
चैत्र नवरात्रि कब है 2025 (Chaitra Navratri kab Hai 2025): चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri), भारतीय संस्कृति का एक अद्भुत पर्व है, जो हर साल वसंत ऋतु में मनाया जाता है। यह पर्व मां दुर्गा की आराधना का समय होता है, जिसमें भक्तगण नौ दिनों तक उपवास रखते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मां दुर्गा की तस्वीर को किस दिशा में स्थापित करना चाहिए? सही दिशा में स्थापित की गई तस्वीर न केवल सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है, बल्कि आपके घर में सुख-समृद्धि भी लाती है।
इसके अलावा, मूर्ति स्थापना के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, यह भी जानना आवश्यक है। सही विधियों का पालन करने से आपकी पूजा और भी फलदायी हो सकती है। इस लेख में हम इन सभी महत्वपूर्ण सवालों का उत्तर देंगे, ताकि आप चैत्र नवरात्रि के इस पावन पर्व को सही तरीके से मना सकें। यदि आप मां दुर्गा की आराधना से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक पढ़ें।
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025) के पावन पर्व एवं मन में उठने वाले इस पर्व से संबंधित सभी सवालों के जवाब जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें….
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चैत्र नवरात्रि क्या है? | Chaitra Navratri kya Hai?
चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो हिंदू कैलेंडर के चैत्र मास (मार्च-अप्रैल) में मनाया जाता है। यह नौ दिनों तक चलने वाला उत्सव है, जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसे “वसंत नवरात्रि” भी कहते हैं, क्योंकि यह वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। मान्यता है कि इसी समय ब्रह्मांड की रचना हुई थी और भगवान राम का जन्म भी चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन (राम नवमी) को हुआ था। इस दौरान भक्त व्रत रखते हैं, मंदिरों में विशेष आरती होती है, और घरों में कलश स्थापना व हवन किए जाते हैं। यह त्योहार आध्यात्मिक शुद्धि, नए कार्यों की शुरुआत और प्रकृति के संतुलन को समर्पित है।
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चैत्र नवरात्रि 2025 कब है? | Chaitra Navratri 2025 kab Hai?
चैत्र नवरात्रि 2025 में 8 अप्रैल से 16 अप्रैल तक मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक चलती है। नौवें दिन (16 अप्रैल) को राम नवमी मनाई जाएगी, जो भगवान राम के जन्मोत्सव का दिन है। इस अवधि में देवी के नौ स्वरूपों—शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री—की क्रमशः पूजा की जाती है। देशभर में मंदिरों को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है, तथा भक्त गरबा, कीर्तन और भजनों के माध्यम से देवी की आराधना करते हैं।
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मां दुर्गा की तस्वीर किस दिशा में स्थापित करनी चाहिए? | Maa Durga ki Tasveer kis Disha Mein Sthapit karni Chahiye? Kis Disha Mein Rakhe Devi Durga ki Tasvir?
देवी दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति को पूर्व या उत्तर दिशा में स्थापित शुभ माना जाता है। पूर्व दिशा सूर्योदय की दिशा है, जो सकारात्मक ऊर्जा और नए प्रारंभ का प्रतीक है। उत्तर दिशा को धन और समृद्धि से जोड़ा जाता है। यदि संभव न हो, तो पश्चिम दिशा भी उपयुक्त है, परंतु दक्षिण दिशा से बचें। मूर्ति को एक ऊंचे स्थान पर स्थापित करें, जहां वह सीधे दिखाई दे। साथ ही, पूजा स्थल को स्वच्छ रखें और तस्वीर के सामने दीपक जलाकर रखें ताकि शुभता बनी रहे।
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मां दुर्गा की मूर्ति स्थापना में रखें किन बातों का ध्यान? | Maa Durga ki Murti Sthapana Me Rakhen kin Baaton ka Dhyan
- शुभ दिशा का चयन करें: मां दुर्गा की मूर्ति को पूर्व या उत्तर दिशा में स्थापित करना सबसे शुभ माना जाता है। पूर्व दिशा उगते सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है, जबकि उत्तर दिशा समृद्धि और शांति लाने में सहायक होती है। दक्षिण दिशा में स्थापना से बचना चाहिए।
- मूर्ति की ऊंचाई और स्थान: मूर्ति को जमीन से थोड़ी ऊंचाई पर रखना चाहिए ताकि पूजा करते समय भक्तों की दृष्टि सीधी मां के चरणों और मुख पर पड़े। मूर्ति के पीछे दीवार होनी चाहिए और उसके आसपास पर्याप्त स्थान होना चाहिए ताकि पूजा विधि सुचारू रूप से हो सके।
- पूजा स्थल की स्वच्छता: मूर्ति स्थापित करने से पहले स्थान को गंगाजल या गौमूत्र से शुद्ध करें। पूजा स्थल स्वच्छ, शांत और पवित्र होना चाहिए। मूर्ति के सामने दीपक, अगरबत्ती और फूल रखें और वहां जूते-चप्पल पहनकर जाने से बचें।
- मूर्ति का स्वरूप और स्थिति: मूर्ति या तस्वीर ऐसी हो जिसमें मां दुर्गा का मुख शांत और सौम्य हो। उनका चेहरा घर के अंदर की ओर होना चाहिए, बाहर की ओर नहीं। मां की दृष्टि भक्तों पर सीधी पड़नी चाहिए, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।
- नियमित पूजा और देखभाल: मूर्ति स्थापित करने के बाद नियमित पूजा आवश्यक है। प्रतिदिन दीपक जलाएं, दुर्गा चालीसा और मंत्रों का पाठ करें। मूर्ति को समय-समय पर स्नान कराएं और वस्त्र बदलें। अधूरी पूजा या मूर्ति की अनदेखी अशुभ मानी जाती है।
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Conclusion:-Chaitra Navratri kab Hai 2025
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (मां दुर्गा की तस्वीर किस दिशा में स्थापित करें) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-Chaitra Navratri kab Hai 2025
Q. चैत्र नवरात्रि क्या है?
Ans. चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो चैत्र मास में नौ दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
Q. चैत्र नवरात्रि 2025 में कब मनाई जाएगी?
Ans. चैत्र नवरात्रि 2025 में 8 अप्रैल से 16 अप्रैल तक मनाई जाएगी। नवमी तिथि को राम नवमी का उत्सव भी मनाया जाएगा।
Q. चैत्र नवरात्रि को वसंत नवरात्रि क्यों कहा जाता है?
Ans. इसे वसंत नवरात्रि (Vasant Navaratri) इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। इस दौरान मौसम परिवर्तन होता है और प्रकृति में नई ऊर्जा का संचार होता है।
Q. देवी दुर्गा की तस्वीर किस दिशा में रखनी चाहिए?
Ans. देवी दुर्गा की तस्वीर पूर्व या उत्तर दिशा में रखना शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि बनी रहती है।
Q. नवरात्रि में व्रत रखने के क्या नियम हैं?
Ans. व्रत के दौरान केवल फल, दूध, साबुदाना और सेंधा नमक का सेवन किया जाता है। अनाज, प्याज-लहसुन और मांसाहार से परहेज किया जाता है।
Q. नवरात्रि के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए?
Ans. इस दौरान तला-भुना, मिर्च-मसालेदार भोजन, शराब, तंबाकू और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। सात्विक जीवन शैली अपनानी चाहिए।