
राम चालीसा पढ़ने के फायदे ( Ram Chalisa Padhne Ke Fayde): भगवान श्री राम (Bhagwan Shri Ram) को मर्यादा पुरुषोत्तम, धर्म के प्रतीक और सत्य, प्रेम व करुणा के अवतार के रूप में पूजा जाता है। वे भक्तों के हृदय में आदर्श जीवन, साहस और नैतिकता का प्रकाश फैलाते हैं। श्री राम की महिमा का गुणगान करने वाला एक अत्यंत प्रभावशाली माध्यम है- श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa)। यह चालीस छंदों वाला भक्ति भरा गीत श्री राम की लीलाओं, उनके चरित्र और भक्तों पर उनकी असीम कृपा को भावपूर्ण शब्दों में समेटता है। इसका नियमित पाठ न केवल मानसिक शांति और आत्मविश्वास प्रदान करता है, बल्कि जीवन से समस्त संकटों का नाश कर सुख, समृद्धि और धर्म के मार्ग को प्रशस्त करता है।
इस लेख में हम विस्तारपूर्वक बताएंगे कि श्री राम चालीसा क्या है, इसके पाठ से कौन-कौन से लाभ मिलते हैं, और क्यों यह चालीसा राम भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक संजीवनी मानी जाती है। साथ ही, हम आपके लिए श्री राम चालीसा को हिंदी में संपूर्ण रूप से प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि आप इसे सहजता से पढ़ सकें और इसका दिव्य फल प्राप्त कर सकें। इतना ही नहीं, लेख में हम आपको श्री राम चालीसा का एक PDF फॉर्मेट भी साझा करेंगे, जिसे आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर में डाउनलोड करके नित्य अथवा विशेष अवसरों पर श्रद्धापूर्वक इसका पाठ कर सकें।
अगर आप भगवान श्री राम (Bhagwan Shri Ram) की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और अपने जीवन से संकटों का अंत कर सुख, शांति और धर्ममय जीवन की कामना करते हैं, तो यह लेख आपके लिए अत्यंत फायदेमंद साबित होगा…..
श्री राम चालीसा क्या है? | Shri Ram Chalisa kya Hai?

श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa) भगवान श्री राम (Bhagwan Ram) की भक्ति में रचित एक भक्तिपूर्ण स्तुति है, जिसमें चालीस छंदों के माध्यम से श्री राम के गुणों, लीलाओं और महिमा का वर्णन किया गया है। यह एक भक्ति काव्य है जो भक्तों को श्री राम के प्रति श्रद्धा और विश्वास को बढ़ाने में मदद करता है। श्री राम चालीसा का पाठ करने से मन को शांति, आत्मिक बल और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। यह भक्तों को जीवन में संकटों से उबारने और सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। श्री राम चालीसा की रचना तुलसीदास जी के भक्ति भाव से प्रभावित मानी जाती है, हालांकि इसका मूल लेखक अज्ञात है। यह भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है और विशेष रूप से राम नवमी, हनुमान जयंती और अन्य शुभ अवसरों पर इसका पाठ किया जाता है।
श्री राम चालीसा पढ़ने के क्या फायदे हैं? | Shri Ram Chalisa Padhne ke kya Fayde Hain?
- मानसिक शांति की प्राप्ति: श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa) का पाठ करने से मन शांत होता है और तनाव दूर होता है। यह भक्तों को नकारात्मक विचारों से मुक्ति दिलाता है। श्री राम की भक्ति से आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन में सकारात्मकता आती है। यह पाठ ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करता है।
- संकटों से मुक्ति: श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa) का नियमित पाठ भक्तों को संकटों से बचाता है। श्री राम की कृपा से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। यह पाठ भक्तों को साहस और धैर्य प्रदान करता है, जिससे वे कठिन परिस्थितियों का सामना आसानी से कर पाते हैं।
- आध्यात्मिक उन्नति: श्री राम चालीसा का पाठ भक्तों को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करता है। यह श्री राम के प्रति भक्ति और समर्पण को गहरा करता है। भक्तों का मन पवित्र होता है और वे धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होते हैं, जिससे जीवन सार्थक बनता है।
- पारिवारिक सुख-समृद्धि: श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa) का पाठ परिवार में सुख और समृद्धि लाता है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। श्री राम की कृपा से पारिवारिक कलह समाप्त होती है और सभी सदस्यों के बीच प्रेम और एकता बढ़ती है, जिससे घर का वातावरण खुशहाल रहता है।
- कर्मों का शुद्धिकरण: श्री राम चालीसा का पाठ भक्तों के कर्मों को शुद्ध करता है। यह पापों से मुक्ति दिलाने में सहायक है। श्री राम की भक्ति से भक्तों का मन निर्मल होता है और वे अच्छे कार्यों की ओर अग्रसर होते हैं, जिससे उनका जीवन धन्य बनता है।
श्री राम चालीसा पढ़ने के नियम क्या हैं? | Shri Ram Chalisa Padhne ke Niyam kya Hain?
