
Mohini Ekadashi Upay: हिंदू धर्म में एकादशी व्रतों का विशेष महत्व है और इनमें से एक है मोहिनी एकादशी। यह एकादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में आती है और इस वर्ष 19 मई 2024 को मनाई जाएगी।
मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) का व्रत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है और इसे करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। पुराणों के अनुसार, इस व्रत को करने से स्वयं भगवान राम (Lord Ram) ने भी अपनी परेशानियों से मुक्ति पाई थी और रावण पर विजय हासिल की थी। मोहिनी एकादशी का व्रत न सिर्फ आध्यात्मिक लाभ देता है बल्कि इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। इस व्रत को करने से बुखार, खांसी, जुकाम जैसी बीमारियां दूर होती हैं और पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है। इस व्रत को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करने पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं कि मोहिनी एकादशी व्रत किस प्रकार किया जाता है और इसके क्या महत्व हैं। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि इस व्रत को करने से क्या-क्या लाभ मिलते हैं और भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
यह लेख आपको मोहिनी एकादशी के बारे में विस्तृत जानकारी देगा और इस पावन पर्व को मनाने की प्रेरणा भी देगा…
Table Of Content:-Mohini Ekadashi Upay
S.NO | प्रश्न |
1 | मोहिनी एकादशी कब है? |
2 | मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है? |
3 | मोहिनी एकादशी के शुभ संयोग |
4 | मोहिनी एकादशी के प्रमुख उपाय |
5 | मोहिनी एकादशी के प्रमुख मंत्र |
मोहिनी एकादशी कब है? || Mohini Ekadashi upay
मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) का व्रत इस वर्ष 19 मई 2024, दिन रविवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत प्रतिवर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस बार एकादशी तिथि का प्रारंभ 18 मई शनिवार को सुबह 11 बजकर 22 मिनट से होगा और समाप्ति 19 मई रविवार को रात 1 बजकर 50 मिनट पर होगी।
साल 2025 की सभी एकादशी (Ekadashi 2025 Date and Time)
तारीख | माह | दिन | आरंभ | समाप्त | एकादशी |
10 जनवरी | शुक्रवार | 12:22 अपराह्न, 09 जनवरी | प्रातः 10:19 बजे, 10 जनवरी | पौष पुत्रदा एकादशी |
25 जनवरी | शनिवार | 07:25 अपराह्न, 24 जनवरी | 25 जनवरी, रात्रि 08:31 बजे | षटतिला एकादशी |
8 फ़रवरी | शनिवार | रात्रि 09:26 बजे, 07 फरवरी | रात्रि 08:15 बजे, फरवरी 08 | जया एकादशी |
24 फरवरी | सोमवार | 01:55 अपराह्न, 23 फरवरी | 01:44 अपराह्न, 24 फरवरी | विजया एकादशी |
10 मार्च | सोमवार | प्रातः 07:45, मार्च 09 | प्रातः 07:44, मार्च 10 | आमलकी एकादशी |
25 मार्च | मंगलवार | प्रातः 05:05, मार्च 25 | प्रातः 03:45, मार्च 26 | पापमोचनी एकादशी |
26 मार्च | बुधवार | प्रातः 05:05, मार्च 25 | प्रातः 03:45, मार्च 26 | वैष्णव पापमोचनी एकादशी |
8 अप्रैल | मंगलवार | 08:00 अपराह्न, 07 अप्रैल | रात्रि 09:12 बजे, अप्रैल 08 | कामदा एकादशी |
24 अप्रैल | गुरुवार | 04:43 अपराह्न, 23 अप्रैल | 02:32 अपराह्न, 24 अप्रैल | वरुथिनी एकादशी |
8 मई | गुरूवार | प्रातः 10:19 बजे, 07 मई | 12:29 PM, 08 मई | मोहिनी एकादशी |
23 मई | शुक्रवार | 01:12 AM, 23 मई | रात्रि 10:29 बजे, 23 मई | अपरा एकादशी |
6 जून | शुक्रवार | 02:15 पूर्वाह्न, 06 जून | प्रातः 04:47, जून 07 | निर्जला एकादशी |
21 जून | शनिवार | प्रातः 07:18 बजे, 21 जून | प्रातः 04:27, जून 22 | योगिनी एकादशी |
22 जून | रविवार | प्रातः 07:18 बजे, 21 जून | प्रातः 04:27 बजे, 22 जून | गौना योगिनी एकादशी |
6 जुलाई | रविवार | सायं 06:58 बजे, 05 जुलाई | रात्रि 09:14 बजे, 06 जुलाई | देवशयनी एकादशी |
21 जुलाई | सोमवार | 12:12 अपराह्न, 20 जुलाई | प्रातः 09:38 बजे, 21 जुलाई | कामिका एकादशी |
5 अगस्त | मंगलवार | 11:41 पूर्वाह्न, 04 अगस्त | 01:12 अपराह्न, 05 अगस्त | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
19 अगस्त | मंगलवार | 05:22 अपराह्न, 18 अगस्त | 03:32 अपराह्न, 19 अगस्त | अजा एकादशी |
3 सितम्बर | बुधवार | 03:53 पूर्वाह्न, 03 सितंबर | प्रातः 04:21, सितम्बर 04 | पार्श्व एकादशी |
17 सितम्बर | बुधवार | 12:21 पूर्वाह्न, 17 सितंबर | रात्रि 11:39 बजे, 17 सितम्बर | इन्दिरा एकादशी |
3 अक्टूबर | शुक्रवार | 07:10 अपराह्न, 02 अक्टूबर | 06:32 अपराह्न, 03 अक्टूबर | पापांकुशा एकादशी |
17 अक्टूबर | शुक्रवार | प्रातः 10:35 बजे, 16 अक्टूबर | 11:12 पूर्वाह्न, 17 अक्टूबर | रमा एकादशी |
2 नवंबर | रविवार | प्रातः 09:11 बजे, 01 नवम्बर | प्रातः 07:31 बजे, 02 नवम्बर | देवउत्थान एकादशी |
15 नवंबर | शनिवार | 12:49 पूर्वाह्न, 15 नवंबर | 02:37 पूर्वाह्न, 16 नवंबर | उत्पन्ना एकादशी |
