कर्क राशि के बारे में संपूर्ण जानकारी (kark Rashi ke Baare Mein Sampoorna Jankari): हिंदू ज्योतिष में बारह राशियों में से कर्क राशि चौथी राशि है, जो जल तत्व से संबंधित है। कर्क राशि के जातक अपनी भावनात्मकता, संवेदनशीलता और परिवारिक प्रेम के लिए जाने जाते हैं। यह राशि अपनी अद्वितीय विशेषताओं और गुणों के कारण विशेष महत्व रखती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कर्क राशि के स्वामी कौन हैं? कर्क राशि का तत्व क्या है? और कर्क राशि की धातु क्या है?
इस लेख में, हम आपको कर्क राशि के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे। हम आपको बताएंगे कि कर्क राशि के इष्ट देव और प्रमुख मंत्र क्या है, कर्क राशि का लकी नाम अक्षर क्या है, Kark Rashi ke isht Dev Kaun Hai और कर्क राशि के जातकों की शुभ दिशा क्या है। इसके अलावा, हम आपको बताएंगे कि जन्मतिथि के अनुसार कर्क राशि के जातकों को कैसे पहचाना जा सकता है और उनकी व्यक्तिगत विशेषताएं क्या होती हैं।
यह लेख कर्क राशि के जातकों के लिए तो उपयोगी होगा ही, साथ ही अन्य राशि के जातकों को भी कर्क राशि के बारे में जानने में मदद करेगा। तो आइए, जानें कर्क राशि के बारे में और अपने जीवन को बेहतर बनाएं…
Table Of Content
विषय | विवरण |
कर्क राशि | कर्क राशि, राशि चक्र की चौथी स्थिति में विराजमान है, जो उत्तर दिशा का प्रतीक है। |
स्वामी ग्रह | कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है। |
तत्व | कर्क राशि का तत्व जल है। |
इष्ट देव | कर्क राशि के इष्ट देव भगवान शिव माने जाते हैं। |
कर्क राशि का मंत्र | ॐ ऎं क्लीं श्रीं। |
अन्य मंत्र | ओम नमः शिवाय |
धातु | कर्क राशि के लिए शुभ धातु चांदी मानी जाती है। |
रत्न | कर्क राशि के लिए शुभ रत्न मोती है। |
रुद्राक्ष | कर्क राशि के जातकों को दो मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। |
मित्र राशियाँ | वृषभ, मीन, वृश्चिक और कन्या राशि |
शत्रु राशियाँ | मेष, वृषभ, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि |
लकी नाम के अक्षर | कर्क राशि वालों के लिए ‘ही’, ‘हू’, ‘हे’, ‘हो’, ‘डा’, ‘डी’, ‘डू’, ‘डे’ और ‘डो’ लकी नाम अक्षर हैं। |
दिशा | उत्तर दिशा |
महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार | कर्क राशि के जातकों को शुक्रवार का व्रत अवश्य करना चाहिए |
विशेष पूजा | कर्क राशि वालों के भगवान शिव की नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए एवं जल चढ़ाना चाहिए |
कर्क राशि क्या है | Kark Rashi kya Hai
कर्क राशि (Kark Rashi), राशि चक्र की चौथी स्थिति में विराजमान है, जो उत्तर दिशा का प्रतीक है। यह जल त्रिकोण की पहली राशि है और इसका चिन्ह केकड़ा है। यह चर राशि मानी जाती है, जिसका विस्तार चक्र 90 से 120 अंश के बीच है। कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है, और इसके तीन द्रेष्काणों के स्वामी क्रमशः चंद्रमा, मंगल और गुरु हैं। इस राशि के अंतर्गत पुनर्वसु नक्षत्र का अंतिम चरण, पुष्य नक्षत्र के चारों चरण, और अश्लेशा नक्षत्र के चारों चरण आते हैं। इस प्रकार, कर्क राशि अपने अद्वितीय गुणों और विशेषताओं के साथ ज्योतिषीय दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
कर्क राशि का तत्व क्या है | Kark Rashi ka Tatva kya Hai
कर्क राशि (Kark Rashi) का तत्व जल है। जल तत्व की विशेषताएँ संवेदनशीलता, भावनात्मकता और अंतर्ज्ञान होती हैं। कर्क राशि के लोग आमतौर पर अपने परिवार और प्रियजनों के प्रति संवेदनशील और देखभाल करने वाले होते हैं, और यह तत्व उनके व्यक्तित्व में गहराई और स्नेह का संचार करता है।
कर्क राशि के स्वामी कौन हैं | Kark Rashi ke Swami kaun Hain
कर्क राशि (Kark Rashi) का स्वामी चंद्रमा है। चंद्रमा की ऊर्जा कर्क राशि के व्यक्तियों में संवेदनशीलता, भावनात्मक गहराई और अंतर्ज्ञान को दर्शाती है। चंद्रमा के प्रभाव से कर्क राशि के लोग आमतौर पर परिवार, भावनाओं और सुरक्षा की ओर आकर्षित होते हैं।
कर्क राशि के इष्ट देव कौन हैं | Kark Rashi ke isht Dev kaun Hain
कर्क राशि (Kark Rashi) के इष्ट देव भगवान शिव माने जाते हैं। ये कर्क राशि के लोगों के जीवन में सुरक्षा, संरक्षण और मानसिक शांति का प्रतीक हैं। भगवान शिव के प्रति श्रद्धा कर्क राशि के व्यक्तियों को आध्यात्मिक और भावनात्मक शक्ति प्रदान करती है।
कर्क राशि के लिए मंत्र | Kark Rashi ke liye Mantra
ॐ ऎं क्लीं श्रीं। ये कर्क राशि का बीज मंत्र है।