- स्वच्छता का ध्यान: श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa) का पाठ करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पाठ के लिए शुद्ध स्थान चुनें। इससे मन पवित्र होता है और भक्ति में एकाग्रता बढ़ती है।
- निश्चित समय: श्री राम चालीसा पाठ के लिए सुबह या शाम का समय चुनें। नियमित समय पर पाठ करने से भक्ति में निरंतरता आती है। यह श्री राम की कृपा प्राप्त करने में सहायक है।
- श्रद्धा और भक्ति: श्री राम चालीसा का पाठ करते समय पूर्ण श्रद्धा और भक्ति रखें। श्री राम के प्रति समर्पण भाव से पाठ करें। इससे मन शांत होता है और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
- दीपक प्रज्वलन: श्री राम चालीसा पाठ शुरू करने से पहले श्री राम की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पाठ का प्रभाव बढ़ता है।
- नियमितता: श्री राम चालीसा का पाठ रोजाना करें। नियमित पाठ से भक्तों का मन स्थिर होता है और श्री राम की कृपा निरंतर प्राप्त होती है।
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श्री राम चालीसा इन हिंदी | Ram Chalisa lyrics in Hindi
॥ चौपाई अर्थ सहित ॥
श्री रघुवीर भक्त हितकारी, सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी।
हे रघुकुल के वीर योद्धा, हे भक्तों के हितों का ध्यान रखने वाले श्रीराम, हमारी प्राथना को सुने।
निशि दिन ध्यान धरै जो कोई, ता सम भक्त और नहिं होई।
जो भक्तगण दिन और रात केवल आपका ही ध्यान करते हैं, उनके समान कोई दूसरा भक्त नही है।
ध्यान धरे शिवजी मन माहीं, ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं।
महादेव भी मन ही मन में आपका ध्यान करते हैं। भगवान ब्रह्मा व देव इंद्र भी पूरी तरह से आपकी महिमा को नही जान सके हैं।
जय जय जय रघुनाथ कृपाला, सदा करो सन्तन प्रतिपाला।
आप हमेशा संतों और धर्म की रक्षा करते हो, ऐसे रघुनाथ और सभी पर कृपादृष्टि रखने वाले श्रीराम की सदैव जय हो, जय हो, जय हो।
दूत तुम्हार वीर हनुमाना, जासु प्रभाव तिहूँ पुर जाना।
आपके दूत व सेवक वीर हनुमान हैं और उनका बल तीनों लोकों में किसी से भी छुपा हुआ नही है।
तव भुज दण्ड प्रचण्ड कृपाला, रावण मारि सुरन प्रतिपाला।
आपकी भुजाओं में अथाह शक्ति है लेकिन इससे आपने केवल विश्व का कल्याण ही किया है। आपने रावण जैसे राक्षस का वध कर देवताओं के हितों की रक्षा की है।
तुम अनाथ के नाथ गोसाईं, दीनन के हो सदा सहाई।
आप अनाथ लोगों को हमेशा आश्रय देते हो तथा दीनों-याचकों के सदैव सहायक रहे हो।
ब्रह्मादिक तव पार न पावैं, सदा ईश तुम्हरो यश गावैं।
भगवान ब्रह्मा भी आपसे आगे नही निकल सके और सभी भगवान आपके यश का गुणगान करते हैं।
चारिउ वेद भरत हैं साखी, तुम भक्तन की लज्जा राखी।
आपने हमेशा अपने भक्तों के सम्मान की रक्षा की है और इसके साक्षी चारों वेद हैं।
गुण गावत शारद मन माहीं, सुरपति ताको पार न पाहीं।
माँ शारदा भी मन ही मन आपका गुणगान करती हैं और देवलोक के राजा इंद्र भी आपको पार नही सके।
नाम तुम्हार लेत जो कोई, ता सम धन्य और नहिं होई।
