
नाग पंचमी 2025: शुभ मुहूर्त, महत्व व इतिहास Nag Panchami 2025: (Shubh Muhurat, Mahatva Aur Itihas): नाग पंचमी (Nag Panchami) हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और श्रद्धा से जुड़ा पर्व है, जिसे नाग देवताओं की आराधना और उनसे कृपा प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है। यह तिथि केवल धार्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि प्रकृति, पर्यावरण और सांस्कृतिक परंपराओं का भी प्रतीक है। क्या आप जानते हैं कि नाग पंचमी का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व क्या है? यह पर्व क्यों मनाया जाता है और इसका आध्यात्मिक प्रभाव क्या है?
यदि आप नाग पंचमी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह समझना आवश्यक है कि हिंदू पंचांग के अनुसार इसका निर्धारण कैसे किया जाता है। इस दिन नाग पूजा, विशेष अनुष्ठान और व्रत का क्या महत्व है? क्या इस दिन नाग देवता की कृपा प्राप्त करने से जीवन में सुख, समृद्धि और बाधाओं से मुक्ति मिलती है? इस लेख में हम आपको नाग पंचमी 2025 की सम्पूर्ण जानकारी देंगे—इसकी तिथि, शुभ मुहूर्त, पौराणिक इतिहास और इस दिन किए जाने वाले धार्मिक कार्यों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
यदि आप भी इस पावन अवसर पर नाग देवता की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और धर्म एवं श्रद्धा के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें….
नाग पंचमी क्या है? | Nag Panchami Kya Hai?
नाग पंचमी (Nag Panchami) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो नाग देवता की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग नाग देवता की पूजा करते हैं और उन्हें दूध, फूल, और धूप-दीप अर्पित करते हैं। नाग पंचमी का उद्देश्य नागों के प्रकोप से बचना और उनकी कृपा प्राप्त करना है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। कुछ जगहों पर नागों की मूर्तियों की पूजा की जाती है, तो कहीं पर नागों के चित्र बनाकर उनकी पूजा की जाती है। यह त्योहार नागों के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है।
नाग पंचमी 2025 कब है? | Nag Panchami 2025 Kab Hai?
नाग पंचमी (Nag Panchami) का त्योहार 2025 में 29 जुलाई, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह त्यौहार श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आता है। इस दिन नागों की पूजा विशेष रूप से की जाती है, और भक्तजन अपने घरों में नाग देवता की आराधना करते हैं।
नाग पंचमी 2025 का शुभ मुहूर्त क्या है? | Nag Panchami 2025 Ka Shubh Muhurat Kya Hai?
तिथि | दिन | शुभ मुहूर्त |
29 जुलाई 2025 | मंगलवार | सुबह 05:41 से 08:23 |
कुल अवधि | 2 घंटे 43 मिनट | पूजा के लिए उत्तम समय |
नाग पंचमी की पूजा विधि क्या है? | Nag Panchami Ki Pooja Vidhi Kya Hai?
- स्नान व संकल्प: प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और नाग देवता की पूजा का संकल्प लें। संकल्प लेते समय नागों की कृपा व परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
- नाग देवता की स्थापना: घर के मंदिर या आंगन में नाग देवता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। यदि संभव हो तो किसी नाग मंदिर में जाकर उनकी मूर्ति का अभिषेक करें और दूध, जल व पुष्प अर्पित करें।
- पूजन सामग्री अर्पण: नाग देवता को कच्चा दूध, शहद, फूल, अक्षत, दूर्वा, कुशा, हल्दी और चंदन अर्पित करें। इसके साथ ही विशेष रूप से नागों के प्रिय भोज्य पदार्थ, जैसे लड्डू व मिठाई अर्पण करें और धूप-दीप जलाकर पूजा करें।
- नाग स्तोत्र व मंत्र जाप: नाग पंचमी (Nag Panchami) के दिन “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा” मंत्र का जाप करें। इसके अलावा नाग स्तोत्र, नाग गायत्री मंत्र व नाग पंचमी की कथा का पाठ करना भी शुभ माना जाता है।
- अन्न दान व नाग रक्षा संकल्प: इस दिन सर्पों को दूध पिलाने की परंपरा है, लेकिन दूध का सही उपयोग हो, इस पर ध्यान दें। गरीबों को अन्न दान करें और संकल्प लें कि सांपों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, क्योंकि वे पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नाग पंचमी की पौराणिक कथा क्या है? | Nag Panchami Ki Pauranik katha Kya Hai?
