
पूजा कब है 2025? (Gangaur Puja kab Hai 2025?): गणगौर पूजा, हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले सभी प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो विशेष रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है और इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
गणगौर पूजा (Gangaur puja) का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार के माध्यम से महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं। गणगौर पूजा चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है, जिसे “तीज” के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व होली के बाद शुरू होता है और 16 दिनों तक चलता है। इस दौरान महिलाएं विधि-विधान से गणगौर माता की पूजा करती हैं और उन्हें भोग लगाती हैं। गणगौर पूजा का शुभ मुहूर्त और चौघड़िया मुहूर्त इस पर्व की विशेषता को और बढ़ा देते हैं, क्योंकि इन शुभ समयों में पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
अगर आप भी अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए जरूरी है। पढ़िए और जानिए गणगौर पूजा के बारे में सब कुछ रहस्य और इसके पीछे छिपे आध्यात्मिक संदेश को….
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गणगौर पूजा क्या है? (Gangaur Puja kya Hai)

गणगौर पूजा भगवान शिव (Bhagwan Shiv) और माता पार्वती (Mata) समर्पित एक विशेष पर्व है, जिसे गौरी तृतीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की सुंदर मूर्तियां बनाकर उनकी श्रद्धा और भक्ति से पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य और सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पूजा नारी जीवन में आध्यात्मिकता और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है।
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गणगौर पूजा 2025 कब है? (Gangaur Puja 2025 kab Hai)
2025 में गणगौर पूजा (Gangaur puja) का पावन पर्व 31 मार्च को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पूजा चैत्र नवरात्रि की तृतीया तिथि पर आती है, जो इस वर्ष 31 मार्च 2025 को सुबह 9:11 बजे आरंभ होगी। तृतीया तिथि 1 अप्रैल 2025 को प्रातः 5:42 बजे समाप्त होगी। गणगौर पूजा विशेष रूप से सौभाग्य और वैवाहिक जीवन की मंगलकामना के लिए की जाती है। यह पर्व महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो देवी गौरी की आराधना के माध्यम से सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।
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गणगौर पूजा 2025 शुभ चौघड़िया मुहूर्त क्या है? (Gangaur Puja 2025 Shubh Choghadiya Muhurat kya Hai)
S.NO | शुभ चौघड़िया | मुहुर्त |
1 | चर-सामान्य | सुबह 06:06 से 07:41 बजे |
2 | लाभ-उन्नति | सुबह 07:41 से 09:15 बजे |
3 | अमृत-सर्वोत्तम | सुबह 09:15 से 10:50 बजे |
गणगौर पूजा विधि (Gangaur Puja Vidhi)
यहाँ गणगौर पूजा (Gangaur puja) की विधि को निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:
- सामग्री एकत्रित करना: गणगौर पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में गणगौर की मूर्तियाँ, फूल, मिठाई, फल, और पूजा का थाल शामिल होता है। इन सामग्रियों को एकत्रित करने के बाद, उन्हें स्वच्छ स्थान पर रखें, जहाँ पूजा की जाएगी।
- स्नान और शुद्धता: पूजा से पहले, सभी भक्तों को स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए। यह शुद्धता का प्रतीक है और पूजा में ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। शुद्धता से मन और आत्मा को शांति मिलती है।
- गणगौर की स्थापना: गणगौर की मूर्तियों को पूजा स्थल पर स्थापित करें। मूर्तियों को सुंदरता से सजाएँ और उनके चारों ओर फूलों की मालाएँ डालें। यह पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है।
- दीप जलाना: पूजा स्थल पर दीपक जलाएँ। दीपक का प्रकाश अंधकार को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह भगवान गणगौर के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है।
