते हैं। बगलामुखी की पूजा विशेष रूप से तांत्रिक साधनाओं में प्रचलित है और उनके मंदिर, जैसे मध्य प्रदेश के नलखेड़ा और असम के कामाख्या में प्रसिद्ध हैं।
यह भी पढ़े:- रुद्राक्ष की माला धारण
माता बगलामुखी का प्रमुख मंत्र क्या है? | Mata Baglamukhi ka Pramukh Mantra kya Hai?
माता बगलामुखी (Mata Baglamukhi) का प्रमुख मन्त्र है: “ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिम् विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा”। यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है और शत्रुओं पर विजय, वाद-विवाद में सफलता और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा के लिए जपा जाता है। इस मंत्र के जाप से साधक की वाणी में प्रभाव और मानसिक शक्ति बढ़ती है। इसे नियमित और विधिपूर्वक जपने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं।
माता बगलामुखी मंत्र के क्या लाभ हैं? | Mata Baglamukhi Mantra ke kya Labh Hain?
- शत्रु पर विजय: माता बगलामुखी (Mata Baglamukhi) का मंत्र शत्रुओं और विरोधियों पर विजय दिलाने में सहायक है। यह उनकी नकारात्मक योजनाओं को विफल करता है और साधक को मानसिक बल प्रदान करता है, जिससे वह चुनौतियों का सामना कर सके। नियमित जाप से शत्रुओं का प्रभाव कम होता है।
- वाणी में प्रभाव: इस मंत्र के जाप से साधक की वाणी में आकर्षण और प्रभावशीलता बढ़ती है। यह वकीलों, वक्ताओं और नेताओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जो अपनी बात को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना चाहते हैं।
- नकारात्मक शक्तियों से रक्षा: मंत्र नकारात्मक ऊर्जा, तंत्र-मंत्र और बुरी नजर से सुरक्षा प्रदान करता है। यह साधक के चारों ओर एक रक्षात्मक कवच बनाता है, जो उसे आध्यात्मिक और मानसिक रूप से सुरक्षित रखता है।
- मानसिक शांति: माता बगलामुखी मंत्र (Mata Baglamukhi Mantra) जाप से मन शांत और एकाग्र होता है। यह तनाव, चिंता और भय को दूर करता है, जिससे साधक को आत्मविश्वास और स्थिरता प्राप्त होती है। यह ध्यान और साधना में सहायक है।
- वाद-विवाद में सफलता: यह मंत्र कोर्ट-कचहरी, विवादों और प्रतियोगिताओं में जीत दिलाने में मदद करता है। यह साधक की बुद्धि को तीक्ष्ण करता है और उसे सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।
माता बगलामुखी मंत्र का महत्व क्या है? | Mata Baglamukhi Mantra ka Mahatva kya Hai?
- आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत: माता बगलामुखी (Mata Baglamukhi) का मंत्र साधक को आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है। यह तांत्रिक साधनाओं में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह नकारात्मक शक्तियों को नियंत्रित करता है और साधक को उच्च चेतना की ओर ले जाता है। इसका जाप साधना में स्थिरता और एकाग्रता लाता है।
- शत्रु नाश और रक्षा: माता बगलामुखी मंत्र का महत्व शत्रुओं के दमन और साधक की रक्षा में है। यह शत्रुओं की योजनाओं को विफल करता है और साधक को मानसिक व शारीरिक रूप से सुरक्षित रखता है। यह बुराई पर विजय का प्रतीक है।
- वाणी और बुद्धि का विकास: माता बगलामुखी मंत्र का जाप वाणी को प्रभावशाली और बुद्धि को तीक्ष्ण बनाता है। यह साधक को वाद-विवाद, नेतृत्व और संचार में सफलता दिलाता है, जिससे वह समाज में सम्मान और प्रभाव प्राप्त करता है।
माता बगलामुखी मंत्र की जप विधि क्या है? | Mata Baglamukhi Mantra ki Jap Vidhi kya Hai?