जो भी भक्तगण आपके नाम का स्मरण करते हैं, उनके जैसा धन्य कोई और नही है।
राम नाम है अपरम्पारा, चारिउ वेदन जाहि पुकारा।
राम का नाम सभी का उद्धार करता है और इसी बात को चारों वेद भी कहते हैं।
गणपति नाम तुम्हारो लीन्हों, तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हों।
भगवान गणेश भी आपका नाम लेते हैं, उन्हें प्रथम पूजनीय आपने ही बनाया है।
शेष रटत नित नाम तुम्हारा, महि को भार शीश पर धारा।
शेषनाग भी नित्य आपके नाम का ही जाप करते हैं और इसी कारण वे पृथ्वी के भार को अपने ऊपर उठा पाने में सक्षम हैं।
फूल समान रहत सो भारा, पावत कोउ न तुम्हरो पारा।
आपके स्मरण मात्र से बड़ी से बड़ी दुविधा भी फूल के समान हल्की लगती है और आपकी संपूर्ण महिमा को कोई नही जान सकता।
भरत नाम तुम्हरो उर धारो, तासों कबहुं न रण में हारो।
आपके भ्राता भरत ने हमेशा आपके नाम का स्मरण किया है, इसी कारण उन्हें युद्ध में कोई नही हरा सका।
नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा, सुमिरत होत शत्रु कर नाशा।
शत्रुघ्न के हृदय में भी आपके नाम का ही प्रकाश है, इसलिए उनके स्मरण मात्र से ही शत्रुओं का नाश हो जाता है।
लषन तुम्हारे आज्ञाकारी, सदा करत सन्तन रखवारी।
आपके कर्मनिष्ठ भाई लक्ष्मण सदैव आपके आज्ञाकारी रहे हैं और इसी कारण उन्होंने संतों के अधिकारों की रक्षा की है।
ताते रण जीते नहिं कोई, युद्ध जुरे यमहूँ किन होई।
युद्ध में यदि स्वयं यमराज भी लड़ रहे हो तब भी उनसे (लक्ष्मण) कोई युद्ध नही जीत सकता था।
महालक्ष्मी धर अवतारा, सब विधि करत पाप को छारा।
जब आपने मृत्यु लोक पर मनुष्य रूप में अवतार लिया तब आपके साथ माँ लक्ष्मी भी मृत्युलोक पर आई और उन्होंने सब विधियों से पाप का नाश किया।
सीता राम पुनीता गायो, भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो।
इसलिए मात्र माँ सीता व श्रीराम का नाम लेने से ही माँ पृथ्वी अपना उचित प्रभाव दिखाती हैं।
घट सों प्रकट भई सो आई, जाको देखत चन्द्र लजाई।
माँ सीता ने जब इस मृत्यु लोक पर जन्म लिया तब वे एक घड़े से निकली थी और उन्हें देखकर स्वयं चंद्रमा भी शर्मा गए थे।
सो तुमरे नित पाँव पलोटत, नवों निद्धि चरणन में लोटत।
जो भक्त प्रतिदिन आपके चरणों को धोता है, नौ निधियां उसके चरणों में विराजती हैं।
सिद्धि अठारह मंगलकारी, सो तुम पर जावै बलिहारी।
अठारह सिद्धियाँ जो कि किसी के लिए भी मंगलकारी हैं, वे भी आप पर न्यौछावर हैं।
औरहु जो अनेक प्रभुताई, सो सीतापति तुमहिं बनाई।
अन्य जो भी देवी या देवता हैं वे सभी सीता माँ के पति भगवान श्रीराम ने ही बनाए हैं।
इच्छा ते कोटिन संसारा, रचत न लागत पल की वारा।
आपकी इच्छा मात्र से करोड़ो संसारों का निर्माण हो सकता है जिसमें एक क्षण भी नही लगेगा।
जो तुम्हरे चरणन चित लावै, ताको मुक्ति अवसि हो जावै।
जो भक्तगण आपके चरणों में ध्यान लगाता है, उसकी मुक्ति अवश्य ही होगी।
जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरूपा, निर्गुण ब्रह्म अखण्ड अनूपा।