- आरती और भजन: पूजा के दौरान गणगौर की आरती करें और भजन गाएँ। भजन गाने से वातावरण में भक्ति का संचार होता है और भक्तों का मन प्रसन्न रहता है। यह एक सामूहिक अनुभव है जो सभी को जोड़ता है।
- प्रसाद वितरण: पूजा के बाद, भगवान को अर्पित किए गए प्रसाद को भक्तों में वितरित करें। प्रसाद का सेवन करने से भक्तों को आशीर्वाद और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह एक महत्वपूर्ण परंपरा है।
- समापन और धन्यवाद: पूजा के अंत में, सभी भक्तों को धन्यवाद दें और गणगौर से आशीर्वाद प्राप्त करें। इस समय, सभी को एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशियाँ बाँटनी चाहिए। यह पर्व एकता और प्रेम का प्रतीक है।
गणगौर पूजा शुभ मुहूर्त (Gangaur Puja Shubh Muhurat)
साल 2025 में गणगौर पूजा (Gangaur puja) का पावन पर्व 31 मार्च, सोमवार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का शुभारंभ सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर होगा और इसका समापन 1 अप्रैल 2025 को प्रातः 5 बजकर 42 मिनट पर होगा।
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गणगौर पूजा का महत्व क्या है? (Gangaur Puja ka Mahatva kya Hai)
गणगौर पूजा का महत्व कुछ इस प्रकार निम्नलिखित है:
- गणगौर पूजा का महत्व मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं के लिए है, जो अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। यह पूजा पार्वती और शिव के प्रेम को दर्शाती है, जो दांपत्य जीवन के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
- इस पूजा के दौरान महिलाएं विशेष रूप से अपने परिवार की खुशहाली और स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हैं। यह एक सामाजिक समारोह भी है, जिसमें महिलाएं एकत्र होकर एक-दूसरे के साथ अपने अनुभव साझा करती हैं, जिससे आपसी संबंध मजबूत होते हैं।
- गणगौर पूजा का आयोजन होली के बाद 16 दिनों तक किया जाता है, जो भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ाता है, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोता है, जिससे नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ा जा सके।
गणगौर पूजा का नियम क्या हैं? (Gangaur Puja ka Niyam kya Hai)
- गणगौर पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना आवश्यक है, जिससे शुद्धता बनी रहे।
- पूजा के लिए विशेष सामग्री जैसे चूड़ियां, मिठाई और फूल एकत्रित करें, जो पूजा में उपयोग होती हैं।
- गणगौर की प्रतिमा को अच्छे से सजाएं और उन्हें लाल या पीले वस्त्र पहनाएं, यह शुभ माना जाता है।
- पूजा के दौरान देवी-देवताओं का ध्यानपूर्वक स्मरण करें और भक्ति भाव से प्रार्थना करें।
- व्रति को दिनभर उपवासी रहना चाहिए और संध्या को विशेष प्रसाद का भोग लगाना चाहिए।
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Conclusion:-Gangaur puja kab hai 2025
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FAQ’s:-Gangaur puja kab hai 2025
Q. गणगौर पूजा किसे समर्पित है?
Ans. गणगौर पूजा भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है, जो दांपत्य जीवन और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती हैं।
Q. गणगौर पूजा को किस नाम से भी जाना जाता है?
Ans. गणगौर पूजा को गौरी तृतीया के नाम से भी जाना जाता है।
Q. 2025 में गणगौर पूजा कब मनाई जाएगी?
Ans. 2025 में गणगौर पूजा 31 मार्च को मनाई जाएगी, और यह चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर होगी।
Q. गणगौर पूजा में क्या मुख्य सामग्री होती है?
Ans. गणगौर पूजा में गणगौर की मूर्तियाँ, फूल, मिठाई, फल, चूड़ियां और पूजा का थाल मुख्य सामग्री होती हैं।
Q. गणगौर पूजा का शुभ मुहूर्त 2025 में क्या है?
Ans. 2025 में गणगौर पूजा का शुभ चौघड़िया मुहूर्त सुबह 9:15 से 10:50 बजे तक रहेगा।
Q. गणगौर पूजा का धार्मिक महत्व क्या है?
Ans. यह पूजा विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पति की दीर्घायु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए की जाती है।
Q. गणगौर पूजा कितने दिनों तक मनाई जाती है?
Ans. गणगौर पूजा होली के बाद 16 दिनों तक मनाई जाती है, जिसमें देवी गौरी की आर