
सत्रह मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान (17 Mukhi Rudraksha ke Fayde Aur Nuksan): 17 मुखी रुद्राक्ष (17 Mukhi Rudraksha), जिसे भगवान शिव और माता पार्वती के आशीर्वाद से उत्पन्न हुआ एक दिव्य रत्न माना जाता है, हिंदू धर्म में एक अनमोल उपहार के रूप में पूजा जाता है। इनमें से सत्रह मुखी रुद्राक्ष (17 Mukhi Rudraksha) अपनी दुर्लभता और चमत्कारी गुणों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। क्या आपने कभी सोचा कि 17 मुखी रुद्राक्ष आखिर है क्या और यह अन्य रुद्राक्षों से इतना अलग क्यों माना जाता है? यह छोटा सा बीज न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है, बल्कि जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और रचनात्मकता का वाहक भी है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि 17 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे और नुकसान क्या हैं, जो आपके जीवन को बदलने की क्षमता रखते हैं। साथ ही, इसका महत्व क्या है, जो इसे भगवान विश्वकर्मा और माता पार्वती से जोड़ता है, और इसे धारण करने का सही तरीका क्या है, जिससे आप इसके पूर्ण लाभ उठा सकें। यह रुद्राक्ष न सिर्फ मानसिक शांति, धन और प्रेम प्रदान करता है, बल्कि रचनात्मक कार्यों और आकस्मिक लाभ में भी चमत्कार दिखाता है। लेकिन क्या इसे बिना विधि के पहनना नुकसानदायक हो सकता है? इस रहस्यमयी रुद्राक्ष की शक्ति को जानने के लिए तैयार हो जाइए, क्योंकि यह लेख आपको इसके हर पहलू से रूबरू कराएगा।
अगर आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव और आध्यात्मिक उन्नति की तलाश में हैं, तो 17 मुखी रुद्राक्ष (17 Mukhi Rudraksha) से संबंधित इस लेख को अंत तक पढ़ना आपके लिए रोमांचक और ज्ञानवर्धक साबित होगा……
सत्रह मुखी रुद्राक्ष क्या है? | 17 Mukhi Rudraksha kya Hai?

सत्रह मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान (17 Mukhi Rudraksha) एक दुर्लभ और शक्तिशाली रुद्राक्ष है जो भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न माना जाता है। इसमें 17 प्राकृतिक रेखाएं होती हैं, जो इसे विशिष्ट बनाती हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह भगवान विश्वकर्मा और मां कात्यायनी का प्रतीक है। यह रुद्राक्ष आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्रदान करता है। इसे धारण करने से कुंडलिनी जागरण, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह मुख्य रूप से नेपाल और इंडोनेशिया में पाया जाता है, जिसमें नेपाली रुद्राक्ष को सर्वोत्तम माना जाता है। यह तीसरे नेत्र चक्र से जुड़ा है, जो अंतर्ज्ञान और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है। इसकी शक्ति इसे पहनने वाले को अलौकिक ऊर्जा और सकारात्मकता से भर देती है।
सत्रह मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे और नुकसान कौन से हैं? | 17 Mukhi Rudraksha ke Fayde Aur Nuksan kaun Se Hain?
सत्रह मुखी रुद्राक्ष (17 Mukhi Rudraksha) पहनने के फायदे-
- धन और सौभाग्य में वृद्धि: 17 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से धन की प्राप्ति होती है और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। यह सौभाग्य का दरवाजा खोलता है, जिससे आय के नए स्रोत बनते हैं और संपत्ति में वृद्धि होती है।
- मानसिक शांति और अंतर्ज्ञान: यह तीसरे नेत्र चक्र को सक्रिय करता है, जिससे मस्तिष्क शांत रहता है और अंतर्दृष्टि बढ़ती है। यह जीवन में सही निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करता है।
- संतान और दांपत्य सुख: महिलाओं के लिए यह रुद्राक्ष संतान सुख और वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाता है। यह पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करता है और प्रेम को बढ़ावा देता है।
- शनि दोष से मुक्ति: इसका अधिपति ग्रह शनि है, जो कुंडली में शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है। यह साढ़े साती और ढैय्या के दुष्प्रभावों से राहत दिलाता है।
- करियर में सफलता: यह रुद्राक्ष उद्यमियों और नौकरीपेशा लोगों को करियर में तरक्की देता है। यह अप्रत्याशित अवसर प्रदान करता है और व्यापार में उन्नति के मार्ग खोलता है।
सत्रह मुखी रुद्राक्ष (17 Mukhi Rudraksha) पहनने के नुकसान-
- गलत विधि से धारण करने पर हानि: यदि इस 17 मुखी रुद्राक्ष को बिना अभिमंत्रण या गलत तरीके से पहना जाए, तो यह नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है और मानसिक अशांति का कारण बन सकता है।
- अनुपयुक्त कुंडली में प्रभाव: यदि कुंडली में शनि पहले से प्रबल हो और ज्योतिषीय सलाह न ली जाए, तो यह जीवन में अनावश्यक कठोरता या तनाव बढ़ा सकता है।
- शारीरिक असुविधा की संभावना: कुछ लोगों को इसे पहनने से शुरू में भारीपन या असहजता महसूस हो सकती है, खासकर यदि शरीर इसकी ऊर्जा के लिए तैयार न हो।
- अशुद्धता से प्रभाव कम होना: इसे अशुद्ध अवस्था में पहनने या नियमों का पालन न करने से इसके लाभ कम हो सकते हैं और यह निष्क्रिय हो सकता है।
- अत्यधिक अपेक्षा से निराशा: यदि इसे चमत्कार की उम्मीद से पहना जाए और सही प्रयास न किए जाएं, तो अपेक्षित परिणाम न मिलने से मानसिक निराशा हो सकती है।
सत्रह मुखी रुद्राक्ष का महत्व क्या है? | 17 Mukhi Rudraksha ka Mahatva kya Hai?
- आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक: 17 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव और मां पार्वती से जुड़ा है। यह कुंडलिनी जागरण में सहायक है और साधक को अलौकिक शक्तियां प्रदान करता है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- भौतिक समृद्धि का स्रोत: यह रुद्राक्ष धन, संपत्ति, वाहन और आभूषण जैसे भौतिक सुखों की प्राप्ति कराता है। इसे धारण करने से जीवन में सौभाग्य और ऐश्वर्य बढ़ता है, जो इसे विशेष बनाता है।
- संबंधों में सामंजस्य: 17 मुखी रुद्राक्ष भगवान राम और सीता माता का प्रतीक माना जाता है, जो दांपत्य जीवन में प्रेम और विश्वास को मजबूत करता है। यह जीवनसाथी की खोज में भी मदद करता है।
सत्रह मुखी रुद्राक्ष धारण करने का सही तरीका क्या है? | 17 Mukhi Rudraksha Dharan karne ka Sahi Tarika kya Hai?
17 मुखी रुद्राक्ष (17 Mukhi Rudraksha) को धारण करने के लिए सबसे पहले इसे शनिवार या सोमवार को चुनें, क्योंकि यह शनि और शिव से जुड़ा है। सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें। इसे गंगाजल और दूध से शुद्ध करें। फिर “ॐ ह्रीं हूम हूम नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। इसे लाल धागे या चांदी की चेन में गूंथकर गले या दाहिने हाथ में पहनें। धारण करने से पहले ज्योतिषी से सलाह लें, ताकि कुंडली के अनुसार यह आपके लिए उपयुक्त हो। इसे पहनने के बाद मांस-मदिरा से बचें और सात्विक जीवन अपनाएं। नियमित रूप से इसकी पूजा करें ताकि इसकी शक्ति बनी रहे।
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Conclusion:-17 Mukhi Rudraksha ke Fayde Aur Nuksan
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (17 मुखी रुद्राक्ष: फायदे, नुकसान और महत्व) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:- 17 Mukhi Rudraksha ke Fayde Aur Nuksan
Q. 17 मुखी रुद्राक्ष क्या है?
Ans. सत्रह मुखी रुद्राक्ष (17 Mukhi Rudraksha) एक दुर्लभ और शक्तिशाली रुद्राक्ष है, जिसमें 17 प्राकृतिक रेखाएं होती हैं। इसे भगवान विश्वकर्मा और मां कात्यायनी का प्रतीक माना जाता है।
Q. 17 मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या लाभ होते हैं?
Ans. इसे धारण करने से धन, सौभाग्य, मानसिक शांति, संतान सुख और करियर में सफलता मिलती है। यह शनि दोष से भी राहत प्रदान करता है।
Q. 17 मुखी रुद्राक्ष का अधिपति ग्रह कौन सा है?
Ans. इसका अधिपति ग्रह शनि है, जो शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है।
Q. 17 मुखी रुद्राक्ष किस चक्र से जुड़ा है?
Ans. यह तीसरे नेत्र चक्र से जुड़ा होता है, जो अंतर्ज्ञान, मानसिक शक्ति और आध्यात्मिक उन्नति को बढ़ाता है।
Q. 17 मुखी रुद्राक्ष पहनने के नुकसान क्या हो सकते हैं?
Ans. गलत विधि से धारण करने पर यह मानसिक अशांति, जीवन में कठोरता और शारीरिक असहजता पैदा कर सकता है।
Q. 17 मुखी रुद्राक्ष का आध्यात्मिक महत्व क्या है?
Ans. यह कुंडलिनी जागरण में सहायक होता है और साधक को अलौकिक शक्तियां प्रदान करता है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति होती है।