1 दिसंबर | सोमवार | रात्रि 09:29 बजे, 30 नवंबर | 07:01 अपराह्न, 01 दिसम्बर | मोक्षदा एकादशी |
15 दिसंबर | सोमवार | 06:49 अपराह्न, 14 दिसंबर | रात्रि 09:19 बजे | सफला एकादशी |
31 दिसंबर | बुधवार | प्रातः 07:50 बजे, 30 दिसम्बर | प्रातः 05:00 बजे, 31 दिसम्बर | पौष पुत्रदा एकादशी |
मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या है?
अगर हिंदू पंचांग की माने तो मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी की 18 में को सुबह 11:22 से शुरू होगी। इस मोहिनी एकादशी का समापन 19 में 2024 को दोपहर 1:50 पर होगा। लेकिन उदय तिथि के अनुसार मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) का व्रत 19 में को रखा जाएगा 19 में को पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7:10 से शुरू होगा और 12:18 तक रहेगा मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) का पारण अगले दिन 20 में को सुबह पूजा इत्यादि के बाद होगा।
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मोहिनी एकादशी के शुभ संयोग
मोहिनी एकादशी इस वर्ष 19 मई 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं जो इस पर्व को और भी महत्वपूर्ण बना रहे हैं। इन शुभ योगों का विवरण निम्नलिखित है:
- अमृत योग: 19 मई को प्रातः 05:28 से 20 मई को तड़के 03:16 मिनट तक अमृत योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- वज्र योग: 18 मई को प्रातः 10:25 से 19 मई को प्रातः 11:25 मिनट तक वज्र योग बन रहा है। इस योग में की गई पूजा से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता आती है।
- सिद्धि योग: 18 मई को प्रातः 11:25 मिनट से 19 मई को दोपहर 12:11 तक सिद्धि योग है। इस योग में भगवान विष्णु की आराधना करने से भक्त को सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।
- भद्रावास योग: इस मोहिनी एकादशी पर भद्र वास योग भी बन रहा है आपको बता दें कि इस दिन दोपहर 01:50 मिनट तक भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के सभी दुख-संकट दूर हो जाते हैं।
- सर्वार्थ सिद्धि योग: मोहिनी एकादशी पर सुबह 05:28 मिनट से 20 मई को देर रात 03:16 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इसके अलावा, मोहिनी एकादशी पर 12 साल बाद एक दुर्लभ संयोग भी बन रहा है जिससे कर्क राशि वालों के लिए अच्छे और सौभाग्यशाली दिन शुरू होंगे। वे हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम प्राप्त करेंगे।
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मोहिनी एकादशी के प्रमुख उपाय
मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की कृपा प्राप्त करने और जीवन में उन्नति पाने के लिए निम्नलिखित 6 प्रमुख उपाय किए जा सकते हैं:
- मनोकामना पूर्ति के लिए: यदि आपकी कोई विशेष इच्छा है जिसे जल्द पूरा करना चाहते हैं, तो मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले रंग का नया वस्त्र या रुमाल अर्पित करें। रुमाल के चारों कोनों पर रंगीन झालर लगाकर मंदिर में भगवान विष्णु को अर्पित करते हुए अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
- व्यक्तिगत विकास के लिए: मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) के दिन गंगाजल से स्नान करके ताजे वस्त्र धारण करें। फिर धूप, दीप और अन्य उपचारों से भगवान विष्णु की पूजा करके अपने व्यक्तिगत विकास और कल्याण के लिए उनका आशीर्वाद लें।
- रिश्तों को मजबूत करने के लिए: एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) के बाद अपने साथी के साथ भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करें। फिर एक साथ श्री विष्णु गायत्री मंत्र का जाप करके अपने बंधन को मजबूत करने के लिए उनका आशीर्वाद लें। मंत्र है: ‘ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्।’
- व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए: मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) के दिन एक ब्राह्मण को अपने घर आमंत्रित करके उन्हें भव्य भोज कराएं। अपनी क्षमता के अनुसार उदारतापूर्वक दान करें और अपने व्यवसाय की सफलता के लिए उनका आशीर्वाद लें। यदि ब्राह्मण आपके घर नहीं आ सकते, तो आप एक थाली भोजन पैक करके उनके निवास पर जाकर आशीर्वाद लेते हुए भेंट कर सकते हैं।
- करियर में उन्नति के लिए: मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को मक्खन और मिश्री का भोग लगाएं। उनकी मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठकर 108 बार ‘ॐ नमो भगवते नारायणाय’ मंत्र का जाप करें।
- पारिवारिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए: मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) के दिन सभी सांसारिक गतिविधियों से दूर रहकर पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें। केले के पेड़ के तने में पानी डालें और कुछ देर केले के पेड़ पर ध्यान लगाकर अपने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करें।