कर्क राशि के लिए धातु | Kark Rashi ke liye Dhatu
कर्क राशि (Kark Rashi) के लिए शुभ धातु चांदी मानी जाती है। चांदी न केवल सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि यह सुरक्षा, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का भी संकेत देती है।
कर्क राशि (Kark Rashi) के लिए शुभ रत्न मोती (पर्ल) है। मोती चंद्रमा का प्रतीक होता है और यह कर्क राशि के लोगों को भावनात्मक संतुलन, मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
कर्क राशि की शत्रु राशियाँ कौन सी है | Kark Rashi ki Shatru Rashiyaan kaun si Hain
कर्क राशि (Kark Rashi) के लोग आमतौर पर मेष, वृषभ, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वालों के साथ जल्दी ही शत्रुता का अनुभव कर सकते हैं, या अविश्वास का माहौल बन सकता है। विशेषकर, 20, 32 और 40 वर्ष की आयु के बाद, कर्क राशि वालों को मित्रों के रूप में दिखने वाले गुप्त शत्रुओं या गहरे शत्रुओं के षड्यंत्रों से नुकसान उठाने की संभावना रहती है। यह उनके लिए सतर्क रहने का समय है, क्योंकि विश्वासघात की घटनाएं उनकी सुरक्षा को खतरे में डाल सकती हैं।
कर्क राशि की मित्र राशियाँ कौन सी है | Kark Rashi ki Mitra Rashiya kaun si Hoti Hai
कर्क राशि वालों की वृषभ, मीन, वृश्चिक और कन्या राशि वालों के साथ अच्छी समझ बनती है। इन राशियों के बीच सहयोग और सामंजस्य की भावना प्रबल होती है।
कर्क राशि नाम अक्षर | Kark Rashi Naam Akshar
जिन व्यक्तियों के नाम ‘ही’, ‘हू’, ‘हे’, ‘हो’, ‘डा’, ‘डी’, ‘डू’, ‘डे’ और ‘डो’ अक्षरों से प्रारंभ होते हैं, वे कर्क राशि से संबंधित होते हैं।
कर्क राशि की दिशा क्या है | Kark Rashi ki Disha kya Hai
कर्क राशि (Kark Rashi) के जातकों के लिए शुभ दिशा उत्तर दिशा मानी जाती है। ये दिशाएं उन्हें सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और सफलता की ओर अग्रसर करती हैं।
जन्मतिथि से कर्क राशि पहचानिए | Birth Date Se Mithun Rashi Jane
यदि आपका जन्म 21 जून से 22 जुलाई के बीच हुआ है, तो आपकी सूर्य राशि कर्क (Kark Rashi) होती है, जो संवेदनशीलता और भावनात्मक गहराई का प्रतीक है।
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Conclusion:-Kark Rashi ke isht Dev Kaun Hai
आशा करते हैं की (कर्क राशि – इष्ट देव, राशि तत्व, राशि का स्वामी,मंत्र, धातु, रत्न, रुद्राक्ष, राशि नाम अक्षर) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें,बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-Kark Rashi ke isht Dev Kaun Hai
1. कर्क राशि के इष्ट देव कौन हैं?
कर्क राशि के इष्ट देव भगवान शिव माने जाते हैं। भगवान शिव की पूजा-अर्चना से कर्क राशि के जातकों को मानसिक शांति, जीवन में स्थिरता और समृद्धि प्राप्त होती है। शिव जी के आशीर्वाद से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता मिलती है।
2. भगवान शिव की पूजा कैसे करें?
कर्क राशि के जातकों को शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना बहुत लाभकारी होता है। सोमवार का दिन विशेष रूप से शिव जी की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है।
3. क्या कर्क राशि के जातक किसी अन्य देवता की भी पूजा कर सकते हैं?
हालांकि भगवान शिव कर्क राशि के प्रमुख इष्ट देव हैं, लेकिन साथ ही माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान विष्णु की भी पूजा की जा सकती है। ये सभी देवता भी कर्क राशि के जातकों के लिए शुभ माने जाते हैं।
4. कर्क राशि के जातकों के लिए कौन से रत्न और मंत्र शुभ होते हैं?
- रत्न: मोती (पर्ल) कर्क राशि के लिए प्रमुख रत्न है। इसे धारण करने से मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन प्राप्त होता है।
- मंत्र: “ॐ नमः शिवाय” का नियमित जाप कर्क राशि के जातकों के लिए अत्यधिक फलदायी होता है।
5. कर्क राशि के जातकों के लिए कौन से दिन शुभ होते हैं?
कर्क राशि के जातकों के लिए सोमवार और गुरुवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इन दिनों में शिव जी की आराधना करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
6. क्या कर्क राशि के लिए विशेष उपाय किए जा सकते हैं?
कर्क राशि के जातक यदि अपने जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता की कामना करते हैं, तो उन्हें नियमित रूप से शिव जी की आराधना करनी चाहिए। इसके साथ ही चांदी से बने आभूषण धारण करना और चंद्रमा को अर्घ्य देना भी लाभकारी होता है।