हे प्रभु, आप प्रकाश के स्वरुप हो, आप सभी गुणों से रहित हो, आप ही ब्रह्म हो, आप अविभाजित हो, आप बहुत ही आकर्षक हो, आपकी सदैव जय हो, जय हो, जय हो।
सत्य सत्य सत्यव्रत स्वामी, सत्य सनातन अंतर्यामी।
आप ही सत्य हो, आप ही सत्य हो, आप ही सत्य के स्वामी हो, आप ही सनातन के सत्य हो, आप ही ईश्वर हो।
सत्य भजन तुम्हरो जो गावै, सो निश्चय चारों फल पावै।
जो भी भक्तगण सच्चे मन से आपकी सेवा करता है। उसे चारों फलों की प्राप्ति होती है।
सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं, तुमने भक्तिहिं सब सिद्धि दीन्हीं।
इसी सत्य की पालना माँ गौरी के पति भगवान शंकर ने की और इसी कारण आपने उन्हें सभी सिद्धियाँ प्रदान की।
सुनहु राम तुम तात हमारे, तुमहिं भरत कुल- पूज्य प्रचारे।
हे श्रीराम, आप हमारे पिता समान हैं और आप ही संपूर्ण भारतवर्ष में पूजनीय हैं।
तुमहिं देव कुल देव हमारे, तुम गुरु देव प्राण के प्यारे।
हे श्रीराम! आप ही हमारे देवता व कुलदेवता हैं, आप ही हमारे गुरु हैं व आप ही हमारे लिए प्राणों से अधिक प्रिय हैं।
जो कुछ हो सो तुमहिं राजा, जय जय जय प्रभु राखो लाजा।
हे प्रभु श्रीराम! यदि हम पर कोई दुविधा या संकट आये तब आप ही उसका समाधान करेंगे। हे प्रभु! अपने भक्तों के सम्मान की रक्षा कीजिए, आपकी सदैव जय हो, जय हो, जय हो।
रामा आत्मा पोषण हारे, जय जय जय दशरथ के दुलारे।
हे श्रीराम! आप ही हमारी आत्मा को भोजन प्रदान करते हो अर्थात उसे तृप्त करते हो, आप ही राजा दशरथ के दुलारे पुत्र हो, आपकी सदैव जय हो, जय हो, जय हो।
ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरूपा, नमो नमो जय जगपति भूपा।
हे ज्ञान के दाता, मेरे हृदय में भी ज्ञान का प्रकाश भर दो, आप ही इस जगत के पिता हैं, आपको नमन, आपको नमन, आपकी जय हो।
धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा, नाम तुम्हार हरत संतापा।
हे श्रीराम! आपकी महिमा धन्य है, आप धन्य हैं, आप धन्य हैं, आपका नाम लेने मात्र से ही सभी संकट दूर हो जाते हैं।
सत्य शुद्ध देवन मुख गाया, बजी दुन्दुभी शंख बजाया।
आपकी सत्य और शुद्धता को देवताओं ने अपने मुख से गाया था और उसके बाद शंखनाद हुआ था।
सत्य सत्य तुम सत्य सनातन, तुमहिं हो हमरे तन मन धन।
आप ही सनातन का सत्य हो, आप ही परम सत्य हो, आप ही हमारे लिए तन, मन व धन हो।
याको पाठ करे जो कोई, ज्ञान प्रकट ताके उर होई।
जो भी राम चालीसा का पाठ करता है, उसके हृदय में ज्ञान का प्रकाश होता है।
आवागमन मिटै तिहिं केरा, सत्य वचन माने शिव मेरा।
आपका नाम लेने से मनुष्य के जीवन चक्र का आवागमन मिट जाता है अर्थात उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। मेरी इस बात को स्वयं भगवान शिव भी मानते हैं।
और आस मन में जो होई, मनवांछित फल पावे सोई।
आपके भक्तों के मन में यदि कोई इच्छा होती है तो उसे भी मनचाहा फल प्राप्त होता है।
तीनहुं काल ध्यान जो ल्यावैं, तुलसी दल अरु फूल चढ़ावैं।
साग पात्र सो भोग लगावैं, सो नर सकल सिद्धता पावैं।
जो तीनों समयकाल (दिन के तीनों प्रहर) में आपका स्मरण करता है, आपको तुलसी, पुष्प अर्पित करता है, आपको साग आदि का भोग लगाता है, उस मनुष्य को यश व सिद्धता प्राप्त होती है।
