
शारदीय, चैत्र और गुप्त नवरात्रि 2025 (Sharadiya, Chaitra aur Gupt Navratri 2025): हिंदू धर्म में नवरात्रि (Navratri) का विशेष महत्व है, जब भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि केवल एक नहीं, बल्कि साल में तीन बार मनाई जाती है? चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और गुप्त नवरात्रि! ये तीनों ही धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ मानी जाती हैं। लेकिन इनका महत्त्व, पूजा विधि और तिथियां अलग-अलग होती हैं। सवाल यह उठता है कि चैत्र नवरात्रि कब मनाई जाती है और इसका धार्मिक महत्त्व क्या है? शारदीय नवरात्रि क्यों सबसे प्रमुख मानी जाती है, और इसमें कौन-कौन से देवी स्वरूपों की पूजा की जाती है? वहीं, गुप्त नवरात्रि को लेकर विशेष मान्यताएं क्यों हैं, और यह साधकों के लिए इतनी महत्वपूर्ण क्यों होती है? इसके अलावा, वर्ष 2025 में इन तीनों नवरात्रियों की तिथियां क्या होंगी, शुभ मुहूर्त कब रहेगा, और किन-किन दिनों में देवी उपासना करना विशेष फलदायी होगा? इस लेख में हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देंगे।
अगर आप भी इन सभी सवालों के उत्तर जानना चाहते हैं और 2025 में आने वाली नवरात्रियों की पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें…..
यह भी पढ़ें:- Chandra Grahan 2025: इस होली लगेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण, इन 3 राशियों को बरतनी होगी सावधानी
शारदीय नवरात्रि क्या? | Shardiya Navratri kya Hai?

शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना के लिए मनाया जाता है। यह आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक, यानी नौ दिनों तक चलता है। इसे ‘शक्ति उपासना’ का पर्व भी कहा जाता है, जिसमें भक्त उपवास रखते हैं, माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। नवरात्रि के दौरान माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि इसी दौरान भगवान राम ने रावण का वध करने के लिए शक्ति प्राप्त की थी। भारत के विभिन्न हिस्सों में इसे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, जैसे गुजरात में गरबा-डांडिया और पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा। यह पर्व आध्यात्मिक ऊर्जा, शक्ति और भक्ति का संगम माना जाता है।
यह भी पढ़ें:- मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान, जानें मूर्ति स्थापना की सही दिशा के बारे में
शारदीय नवरात्रि 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि 2025 (Shardiya Navratri) में 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। इस दौरान नौ दिनों तक देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना की जाती है। भक्तगण उपवास रखते हैं, मंत्र जाप करते हैं, हवन और पूजा-अर्चना के माध्यम से शक्ति की आराधना करते हैं। यह पर्व आत्मशुद्धि, साधना और शक्ति प्राप्ति का विशेष अवसर होता है। इस अवधि में कई स्थानों पर भव्य दुर्गा पूजा पंडाल सजाए जाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। नवरात्रि के अंतिम दिन, दशमी को देवी दुर्गा की विदाई के साथ विजयादशमी का पर्व भी धूमधाम से मनाया जाता है।
यह भी पढ़ें:- शारदीय नवरात्रि | गुप्त नवरात्रि पूजा विधि | मां दुर्गा के स्वरूप | माता शैलपुत्री |
शारदीय नवरात्रि 2025 की तिथियाँ
दिनांक | दिन | तिथि |
22 सितंबर 2025 | सोमवार | प्रतिपदा |
23 सितंबर 2025 | मंगलवार | द्वितीया |
24 सितंबर 2025 | बुधवार | तृतीया |
25 सितंबर 2025 | गुरुवार | चतुर्थी |
26 सितंबर 2025 | शुक्रवार | पंचमी |
27 सितंबर 2025 | शनिवार | षष्ठी |
28 सितंबर 2025 | रविवार | सप्तमी |
29 सितंबर 2025 | सोमवार | अष्टमी |
30 सितंबर 2025 | मंगलवार | नवमी |
1 अक्टूबर 2025 | बुधवार | दशमी |
शारदीय नवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त
कार्य | तारीख | शुभ मुहूर्त |
घटस्थापना | 22 सितंबर 2025 | सुबह 06:09 से 08:06 बजे तक |
दशमी पूजा | 1 अक्टूबर 2025 | पूरे दिन |
चैत्र नवरात्रि क्या है? | Chaitra Navratri kya Hai?
