
दक्षिण मुखी मकान के शौचालय का वास्तु शास्त्र के उपाय (South Facing Home Toilet in Hindi ): क्या आपका घर दक्षिण मुखी है और आप सोच रहे हैं कि शौचालय किस दिशा में बनाना चाहिए? क्या आपको पता है कि गलत दिशा में बने शौचालय से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे आर्थिक परेशानियां, स्वास्थ्य समस्याएं और मानसिक तनाव बढ़ सकते हैं? वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का हर कोना एक विशेष ऊर्जा केंद्र होता है, और शौचालय की स्थिति इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर आप जानना चाहते हैं कि दक्षिण मुखी मकान में शौचालय के लिए सबसे सही दिशा कौन-सी है, शौचालय कहां नहीं बनाना चाहिए, टॉयलेट सीट किस दिशा में होनी चाहिए, कौन-से रंग शुभ माने जाते हैं, और मुख्य द्वार की सही स्थिति क्या होनी चाहिए,
तो यह लेख आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस लेख में आपको दक्षिण मुखी मकान के वास्तु नियमों से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी मिलेगी, जिससे आप अपने घर को वास्तु दोष से बचा सकते हैं।
तो अगर आप अपने दक्षिण मुखी मकान में शौचालय के लिए सही दिशा और वास्तु उपायों की पूरी जानकारी चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें…….
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दक्षिण मुखी मकान में शौचालय किधर होना चाहिए? | Dakshin mukhi makaan mein shauchalay kidhar hona chahiye?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण मुखी मकान (south facing house) में शौचालय का स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है। शौचालय को हमेशा घर के दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए, क्योंकि ये दिशाएं शौचालय के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं। उत्तर-पूर्व (ईशान) या ब्रह्मस्थान में शौचालय बनाना अशुभ होता है, क्योंकि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। शौचालय के निर्माण में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह घर के मुख्य द्वार या पूजा स्थान के सामने न हो। साथ ही, शौचालय में उचित वेंटिलेशन और सफाई का ध्यान रखना आवश्यक है, ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे और घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े।
दक्षिण मुखी मकान का शौचालय कहां होना चाहिए? | Dakshin mukhi makaan ka shauchalay kahan hona chahiye?
दक्षिण मुखी मकान (south facing house) में शौचालय के लिए सबसे उपयुक्त स्थान दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) या पश्चिम दिशा होती है। ये दिशाएं शौचालय की नकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करती हैं और घर के अन्य क्षेत्रों को प्रभावित नहीं होने देतीं। अगर इन दिशाओं में शौचालय बनाना संभव न हो, तो दक्षिण दिशा में भी बनाया जा सकता है, लेकिन उत्तर-पूर्व (ईशान) दिशा में शौचालय बनाने से बचना चाहिए। ईशान कोण को पवित्र माना जाता है, और यहां शौचालय होने से घर में नकारात्मक प्रभाव आ सकते हैं। शौचालय को हमेशा साफ और हवादार रखना भी जरूरी होता है।
दक्षिण मुखी मकान का शौचालय किस दिशा में होना चाहिए? | Dakshin mukhi makaan ka shauchalay kis disha mein hona chahiye?
दक्षिण मुखी मकान (south facing house) में शौचालय के लिए सही दिशा नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) या पश्चिम मानी जाती है। इन दिशाओं में शौचालय बनवाने से घर की ऊर्जा संतुलित रहती है और वास्तु दोष उत्पन्न नहीं होते। यदि इन दिशाओं में शौचालय बनाना संभव न हो, तो दक्षिण दिशा में भी शौचालय बनाया जा सकता है, लेकिन ध्यान रखना चाहिए कि यह घर के मुख्य द्वार या रसोई के पास न हो। उत्तर-पूर्व (ईशान) और ब्रह्मस्थान में शौचालय बनाना सख्त मना है, क्योंकि इससे घर में आर्थिक तंगी, बीमारियां और मानसिक अशांति हो सकती है। शौचालय का निर्माण सही दिशा में होने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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दक्षिण मुखी मकान के शौचालय की टॉयलेट सीट की दिशा क्या होनी चाहिए? | Dakshin mukhi makaan ke shauchalay ki toilet seat ki disha kya honi chahiye?
