
आमलकी एकादशी 2025: तिथि एवं शुभ मुहूर्त Amalaki Ekadashi 2025: tithi aur shubh muhurat): हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, और आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) उनमें से एक महत्वपूर्ण व्रत मानी जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) को समर्पित होता है और इसमें आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है। लेकिन आमलकी एकादशी क्या होती है, और इसका धार्मिक महत्व क्या है? साथ ही, मार्च में यह व्रत कब मनाया जाएगा और इसका शुभ मुहूर्त क्या होगा?
यह प्रश्न व्रत करने वाले श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। आमलकी एकादशी पर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा विधि का पालन किया जाता है, जिसमें स्नान, व्रत संकल्प, आंवले के वृक्ष की पूजा, कथा श्रवण, और दान-पुण्य जैसे कर्म शामिल होते हैं। परंतु इस व्रत को विधिपूर्वक करने के लिए सही जानकारी होना आवश्यक है। यदि आप इस व्रत का संकल्प ले रहे हैं, तो आपको इसकी पूजा विधि, तिथि और मुहूर्त के बारे में अवश्य जानना चाहिए।
इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) क्या होती है, 2025 में यह व्रत कब मनाया जाएगा और इसकी पूजा विधि क्या है। संपूर्ण जानकारी के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
साल 2025 की सभी एकादशी (Ekadashi 2025 Date and Time)
तारीख | माह | दिन | आरंभ | समाप्त | एकादशी |
10 जनवरी | शुक्रवार | 12:22 अपराह्न, 09 जनवरी | प्रातः 10:19 बजे, 10 जनवरी | पौष पुत्रदा एकादशी |
25 जनवरी | शनिवार | 07:25 अपराह्न, 24 जनवरी | 25 जनवरी, रात्रि 08:31 बजे | षटतिला एकादशी |
8 फ़रवरी | शनिवार | रात्रि 09:26 बजे, 07 फरवरी | रात्रि 08:15 बजे, फरवरी 08 | जया एकादशी |
24 फरवरी | सोमवार | 01:55 अपराह्न, 23 फरवरी | 01:44 अपराह्न, 24 फरवरी | विजया एकादशी |
10 मार्च | सोमवार | प्रातः 07:45, मार्च 09 | प्रातः 07:44, मार्च 10 | आमलकी एकादशी |
25 मार्च | मंगलवार | प्रातः 05:05, मार्च 25 | प्रातः 03:45, मार्च 26 | पापमोचनी एकादशी |
26 मार्च | बुधवार | प्रातः 05:05, मार्च 25 | प्रातः 03:45, मार्च 26 | वैष्णव पापमोचनी एकादशी |
8 अप्रैल | मंगलवार | 08:00 अपराह्न, 07 अप्रैल | रात्रि 09:12 बजे, अप्रैल 08 | कामदा एकादशी |
24 अप्रैल | गुरुवार | 04:43 अपराह्न, 23 अप्रैल | 02:32 अपराह्न, 24 अप्रैल | वरुथिनी एकादशी |
8 मई | गुरूवार | प्रातः 10:19 बजे, 07 मई | 12:29 PM, 08 मई | मोहिनी एकादशी |
23 मई | शुक्रवार | 01:12 AM, 23 मई | रात्रि 10:29 बजे, 23 मई | अपरा एकादशी |
6 जून | शुक्रवार | 02:15 पूर्वाह्न, 06 जून | प्रातः 04:47, जून 07 | निर्जला एकादशी |
21 जून | शनिवार | प्रातः 07:18 बजे, 21 जून | प्रातः 04:27, जून 22 | योगिनी एकादशी |
22 जून | रविवार | प्रातः 07:18 बजे, 21 जून | प्रातः 04:27 बजे, 22 जून | गौना योगिनी एकादशी |
6 जुलाई | रविवार | सायं 06:58 बजे, 05 जुलाई | रात्रि 09:14 बजे, 06 जुलाई | देवशयनी एकादशी |
21 जुलाई | सोमवार | 12:12 अपराह्न, 20 जुलाई | प्रातः 09:38 बजे, 21 जुलाई | कामिका एकादशी |
5 अगस्त | मंगलवार | 11:41 पूर्वाह्न, 04 अगस्त | 01:12 अपराह्न, 05 अगस्त | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
19 अगस्त | मंगलवार | 05:22 अपराह्न, 18 अगस्त | 03:32 अपराह्न, 19 अगस्त | अजा एकादशी |
3 सितम्बर | बुधवार | 03:53 पूर्वाह्न, 03 सितंबर | प्रातः 04:21, सितम्बर 04 | पार्श्व एकादशी |
17 सितम्बर | बुधवार | 12:21 पूर्वाह्न, 17 सितंबर | रात्रि 11:39 बजे, 17 सितम्बर | इन्दिरा एकादशी |
3 अक्टूबर | शुक्रवार | 07:10 अपराह्न, 02 अक्टूबर | 06:32 अपराह्न, 03 अक्टूबर | पापांकुशा एकादशी |
17 अक्टूबर | शुक्रवार | प्रातः 10:35 बजे, 16 अक्टूबर | 11:12 पूर्वाह्न, 17 अक्टूबर | रमा एकादशी |
2 नवंबर | रविवार | प्रातः 09:11 बजे, 01 नवम्बर | प्रातः 07:31 बजे, 02 नवम्बर | देवउत्थान एकादशी |
15 नवंबर | शनिवार | 12:49 पूर्वाह्न, 15 नवंबर | 02:37 पूर्वाह्न, 16 नवंबर | उत्पन्ना एकादशी |
1 दिसंबर | सोमवार | रात्रि 09:29 बजे, 30 नवंबर | 07:01 अपराह्न, 01 दिसम्बर | मोक्षदा एकादशी |
15 दिसंबर | सोमवार | 06:49 अपराह्न, 14 दिसंबर | रात्रि 09:19 बजे | सफला एकादशी |
31 दिसंबर | बुधवार | प्रातः 07:50 बजे, 30 दिसम्बर | प्रातः 05:00 बजे, 31 दिसम्बर | पौष पुत्रदा एकादशी |
आमलकी एकादशी क्या है? | Amalaki Ekadashi kya hai?
आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) हिंदू धर्म में माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु और आमलकी (आंवला) वृक्ष को समर्पित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने से पापों का नाश होता है, मोक्ष की प्राप्ति होती है, और घर में सुख-समृद्धि आती है। इसकी कथा ब्रह्म पुराण में वर्णित है, जिसके अनुसार एक गरीब ब्राह्मण ने इस व्रत से राजा मान्धाता को दिव्य लोक प्राप्त करवाया था। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं, और आंवले के पेड़ के नीचे दीपक जलाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते हैं। यह व्रत स्वास्थ्य और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
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आमलकी एकादशी 2025 कब है? | Amalaki Ekadashi 2025 kab hai?
2025 में आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) 10 मार्च, सोमवार को मनाई जाएगी। यह तिथि फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के अनुसार निर्धारित होती है। एकादशी का व्रत 9 मार्च की रात्रि से प्रारंभ होगा और 10 मार्च की सुबह तक रहेगा। पारण (व्रत तोड़ने) का समय 11 मार्च की सुबह 06:28 बजे से 08:53 बजे तक होगा। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा और विष्णु भगवान के मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है।
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आमलाकी एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है? | Amalaki Ekadashi ka shubh muhurat kya hai?
S.NO | विवरण | शुभ मुहूर्त |
1 | एकादशी तिथि प्रारंभ | 9 मार्च 2025, रात 08:34 बजे से। |
2 | एकादशी तिथि समाप्त | 10 मार्च 2025, रात 10:37 बजे तक। |
3 | पारण समय | 11 मार्च, सुबह 06:28 से 08:53 बजे तक। |
आमलाकी एकादशी की पूजा विधि क्या है? | Amalaki Ekadashi ki Puja Vidhi kya Hai?
- प्रातः स्नान: इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करना शुभ माना जाता है। गंगाजल मिले जल से स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। स्नान के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
- व्रत संकल्प: स्नान के बाद पूजा स्थल को स्वच्छ करके उसे फूल, रोली, और दीपक से सजाएं। फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें कि आप पूरे दिन विधिपूर्वक उपवास रखेंगे और संध्या को आरती व भजन करेंगे।
- आंवले की पूजा: आंवले के पेड़ को पवित्र माना जाता है, इसलिए इसकी पूजा करना आवश्यक है। पेड़ के नीचे जल, दूध, फूल, अक्षत अर्पित करें और धूप-दीप जलाकर परिक्रमा करें। साथ ही, वहां बैठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और भजन-कीर्तन करें।
- विष्णु पूजन: भगवान विष्णु की प्रतिमा या शालिग्राम शिला को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल) से स्नान कराएं। इसके बाद उन्हें पीले फूल, तुलसी दल और अक्षत चढ़ाएं। साथ ही, “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
- कथा श्रवण: आमलकी एकादशी की कथा सुनना इस व्रत का प्रमुख अंग है। यह कथा ब्रह्म पुराण में वर्णित है और इसके श्रवण से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है। कथा समाप्त होने के बाद आरती करें और भगवान विष्णु से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
- रात्रि जागरण: इस दिन रात्रि जागरण करने का विशेष महत्व होता है। रात्रि में भजन-कीर्तन करें और विष्णु सहस्रनाम या भगवद गीता के श्लोकों का पाठ करें। जागरण करने से पुण्य प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- दान-पुण्य: अगले दिन प्रातः ब्राह्मणों को भोजन कराएं और आंवला, वस्त्र, अन्न, दक्षिण आदि का दान करें। इसके बाद व्रत का पारण करें और सात्विक भोजन ग्रहण करें। ऐसा करने से समस्त पाप नष्ट होते हैं और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
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Conclusion:-Amalaki Ekadashi 2025 Tithi Aur Shubh Muhurat
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FAQ’s:-Amalaki Ekadashi 2025 Tithi Aur Shubh Muhurat
Q. 2025 में आमलकी एकादशी कब मनाई जाएगी?
Ans. 2025 में आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) 10 मार्च, सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन भक्त व्रत रखकर आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं और भगवान विष्णु की आराधना करते हैं।
Q. आमलकी एकादशी का पारण समय क्या है?
Ans. 2025 में आमलकी एकादशी का पारण 11 मार्च की सुबह 06:28 बजे से 08:53 बजे तक किया जाएगा। इस दौरान व्रत खोलना शुभ माना जाता है।
Q. आमलकी एकादशी व्रत का महत्व क्या है?
Ans. इस व्रत से पापों का नाश होता है, मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसे करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
Q. आमलकी एकादशी की पूजा में आंवले का क्या महत्व है?
Ans. आंवले के वृक्ष को पवित्र माना जाता है और इसे भगवान विष्णु का स्वरूप कहा जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होते हैं।
Q. आमलकी एकादशी पर कौन सा मंत्र जपना चाहिए?
Ans. इस दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी माना जाता है। साथ ही, विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी शुभ होता है।
Q. आमलकी एकादशी की कथा किस ग्रंथ में वर्णित है?
Ans. आमलकी एकादशी की कथा ब्रह्म पुराण में वर्णित है। इसमें बताया गया है कि कैसे इस व्रत से राजा मान्धाता को दिव्य लोक की प्राप्ति हुई थी।