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला एक पवित्र पर्व है, जिसे वसंत नवरात्रि भी कहा जाता है। यह नौ दिनों तक मनाया जाता है और देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से राम नवमी तक चलने वाले इस उत्सव को शक्ति आराधना का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान भक्त उपवास रखते हैं, मंत्रों का जाप करते हैं और हवन-पाठ के साथ देवी की आराधना करते हैं। इसे नया वर्ष और फसल कटाई के पर्व के रूप में भी मनाया जाता है, विशेष रूप से उत्तर भारत में। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी समय भगवान राम का जन्म हुआ था, इसलिए राम नवमी का भी विशेष महत्व होता है। चैत्र नवरात्रि आत्मशुद्धि, साधना और शक्ति उपासना का पावन अवसर होता है।
यह भी पढ़ें:- माघ गुप्त नवरात्रि पूजन विधि
चैत्र नवरात्रि 2025: तिथियां और शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि 2025 में 30 मार्च से 7 अप्रैल तक मनाई जाएगी। यह पर्व देवी दुर्गा की आराधना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है। भक्तगण व्रत रखते हैं, मंत्र जाप करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना द्वारा देवी की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। इस नवरात्रि का समापन राम नवमी के दिन होता है, जो भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। उत्तर भारत, विशेष रूप से अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में यह पर्व बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
यह भी पढ़ें:- नवरात्रि के इन गानों के साथ जमकर उडाएं गुलाल और मौज-मस्ती
चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथियाँ
दिनांक | दिन | तिथि |
30 मार्च 2025 | रविवार | प्रतिपदा |
31 मार्च 2025 | सोमवार | द्वितीया |
1 अप्रैल 2025 | मंगलवार | तृतीया |
2 अप्रैल 2025 | बुधवार | चतुर्थी |
3 अप्रैल 2025 | गुरुवार | पंचमी |
4 अप्रैल 2025 | शुक्रवार | षष्ठी |
5 अप्रैल 2025 | शनिवार | सप्तमी |
6 अप्रैल 2025 | रविवार | अष्टमी |
7 अप्रैल 2025 | सोमवार | नवमी |
चैत्र नवरात्रि 2025 के शुभ मुहूर्त
कार्य | तारीख | शुभ मुहूर्त |
घटस्थापना | 30 मार्च 2025 | सुबह 06:13 से 10:21 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | 30 मार्च 2025 | दोपहर 12:01 से 12:50 बजे तक |
गुप्त नवरात्रि क्या है? | Gupt Navratri kya Hai?
गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) एक विशेष आध्यात्मिक पर्व है, जिसमें तंत्र साधना, शक्ति उपासना और गुप्त साधनाओं का विशेष महत्व होता है। यह वर्ष में दो बार—माघ और आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं—काली, तारा, छिन्नमस्ता, भुवनेश्वरी, त्रिपुरासुंदरी, भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है। इस नवरात्रि को विशेष रूप से तांत्रिक, साधक और गुप्त रूप से सिद्धियां प्राप्त करने वाले भक्त मनाते हैं। सामान्य रूप से इसे सार्वजनिक रूप से नहीं मनाया जाता, बल्कि एकांत में रहकर मंत्र जाप, हवन, और विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने, आत्मिक उन्नति और सिद्धियों की प्राप्ति के लिए उत्तम समय माना जाता है। जो साधक शक्ति की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, उनके लिए गुप्त नवरात्रि अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
नवरात्रि 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
दिनांक | दिन | तिथि |
30 जनवरी 2025 | गुरुवार | प्रतिपदा |
31 जनवरी 2025 | शुक्रवार | द्वितीया |
1 फरवरी 2025 | शनिवार | तृतीया |
2 फरवरी 2025 | रविवार | चतुर्थी |
3 फरवरी 2025 | सोमवार | पंचमी |
4 फरवरी 2025 | मंगलवार | षष्ठी |
5 फरवरी 2025 | बुधवार | सप्तमी |
6 फरवरी 2025 | गुरुवार | अष्टमी |
7 फरवरी 2025 | शुक्रवार | नवमी |
गुप्त नवरात्रि 2025 के शुभ मुहूर्त
कार्य | तारीख | शुभ मुहूर्त |
घटस्थापना | 30 जनवरी 2025 | सुबह 9:25 से 10:46 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | 30 जनवरी 2025 | दोपहर 12:13 से 12:56 बजे तक |
यह भी पढ़ें:- नवरात्रि कलश स्थापना विधि | शारदीय नवरात्रि के 9 दिन पहने नौ रंगो के कपड़े | गुप्त नवरात्रि कथा | चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि | देवी कात्यायनी | नौ देवियों के नौ बीज मंत्र | माता सिद्धिदात्री | माता महागौरी | माता कालरात्रि | माता स्कंदमाता | माता ब्रह्मचारिणी | श्री दुर्गा स्तोत्र का पाठ | माता कुष्मांडा | माता चंद्रघंटा | देवी शैलपुत्री | दुर्गा के 108 नाम
Conclusion:-Sharadiya, Chaitra aur Gupt Navratri 2025
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (साल 2025 में शारदीय नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि और गुप्त नवरात्रि कब है?) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-Sharadiya, Chaitra aur Gupt Navratri 2025
Q. शारदीय नवरात्रि कब मनाई जाएगी?
Ans. शारदीय नवरात्रि 2025 में 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। यह नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पर्व है।
Q. चैत्र नवरात्रि का धार्मिक महत्व क्या है?
Ans. चैत्र नवरात्रि शक्ति उपासना और भगवान राम के जन्मोत्सव (राम नवमी) से जुड़ा पावन पर्व है, जिसे हिंदू नववर्ष और फसल कटाई के अवसर पर भी मनाया जाता है।
Q. गुप्त नवरात्रि कितनी बार मनाई जाती है?
Ans. गुप्त नवरात्रि वर्ष में दो बार—माघ और आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है, जिसमें गुप्त साधनाओं और तंत्र-सिद्धियों का विशेष महत्व होता है।
Q. शारदीय नवरात्रि में कौन-कौन से देवी स्वरूपों की पूजा होती है?
Ans. इसमें माँ दुर्गा के नौ स्वरूप—शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
Q. गुप्त नवरात्रि में किस प्रकार की साधना की जाती है?
Ans. गुप्त नवरात्रि में तंत्र-मंत्र, विशेष अनुष्ठान और दस महाविद्याओं—काली, तारा, छिन्नमस्ता आदि की पूजा कर सिद्धियां प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है।
Q. शारदीय नवरात्रि के दौरान किस राज्य में गरबा और डांडिया लोकप्रिय होते हैं?
Ans. गुजरात में शारदीय नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया प्रमुख रूप से खेले जाते हैं, जो भक्ति और उत्सव का प्रतीक हैं।
यह भी पढ़ें:- मां स्कंदमाता | बालाजी की आरती, शिव आरती | विष्णु आरती | हनुमानआरती | शनि देव आरती | मां अंबे आरती | लक्ष्मी आरती | कालरात्रि आरती | माता पार्वती आरती | सूर्य देव आरती | सत्यनारायण आरती | सरस्वती मां आरती, ओम जय जगदीश आरती, श्री सिद्धिविनायक आरती, ॐ जय गौरी नंदन – गणेश आरती, श्री बांके बिहारी तेरी आरती