अन्त समय रघुवर पुर जाई, जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई।
अपने अंत समय में वह बैकुण्ठ में जन्म लेता है जहाँ जन्म लेने मात्र से ही वह हरि भक्त कहलाता है।
श्री हरिदास कहै अरु गावै, सो बैकुण्ठ धाम को जावैं।
श्री हरिदास भी गाते हुए यह कहते हैं कि वह बैकुण्ठ धाम को प्राप्त करता है।
।। दोहा अर्थ सहित ।।
सात दिवस जो नेम कर, पाठ करे चित लाय।
हरिदास हरि कृपा से, अवसि भक्ति को पाय॥
जो सातों दिन तक आपके नाम का मन लगाकर पाठ करता है तो हरिदास कहते हैं कि उसे भगवान विष्णु की कृपा से भक्ति मिलती है।
राम चालीसा जो पढ़े, राम चरण चित लाय।
जो इच्छा मन में करैं, सकल सिद्ध हो जाय॥
भगवान श्रीराम में ध्यान लगाकर जो भी यह राम चालीसा का पाठ करता है, उसके मन की हर इच्छा पूर्ण होती है
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राम चालीसा हिंदी अर्थ सहित PDF Download | Shri Ram Chalisa PDF download
इस विशेष लेख के जरिए हम आपको श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa) हिंदी में पीडीएफ के जरिए साझा कर रहे हैं। अगर आप चाहें तो इस पीडीएफ को डाउनलोड करके श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa) को सरलता पूर्वक हिंदी में पढ़ सकते हैं।
Conclusion:-Ram Chalisa Padhne Ke Fayde
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (श्री राम चालीसा पढ़ने के फायदे) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s :-Ram Chalisa Padhne Ke Fayde
Q. श्री राम चालीसा क्या है?
Ans. श्री राम चालीसा भगवान श्री राम की स्तुति में रचित चालीस छंदों का भक्ति काव्य है जिससे भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है।
Q. मां लक्ष्मी चालीसा का उद्देश्य क्या है?
Ans. मां लक्ष्मी चालीसा (Shri Ram Chalisa) धन और समृद्धि की देवी की महिमा गाने के लिए रचित है। इसका पाठ सुख-शांति और वैभव की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
Q. श्री राम चालीसा का पाठ कब करना शुभ माना जाता है?
Ans. श्री राम चालीसा (Shri Ram Chalisa) का पाठ राम नवमी और हनुमान जयंती जैसे शुभ अवसरों पर विशेष रूप से किया जाता है। यह नियमित पाठ के लिए भी उपयुक्त है।
Q. मां लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने का सबसे अच्छा दिन कौन सा है?
Ans. मां लक्ष्मी चालीसा (Shri Ram Chalisa) का पाठ शुक्रवार और दीपावली के दिन विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। यह समृद्धि लाता है।
Q. श्री राम चालीसा पढ़ने से क्या लाभ होता है?
Ans. श्री राम चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति और संकटों से मुक्ति मिलती है और यह भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर करता है।
Q. मां लक्ष्मी चालीसा पढ़ने के लिए क्या नियम है?
Ans. मां लक्ष्मी चालीसा (Shri Ram Chalisa) का पाठ स्वच्छता और श्रद्धा के साथ करना चाहिए। दीपक जलाकर और नियमित समय पर पाठ करना उत्तम है।