
गंगा सप्तमी शुभ मुहूर्त 2025 (Ganga Saptami Shubh Muhurat 2025): गंगा सप्तमी (Ganga Saptami), भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर वर्ष विशेष श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व गंगा नदी के अवतरण का प्रतीक है, जिसे भारतीय जनमानस में पवित्रता और मोक्ष का स्रोत माना जाता है। गंगा सप्तमी का आयोजन ज्येष्ठ मास की सप्तमी तिथि को किया जाता है, और यह दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, जो गंगा नदी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करना चाहते हैं।
इस दिन लोग गंगा में स्नान करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं। गंगा सप्तमी का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक भी है। यह पर्व न केवल गंगा नदी के प्रति आस्था को दर्शाता है, बल्कि यह हमें जल संरक्षण और पर्यावरण के प्रति जागरूकता का भी संदेश देता है। इस लेख में, हम गंगा सप्तमी के महत्व, इसकी तिथि, शुभ मुहूर्त और इस पर्व से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
यदि आप गंगा सप्तमी के बारे में अधिक जानने के इच्छुक हैं और इस पर्व के पीछे की गहराई को समझना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक पढ़ें। यहाँ हम आपको गंगा सप्तमी के सभी पहलुओं से अवगत कराएंगे, ताकि आप इस पवित्र पर्व का सही अर्थ और महत्व समझ सकें……
गंगा सप्तमी क्या है? | Ganga Saptami kya Hai?
गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) का पर्व हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था, जिसे गंगा जयंती भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव (Bhagwan Shiv) ने गंगा के वेग को नियंत्रित करने के लिए उन्हें अपनी जटाओं में धारण किया था। इस दिन भक्तगण गंगा नदी में स्नान करते हैं, पूजा करते हैं और दान करते हैं। गंगा सप्तमी पर मां गंगा के 108 नामों का जाप करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है। यह दिन श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। गंगा सप्तमी का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व गंगा नदी के अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है, जो कि पवित्रता और मोक्ष का प्रतीक मानी जाती है। इस दिन भक्तगण गंगा में स्नान कर अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गंगा सप्तमी 2025 कब है? | Ganga Saptami 2025 kab Hai?
गंगा सप्तमी 2025 (Ganga Saptami 2025) में 3 मई, शनिवार को मनाई जाएगी। यह पर्व हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को आता है। भक्तजन इस दिन गंगा स्नान करते हैं और गंगा माता की आराधना करते हैं। गंगा सप्तमी का आयोजन विशेष रूप से प्रयाग, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे तीर्थ स्थलों पर धूमधाम से किया जाता है। इस दिन का पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 10:58 बजे से दोपहर 1:38 बजे तक रहेगा।
यह भी पढ़े:- शीतला सप्तमी पूजा विधि, शीतला माता की कहानी, संतान सप्तमी व्रत कथा
गंगा सप्तमी की पूजा विधि क्या है? | Ganga Saptami ki Puja Vidhi kya Hai?
- स्नान और संकल्प: गंगा सप्तमी के दिन प्रातः काल गंगा नदी में स्नान करें या घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद व्रत और पूजा का संकल्प लें, जिससे पूजा विधिपूर्वक संपन्न हो।
- गंगा माँ की प्रतिमा या चित्र स्थापना: पूजा स्थल को स्वच्छ करके गंगा माँ की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। यदि संभव हो तो गंगा जल से अभिषेक करें और दीप प्रज्वलित कर पूजा की शुरुआत करें।
- व्रत और पाठ: इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं और गंगा स्तोत्र, गंगा चालीसा, और गंगा सहस्रनाम का पाठ करते हैं। इससे गंगा माँ का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
- पूजन सामग्री और अर्पण: गंगा माँ को पुष्प, धूप, दीप, चंदन, कपूर, फल, दूध, शहद और पंचामृत अर्पित करें। जल से भरा कलश रखें और उसमें तुलसी या आम के पत्ते डालकर पूजन करें।
- गंगा आरती और मंत्र जाप: संध्या समय गंगा घाट पर या घर में गंगा माँ की आरती करें और “ॐ नमः शिवाय” तथा “ॐ गंगे च जय गंगे” मंत्र का जाप करें। आरती के बाद प्रसाद वितरण करें।
- दान और तर्पण: इस दिन पवित्र नदी में दीप प्रवाहित करना और तिल, गुड़, वस्त्र, अन्न, एवं दक्षिणा का दान करना शुभ माना जाता है। पितरों के मोक्ष के लिए तर्पण करना भी पुण्यदायी होता है।
- गंगा जल का छिड़काव और सेवन: घर में सुख-समृद्धि और शुद्धता बनाए रखने के लिए गंगाजल का छिड़काव करें। श्रद्धालु इसे पवित्रता के लिए ग्रहण भी करते हैं, जिससे तन और मन दोनों की शुद्धि होती है।
यह भी पढ़े:- मां गंगा की आरती, श्री गंगा चालीसा,
गंगा सप्तमी का महत्त्व क्या है? Saptami ka Mahatva kya Hai?
- गंगा की उत्पत्ति: गंगा सप्तमी का पर्व मां गंगा के स्वर्ग से धरती पर अवतरण की याद में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन मां गंगा शिव की जटाओं से प्रवाहित होकर धरती पर आईं, जिससे यह दिन विशेष महत्व रखता है।
- पापों का नाश: इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है। मान्यता है कि गंगा जल में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का संचार होता है।
- दान-पुण्य का महत्व: गंगा सप्तमी पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस दिन गंगाजल में दूध अर्पित करना और दान करना शुभ माना जाता है। यह न केवल आत्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि समाज में भी सकारात्मकता फैलाता है।
यह भी पढ़े:- गंगा दशहरा व्रत कथा
गंगा सप्तमी शुभ मुहूर्त क्या है? | Ganga Saptami ka Shubh Muhurat kya Hai?
गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार निम्नलिखित है:
विवरण | शुभ मुहूर्त |
गंगा स्नान | सुबह 10:58 बजे से दोपहर 1:38 बजे तक |
पूजा (प्रथम मुहूर्त) | सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे तक |
पूजा (द्वितीया मुहूर्त) | सुबह 10:00 बजे से 11:30 बजे तक |
Conclusion:-Ganga Saptami
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (गंगा सप्तमी 2025 कान है?) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-Ganga Saptami
Q. गंगा सप्तमी कब मनाई जाती है?
Ans. गंगा सप्तमी हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है।
Q. गंगा सप्तमी 2025 में कब है?
Ans. गंगा सप्तमी 2025 में 3 मई, शनिवार को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से गंगा स्नान और पूजा का महत्व होता है।
Q. गंगा सप्तमी को और किस नाम से जाना जाता है?
Ans. गंगा सप्तमी को “गंगा जयंती” भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन मां गंगा का स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण हुआ था।
Q. गंगा सप्तमी पर गंगा स्नान का क्या महत्व है?
Ans. इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे अत्यंत शुभ और पुण्यदायी माना जाता है।
Q. गंगा सप्तमी पर कौन-कौन से धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं?
Ans. इस दिन भक्तजन गंगा स्नान, मां गंगा की पूजा, दान-पुण्य और गंगा के 108 नामों का जाप करते हैं।
Q. गंगा सप्तमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
Ans. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे और सुबह 10:00 बजे से 11:30 बजे तक रहेगा।