
मीन संक्रांति 2025 कब है (Meen Sankranti 2025 kab Hai): हिंदू धर्म में संक्रांति का विशेष महत्व होता है, और इन्हीं में से एक है मीन संक्रांति। यह वह समय होता है जब सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करते हैं, जिससे एक नया वैदिक महीना आरंभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए स्नान, दान और पूजा-पाठ विशेष पुण्य प्रदान करते हैं। यही कारण है कि श्रद्धालु इस अवसर को आत्मिक शुद्धि, समृद्धि और ईश्वर की कृपा प्राप्त करने के लिए बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाते हैं। 2025 में मीन संक्रांति कब पड़ेगी? इस दिन का शुभ मुहूर्त क्या होगा? कौन-कौन से धार्मिक अनुष्ठान इस दिन किए जाते हैं? ऐसे ही महत्वपूर्ण सवालों के जवाब हर श्रद्धालु को जानने की इच्छा होती है।
यदि आप भी मीन संक्रांति 2025 से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद खास होने वाला है। इस लेख में हम आपको मीन संक्रांति (Meen Sankranti) के आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व, इस दिन की जाने वाली पूजा-अर्चना की विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें, ताकि आप इस पावन तिथि का पूरा लाभ उठा सकें और ईश्वरीय कृपा प्राप्त कर सकें……
मीन संक्रांति क्या है? | Meen Sankranti kya Hai?
मीन संक्रांति (Meen Sankranti) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो हर साल फाल्गुन महीने में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करते हैं, जिसे संक्रांति कहा जाता है। यह दिन विशेष रूप से स्नान, दान और पूजा के लिए शुभ माना जाता है। लोग इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और दान-पुण्य करते हैं, जिससे उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। मीन संक्रांति का धार्मिक महत्व है और इसे नए आरंभ का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सूर्य की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। यह पर्व समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी देता है। मीन संक्रांति का पर्व हर साल फाल्गुन महीने में मनाया जाता है, जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है। यह दिन विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठानों और दान के लिए महत्वपूर्ण होता है। लोग इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, जिससे उन्हें आत्मिक शुद्धि और पुण्य की प्राप्ति होती है।
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मीन संक्रांति 2025 कब है? | Meen Sankranti 2025 kab Hai?
2025 में मीन संक्रांति (Meen Sankranti) का शुभ अवसर शुक्रवार, 14 मार्च को आएगा, जिसे आध्यात्मिक उन्नति, समृद्धि और शांति की खोज में लगे भक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है, जो धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। श्रद्धालु इस पावन तिथि पर पुण्य अर्जित करने के लिए पूजा-अर्चना, दान और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।
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मीन संक्रांति का शुभ मुहूर्त क्या है | Meen Sankranti ka Shubh Muhurat kya Hai?
मीनू संक्रांति 2025 (Meen Sankranti 2025) के शुभ मुहूर्त की जानकारी निम्नलिखित है-
विवरण | शुभ मुहूर्त |
मीन संक्रांति तिथि | 14 मार्च 2025 |
सूर्य का मीन राशि में गोचर | 14 मार्च 2025 |
पुण्य काल | दोपहर 12:39 बजे से शाम 06:29 बजे तक |
महा पुण्य काल | शाम 04:29 बजे से शाम 06:29 बजे तक |
मीन संक्रांति की पूजा विधि क्या है? | Meen Sankranti ki Puja Vidhi kya Hai?
- स्नान का महत्व: मीन संक्रांति (Meen 2025) के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। यदि नदी में स्नान संभव न हो, तो घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करें। यह पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है।
- सूर्य देव को अर्घ्य: स्नान के बाद सूर्योदय के समय भगवान सूर्य देव को जल से अर्घ्य दें। यह अर्घ्य देने का कार्य विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- पूजा सामग्री: पूजा के लिए ताजे फूल, फल, और मिठाई का उपयोग करें। इन सामग्रियों को सूर्य देव को अर्पित करें। यह पूजा को और भी प्रभावी बनाता है और श्रद्धा के साथ अर्पित की गई सामग्री का विशेष महत्व होता है।
- तर्पण का आयोजन: मीन संक्रांति (Meen Sankranti) पर तर्पण का आयोजन करना चाहिए। यह पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है। तर्पण करते समय विशेष मंत्रों का उच्चारण करें, जिससे आत्मा को शांति मिले।
- दान का महत्व: इस दिन दान का विशेष महत्व है। जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न या अन्य सामग्री का दान करें। दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।
- सूर्य मंत्र का जाप: पूजा के दौरान सूर्य मंत्र का जाप करें। यह मंत्र सूर्य देव की कृपा को आकर्षित करता है। नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति और ऊर्जा मिलती है।
Conclusion
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (मीन संक्रांति 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त एवं महत्व) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s
Q. मीन संक्रांति क्या है?
Ans. मीन संक्रांति (Meen Sankranti) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है। इस दिन स्नान, दान और पूजा करने का विशेष महत्व होता है।
Q. 2025 में मीन संक्रांति कब मनाई जाएगी?
Ans. 2025 में मीन संक्रांति शुक्रवार, 14 मार्च को मनाई जाएगी, जो आध्यात्मिक उन्नति और पुण्य अर्जन के लिए शुभ मानी जाती है।
Q. मीन संक्रांति पर पुण्य काल और महा पुण्य काल कब है?
Ans. पुण्य काल दोपहर 12:39 बजे से शाम 06:29 बजे तक है, जबकि महा पुण्य काल शाम 04:29 बजे से शाम 06:29 बजे तक रहेगा।
Q. मीन संक्रांति पर स्नान का क्या महत्व है?
Ans. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने या गंगाजल मिलाकर स्नान करने से शुद्धता प्राप्त होती है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
Q. मीन संक्रांति के दिन सूर्य देव को अर्घ्य क्यों दिया जाता है?
Ans. सूर्य देव को अर्घ्य देने से उनकी कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
Q. मीन संक्रांति पर तर्पण क्यों किया जाता है?
Ans. इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता है, जिससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में शुभता आती है।
Q. मीन संक्रांति पर दान करने का क्या महत्व है?
Ans. इस दिन वस्त्र, अन्न और जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।