- शुद्धता और स्थान: माता बगलामुखी मंत्र जाप से पहले स्नान कर शुद्ध हो जाएं। स्वच्छ और शांत स्थान चुनें। माता बगलामुखी की मूर्ति या यंत्र स्थापित करें। पीले वस्त्र पहनें और पूर्व दिशा की ओर मुख करें।
- सामग्री: पूजन के लिए पीले रंग के पुष्प, हल्दी, पीला चंदन, घी का दीपक और हल्दी से बनी या पीली माला की व्यवस्था करें। माता रानी को पीले रंग की मिठाई का भोग अर्पित करें।
- मंत्र जाप: “ॐ ह्लीं बगलामुखी…” मंत्र का जाप हल्दी की माला पर करें। कम से कम 108 बार जाप करें। एकाग्रता बनाए रखें और मंत्र उच्चारण स्पष्ट करें।
- समय और नियम: माता बगलामुखी मंत्र जाप रात में, विशेषकर मंगलवार या पूर्णिमा को करें। 40 दिनों तक नियमित जाप करें। खान-पान में सात्विकता रखें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- समापन: माता बगलामुखी मंत्र जाप के बाद माता से रक्षा और कृपा की प्रार्थना करें। दीपक और धूप जलाएं। भोग गरीबों में बांटें और यंत्र को सुरक्षित रखें।
यह भी पढ़े:–चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में अंतर | शारदीय नवरात्रि | दुर्गा आरती | देवी कात्यायनी | दुर्गा स्तोत्र | दुर्गा चालीसा | दुर्गा के 108 नाम | नौ देवियों बीज मंत्र| शरद पूर्णिमा |रमा एकादशी व्रत कथा | शरद पूर्णिमा आरती | नवरात्रि के 9 दिन नौ रंगो | माँ दुर्गा के नौ रूप | विजयदशमी |
Conclusion
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (बगलामुखी मंत्र के लाभ, महत्व एवं जप विधि) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s
Q. माता बगलामुखी कौन हैं?
Ans. माता बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं, जो शक्ति की देवी मानी जाती हैं। वे शत्रुनाश, वाणी नियंत्रण और तांत्रिक साधनाओं में प्रमुख रूप से पूजी जाती हैं।
Q. माता बगलामुखी को पीतांबरा क्यों कहा जाता है?
Ans. माता बगलामुखी को पीतांबरा कहा जाता है क्योंकि उनका रंग स्वर्णिम होता है और वे पीले वस्त्र धारण करती हैं, जो उनकी दिव्यता और शक्ति का प्रतीक है।
Q. माता बगलामुखी का प्रमुख मंत्र क्या है?
Ans. माता बगलामुखी का प्रमुख मंत्र है: “ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां…” जो शत्रु नाश, वाणी में प्रभाव और मानसिक शक्ति बढ़ाने के लिए जपा जाता है।
Q. माता बगलामुखी मंत्र के क्या लाभ हैं?
Ans. इस मंत्र से शत्रुओं पर विजय, वाणी में प्रभाव, नकारात्मक शक्तियों से रक्षा और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह आत्मविश्वास और आंतरिक बल को भी बढ़ाता है।
Q. माता बगलामुखी मंत्र का महत्व क्या है?
Ans. यह मंत्र साधक को आध्यात्मिक शक्ति, बुद्धि की तीक्ष्णता और शत्रुओं से रक्षा प्रदान करता है। तांत्रिक साधनाओं में इसका विशेष स्थान है और यह उच्च चेतना की ओर ले जाता है।
Q. माता बगलामुखी मंत्र की जप विधि क्या है?
Ans. मंत्र जाप से पूर्व स्नान करें, पीले वस्त्र पहनें, हल्दी की माला से 108 बार जाप करें और स्थान शांत हो। मंगलवार या पूर्णिमा की रात को विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।