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, दक्षिण मुखी मकान में शौचालय की टॉयलेट सीट की दिशा उत्तर या दक्षिण की ओर होनी चाहिए। इसका अर्थ यह है कि बैठने पर व्यक्ति का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है और वास्तु दोष उत्पन्न नहीं होते। पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर मुख करके टॉयलेट सीट रखना उचित नहीं माना जाता, क्योंकि इससे घर में नकारात्मक प्रभाव बढ़ सकते हैं। इसके अलावा, शौचालय का दरवाजा पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए ताकि प्राकृतिक रोशनी और हवा का संचार बना रहे। सही दिशा में टॉयलेट सीट रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
दक्षिण मुखी मकान के शौचालय का रंग कैसा होना चाहिए? | Dakshin mukhi makaan ke shauchalay ka rang kaisa hona chahiye?
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, दक्षिण मुखी मकान (south facing house) के शौचालय में हल्के और शांतिपूर्ण रंगों का प्रयोग करना शुभ माना जाता है। सफेद, हल्का नीला, हल्का हरा या हल्का ग्रे रंग शौचालय के लिए उपयुक्त होते हैं, क्योंकि ये रंग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और नकारात्मक प्रभाव को कम करते हैं। काले, गहरे लाल या गहरे भूरे रंग से बचना चाहिए, क्योंकि ये रंग नकारात्मकता और तनाव को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, शौचालय की टाइल्स और दीवारों का रंग हल्का होना चाहिए ताकि वहां स्वच्छता बनी रहे और वातावरण सकारात्मक महसूस हो। सही रंगों के प्रयोग से घर के सदस्यों के स्वास्थ्य और मानसिक शांति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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दक्षिण मुखी घर का मुख्य द्वार किस दिशा में होना चाहिए? | Dakshin mukhi ghar ka mukhya dwar kis disha mein hona chahiye?
दक्षिण मुखी घर (south facing house) का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में होता है, लेकिन इसे दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में रखना सबसे शुभ माना जाता है। दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) में मुख्य द्वार होने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकते हैं, जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है। यदि मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में ही हो, तो उसके आसपास सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए लकड़ी के दरवाजे का प्रयोग करें और घर के अंदर गणेश जी की मूर्ति या पंचमुखी हनुमानजी की तस्वीर लगाएं। इससे नकारात्मक प्रभाव कम होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
दक्षिण मुखी घर का नक्शा कैसा होना चाहिए? | Dakshin mukhi ghar ka naksha kaisa hona chahiye?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण मुखी घर का नक्शा इस तरह होना चाहिए कि घर का मुख्य द्वार दक्षिण-पूर्व दिशा में हो। घर का पूजा स्थान उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में होना चाहिए, क्योंकि यह दिशा आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए शुभ मानी जाती है। रसोई आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) दिशा में, शयनकक्ष नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) में और शौचालय पश्चिम या नैऋत्य दिशा में होना चाहिए। घर में प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे और वास्तु दोष न उत्पन्न हों।
Conclusion:-Vastu Tips For South Facing House Vastu in Hindi
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FAQ’s:-Vastu Tips For South Facing House Vastu in Hindi
Q. दक्षिण मुखी मकान में शौचालय किस दिशा में होना चाहिए?
Ans. दक्षिण मुखी मकान में शौचालय नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) या पश्चिम दिशा में होना चाहिए, क्योंकि ये दिशाएं नकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करने में सहायक होती हैं।
Q. दक्षिण मुखी मकान में शौचालय किस दिशा में नहीं बनाना चाहिए?
Ans. उत्तर-पूर्व (ईशान) और ब्रह्मस्थान में शौचालय बनाना अशुभ माना जाता है, क्योंकि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
Q. दक्षिण मुखी मकान के शौचालय की टॉयलेट सीट किस दिशा में होनी चाहिए?
Ans. टॉयलेट सीट इस तरह होनी चाहिए कि व्यक्ति का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर रहे, जिससे वास्तु दोष न उत्पन्न हो।
Q. दक्षिण मुखी मकान के शौचालय का रंग कैसा होना चाहिए?
Ans. हल्के और शांतिपूर्ण रंग, जैसे सफेद, हल्का नीला, हल्का हरा या हल्का ग्रे उपयुक्त होते हैं, जबकि गहरे लाल, काले या गहरे भूरे रंग से बचना चाहिए।
Q. दक्षिण मुखी घर का मुख्य द्वार किस दिशा में होना चाहिए?
Ans. दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में मुख्य द्वार रखना सबसे शुभ होता है, जबकि दक्षिण-पश्चिम दिशा में मुख्य द्वार से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकते हैं।
Q. दक्षिण मुखी मकान में पूजा स्थान कहां होना चाहिए?
Ans. पूजा स्थान के लिए उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) सबसे शुभ दिशा मानी जाती है, क्योंकि यह आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाती है।