भविष्य पुराण के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया, तब चौदह रत्नों में एक दिव्य अश्वरत्न “उच्चैःश्रवा” प्राप्त हुआ। यह घोड़ा अत्यंत श्वेत था, जिसे देखकर नागमाता कद्रू और उनकी विमाता विनता के बीच उसके रंग को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। कद्रू ने कहा कि घोड़े की पूंछ काली है, और शर्त रखी कि यदि वह गलत सिद्ध हुईं तो वे विनता की दासी बन जाएंगी, अन्यथा विनता उनकी दासी होंगी। अपने कथन को सत्य साबित करने के लिए कद्रू ने अपने नाग पुत्रों को घोड़े के बालों से चिपक जाने का आदेश दिया, लेकिन नागों ने ऐसा करने में असमर्थता जताई। इस पर कद्रू ने क्रोध में आकर उन्हें शाप दे दिया कि पांडवों के वंश में जब राजा जनमेजय सर्प यज्ञ करेंगे, तब वे उसमें जलकर भस्म हो जाएंगे।
इस शाप से भयभीत नागों ने नागराज वासुकि के नेतृत्व में ब्रह्माजी की शरण ली और उनसे मुक्ति का उपाय पूछा। ब्रह्माजी ने कहा कि यायावर वंश में जन्मे तपस्वी जरत्कारु के पुत्र आस्तिक ही उनकी रक्षा करेंगे। इस भविष्यवाणी को सुनकर नागराज वासुकि सहित सभी नाग प्रसन्न हुए और अपने लोक में लौट गए। समय बीतने पर द्वापर युग में अर्जुन के पौत्र और राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए नाग यज्ञ किया, क्योंकि तक्षक नाग के डसने से परीक्षित का निधन हुआ था। इस भयानक यज्ञ में असंख्य नाग अग्नि में जलकर भस्म होने लगे, लेकिन ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि ने यज्ञ को रोक दिया और नागों की रक्षा की।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्माजी ने नागों को यह वरदान पंचमी तिथि को ही दिया था, और इसी दिन आस्तिक मुनि ने नागों को जलने से बचाकर उन पर दूध की धार डालकर शीतलता प्रदान की थी। नागों ने आस्तिक मुनि से वचन लिया कि जो भी पंचमी तिथि को उनकी पूजा करेगा, उसे सर्पदंश का भय नहीं रहेगा। तभी से नाग पंचमी पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है। इस तिथि को एक अन्य महत्वपूर्ण घटना भी जोड़ती है—भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन कालिया नाग के अहंकार को चूर्ण कर उसे पराजित किया था। यही कारण है कि नाग पंचमी का यह पर्व ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
नाग पंचमी का महत्व क्या है? | Nag Panchami Ka Mahatva Kya Hai?
- नागों की पूजा: नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा की जाती है, जिससे उनकी कृपा प्राप्त होती है और नागों के प्रकोप से बचा जा सकता है।
- सुरक्षा और आशीर्वाद: इस दिन नाग देवता की पूजा करने से सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो जीवन में सुख और समृद्धि लाता है।
- धार्मिक महत्व: नाग पंचमी का धार्मिक महत्व है और यह त्योहार हिंदू धर्म में नागों के प्रति श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है।
Conclusion
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (नाग पंचमी 2025: शुभ मुहूर्त, महत्व व इतिहास) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s
Q. C कब मनाई जाती है?
Ans. नाग पंचमी (Nag Panchami) हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। 2025 में यह त्योहार 29 जुलाई, मंगलवार को पड़ेगा।
Q. नाग पंचमी का धार्मिक महत्व क्या है?
Ans. नाग पंचमी हिंदू धर्म में नाग देवता की पूजा का पर्व है, जिसे सर्प दोष से मुक्ति और नागों की कृपा प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है।
Q. नाग पंचमी के दिन कौन-सी पूजा सामग्री अर्पित की जाती है?
Ans. नाग देवता को कच्चा दूध, शहद, फूल, अक्षत, दूर्वा, कुशा, हल्दी और चंदन अर्पित किया जाता है। साथ ही लड्डू और मिठाइयाँ भी चढ़ाई जाती हैं।
Q. नाग पंचमी से जुड़ी प्रमुख पौराणिक कथा कौन-सी है?
Ans. नाग पंचमी (Nag Panchami) की कथा में ऋषि आस्तिक द्वारा राजा जनमेजय के नाग यज्ञ को रोककर नागों की रक्षा करने की कथा प्रचलित है, जिससे यह पर्व मनाने की परंपरा शुरू हुई।
Q. नाग पंचमी पर कौन-से मंत्रों का जाप किया जाता है?
Ans. इस दिन “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा” मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है।
Q. नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है?
Ans. 2025 में नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त सुबह 05:41 से 08:23 बजे तक रहेगा, जिसकी कुल अवधि 2 घंटे 43 मिनट की होगी।