इन उपायों को करने से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं, व्यक्तिगत विकास होता है, रिश्ते मजबूत होते हैं, व्यवसाय में वृद्धि होती है, करियर में उन्नति होती है और पारिवारिक जीवन सुखमय होता है। हालांकि, इन उपायों के लिए किसी धार्मिक या आध्यात्मिक मार्गदर्शक से विशिष्ट निर्देश और मार्गदर्शन लेना उचित होगा।
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मोहिनी एकादशी के प्रमुख मंत्र
S.NO | मोहिनी एकादशी के प्रमुख मंत्र | मंत्र के लाभ |
1 | ॐ नमो भगवते वासुदेवा | इस मंत्र के जाप करने से मन शांत रहता है। उसमें दया भावना जागृत होती है और दूसरों के प्रति प्रेम भाव बढ़ता है। |
2 | कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने । प्रणत क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः। | अगर आपके जीवन में पारिवारिक क्लेश होते हैं यह जीवन में आंतरिक कला भी मची हुई है तो इस मंत्र के जाप से आपको काफी फायदा हो सकता है। |
3 | नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णुः प्रचोदयात् ॥ | इस मंत्र के जाप से पारिवारिक कलह दूर होता है। इसके जाप से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है। |
4 | शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् । लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्, वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥ | इस मंत्र के जाप से मनुष्य जीवन में हर सफलता को प्राप्त करता है। यह मंत्र अवास्तविक दुनिया के डरों से बाहर निकालने का काम करता है। |
5 | ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये: अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥ | मोहिनी एकादशी के पावन अवसर पर अगर आप ही इस मंत्र का जाप करेंगे तो आप सभी प्रकार की आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा पा सकते हैं। |
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Conclusion:-Mohini Ekadashi upay
मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi upay) आध्यात्मिक शुद्धि और आत्म-विकास का अवसर प्रदान करती है। इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने से न केवल मोक्ष की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता भी आती है। मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) से संबंधित इस लेख से उत्पन्न अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो तो कृपया उन प्रश्नों को कमेंट बॉक्स में जरूर लिखिए, हम आपके सभी प्रश्नों का हर संभव जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही और रोचक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s:-Mohini Ekadashi upay
Q. मोहिनी एकादशी का व्रत कब किया जाता है?
Ans. मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) का व्रत वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। यह व्रत समस्त पापों का क्षय करता है तथा व्यक्ति के आकर्षण प्रभाव में वृद्धि करता है।
Q. मोहिनी एकादशी व्रत का क्या महत्व है?
Ans. मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) व्रत करने से मनुष्य सब पापों तथा दुखों से छूटकर मोहजाल से मुक्त हो जाता है। l
Q. मोहिनी एकादशी के दिन क्या किया जाना चाहिए?
Ans. मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) के अवसर पर श्रद्धालुओं को सुबह से ही पूजा-पाठ, प्रातःकालीन आरती, सत्संग, एकादशी महात्म्य की कथा, प्रवचन सुनना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु को चंदन और जौ चढ़ाने चाहिए।
Q. मोहिनी एकादशी व्रत की कथा क्या है?
Ans. मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) की कथा महर्षि वशिष्ठ ने श्री रामचंद्र जी से कही थी। इस कथा में धनपाल नामक वैश्य के पांचवें पुत्र धृष्टबुद्धि द्वारा किए गए पापों और उसके द्वारा मोहिनी एकादशी व्रत करने से पापों से मुक्ति पाने की बात कही गई है।
Q. मोहिनी एकादशी व्रत करने से क्या लाभ होता है?
Ans. मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) का व्रत करने से व्यक्ति को समाज, परिवार तथा देश में प्रतिष्ठा मिलती है तथा उसकी ख्याति चारों ओर फैलती है। इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य को मृत्यु के बाद मिलने वाली नर्क की यातनाओं से छुटकारा मिलता है।
Q. मोहिनी एकादशी के दिन कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?
Ans. मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) के दिन इनमें से किसी एक मंत्र का 108 बार जाप अवश्य करना चाहिए – ॐ विष्णवे नमः, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय, ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्, ॐ नमो नारायण।