कामिका एकादशी की तिथि, महत्व, शुभ मुहूर्त और पारण का समय (Kamika Ekadashi 2025): कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो प्रत्येक वर्ष सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु और देवी एकादशी को समर्पित है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) व्रत करने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इसे सावन माह में किया जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। कामिका एकादशी का शुभ मुहूर्त और पारण तिथि जानना भी बहुत महत्वपूर्ण है ताकि व्रत का पूरा लाभ प्राप्त किया जा सके। इस वर्ष 2025 में कामिका एकादशी 21 जुलाई को मनाई जाएगी। हालांकि, इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि इस दिन कुछ दुर्लभ संयोग बन रहे हैं जो इस व्रत को और भी खास बनाते हैं। तो आइए जानते हैं कि क्यों कामिका एकादशी इतनी महत्वपूर्ण मानी जाती है, इस व्रत का क्या महत्व है, इसका शुभ मुहूर्त क्या है और पारण कब किया जाना चाहिए। साथ ही यह भी जानेंगे कि इस व्रत को किस विधि से करना चाहिए ताकि इसका पूरा लाभ मिल सके।
तो पढ़ते रहिए यह लेख अंत तक और जानिए कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें…
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Table Of Content
S.NO | प्रश्न |
1 | कामिका एकादशी कब मनाई जाएगी? |
2 | कामिका एकादशी का महत्व क्या है? |
3 | कामिका एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है? |
4 | कामिका एकादशी का पारण समय क्या है? |
कामिका एकादशी कब मनाई जाएगी? (When will Kamika Ekadashi Be Celebrated)
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कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi), एक पवित्र हिन्दू त्योहार, जो भगवान विष्णु की उपासना के लिए मनाया जाता है, 2024 में 31 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन का पालन करने से मान्यता है कि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, जिससे समृद्धि, खुशी और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दिन धार्मिक गतिविधियों, जैसे कि दान, प्रार्थना, और ध्यान के लिए शुभ माना जाता है।
कामिका एकादशी का महत्व क्या है? (What is The Significance Of Kamika Ekadashi)
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कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) का महत्व दो मुख्य बिंदुओं में इस प्रकार है:
- पाप मुक्ति और पुण्य प्राप्ति: कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) का व्रत रखने से व्यक्ति को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और उसे पुण्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और तुलसी अर्पित करने से बुरे कर्मों से छुटकारा मिलता है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। कामिका एकादशी को अश्वमेध यज्ञ के समान फल देने वाली माना जाता है।
- पितृ दोष निवारण और कामनाओं की पूर्ति: कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) का व्रत पितृ दोष को दूर करने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और माता लक्ष्मी (Goddess Laxmi) की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति की सभी कामनाएं पूरी होती हैं। कामिका एकादशी के व्रत से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और संयम एवं सदाचार का विकास होता है।
कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) तिथि व मुहूर्त
एकादशी व्रत तिथि – 21 जुलाई 2025, सोमवार
पारण का समय – 22 जुलाई को 05:37 बजे से प्रातः 07:05 बजे तक
पारण के दिन द्वादशी तिथि समाप्त – प्रातः 07:05 बजे
एकादशी तिथि प्रारंभ – 20 जुलाई 2025 को दोपहर 12:12 बजे
एकादशी तिथि समाप्त – 21 जुलाई 2025 को प्रातः 09:38 बजे
कामिका एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है? (What is The Auspicious Time Of Kamika Ekadashi)
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हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आगमन 21 जुलाई को शाम 05:37 बजे होगा। अगले दिन, 21 जुलाई को शाम 07:05 बजे, यह एकादशी समाप्त होगी। यही वह शुभ दिन है जब हम कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) का पर्व मनाएंगे। इसके बाद, 22 जुलाई को इसका पारण किया जाएगा। यह पवित्र तिथि और समय न केवल हमारी धार्मिक परंपराओं को सजीव रखता है, बल्कि हमें आस्था और भक्ति के सागर में गोता लगाने का अवसर भी प्रदान करता है।
तिथि प्रारंभ | 20 जुलाई 2025 को दोपहर 12:12 बजे |
तिथि समापन | 21 जुलाई 2025 को प्रातः 09:38 बजे |
कामिका एकादशी का पारण समय क्या है? (What is The Parana Time Of Kamika Ekadashi)
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कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi), एक प्रमुख हिंदू त्योहार, 2025 में 20 जुलाई को मनाया जाएगा। यह त्योहार भगवान विष्णु को समर्पित है और इसका पालन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी (Goddess Laxmi), भगवान शिव (Lord Shiva), और माता पार्वती (Goddess Parvati) के आशीर्वाद को आकर्षित करता है। एकादशी तिथि 20 जुलाई , 2025 को 12:12 बजे शाम को आरंभ होती है और 21 जुलाई, 2025 को 09:38 बजे शाम को समाप्त होती है। व्रत का पारण, अगले दिन, अर्थात् 1 अगस्त, 2025 को, निर्दिष्ट शुभ समय में किया जाता है। 2025 में कामिका एकादशी का पारण 22 जुलाई को 05:37 बजे से प्रातः 07:05 बजे तक है। व्रत के पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए, इस समय सीमा के भीतर ही व्रत का पारण करने की सिफारिश की जाती है।
Conclusion:-
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कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) का व्रत करने से न सिर्फ मोक्ष की प्राप्ति होती है, बल्कि भक्त को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है। सभी श्रद्धालुओं को इस पावन पर्व पर व्रत अवश्य करना चाहिए। कामिका एकादशी के पावन त्योहार से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने सभी परिजनों के साथ अवश्य साझा करें। व्रत एवं त्योहार से संबंधित और भी लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s
Q. कामिका एकादशी 2025 कब मनाई जाएगी?
Ans. कामिका एकादशी 20 जुलाई 2025, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। यह एकादशी श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनायी जाती है।
Q. कामिका एकादशी का क्या महत्व है?
Ans. कामिका एकादशी का व्रत रखने से भक्तों को बुरे कर्मों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत से व्रती के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
Q. कामिका एकादशी का पारण तिथि क्या है?
Ans. कामिका एकादशी व्रत का पारण 21 जुलाई 2025, गुरुवार को सुबह 12:12 बजे से सुबह 07:05 बजे के बीच किया जा सकता है।
Q. कामिका एकादशी पर क्या करना चाहिए?
Ans. कामिका एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिए। भगवान को तुलसी अर्पित करना चाहिए। संभव हो तो व्रत रखना चाहिए।
Q. कामिका एकादशी पर भगवान शिव की पूजा का क्या महत्व है?
Ans. कामिका एकादशी पर भगवान शिव कैलाश पर्वत पर विराजमान रहते हैं। इस समय में भगवान शिव का अभिषेक करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
Q. एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
Ans. एकादशी के दिन चावल, मांस-मदिरा, लहसुन, प्याज का सेवन वर्जित है। इस दिन संयम से रहना चाहिए और मन-वाणी से किसी के प्रति द्वेष नहीं रखना चाहिए।
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