
कैलासा मंदिर एलोरा: इतिहास, वास्तुकला और महत्व Kailasa Mandir Ellora भारत के भव्य और प्राचीन मंदिरों में से एक श्री कैलासा मंदिर (Shri Kailasa Mandir) हिंदू धर्म का एक पावन धाम है, जो महाराष्ट्र के एलोरा गुफाओं के धार्मिक और ऐतिहासिक खजाने में एक अनमोल रत्न की तरह स्थित है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्री कैलासा मंदिर, एलोरा कहां स्थित है? इस मंदिर का निर्माण कब और किसके द्वारा किया गया था?
इस भव्य मंदिर का इतिहास क्या है? क्या यह किसी विशेष धार्मिक परंपरा से जुड़ा हुआ है? इसके अलावा, इस मंदिर की स्थापत्य शैली भी इसे अद्वितीय बनाती है। श्री कैलासा मंदिर की वास्तुकला कैसी है? क्या यह अन्य हिंदू मंदिरों से अलग है? यदि आप इस दिव्य धाम के दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको यह जानना आवश्यक है कि श्री कैलासा मंदिर (Shri Kailasa Mandir), एलोरा तक कैसे पहुंचे? क्या यहां तक जाने के लिए कोई विशेष मार्ग या साधन उपलब्ध है? साथ ही, कई लोग जानना चाहते हैं कि श्री कैलासा मंदिर में प्रवेश शुल्क क्या है? क्या इस मंदिर के दर्शन के लिए किसी विशेष नियम का पालन करना आवश्यक है?
इन सभी सवालों के उत्तर और श्री कैलासा मंदिर (Shri Kailasa Mandir, Ellora) से जुड़ी अद्भुत जानकारियों को जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें…
कैलासा मंदिर कहां है? | Shri Kailasa Mandir kahan Hai?
श्री कैलासा मंदिर (Shri Kailasa Mandir) भारत के महाराष्ट्र (Maharashtra) राज्य में औरंगाबाद (Aurangabad) जिले के एलोरा में स्थित है। यह एलोरा गुफाओं का हिस्सा है, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में प्रसिद्ध हैं। मंदिर गुफा संख्या 16 में है और सह्याद्री पहाड़ियों की बेसाल्ट चट्टानों से निर्मित है। यह औरंगाबाद शहर से लगभग 30 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में है। कैलासा मंदिर (Shri Kailasa Mandir) अपनी अनूठी शैल-कट संरचना के लिए जाना जाता है, जो इसे विश्व के सबसे प्रभावशाली मंदिरों में से एक बनाता है। यह भगवान शिव को समर्पित है और हिमालय के कैलाश पर्वत की नकल में बनाया गया है। आसपास की गुफाएं हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म से संबंधित हैं।
श्री कैलासा मंदिर का इतिहास क्या है? | Shri Kailasa Mandir ka Itihas kya Hai?
श्री कैलासा मंदिर (Shri Kailasa Mandir) का इतिहास 8वीं शताब्दी से जुड़ा है, जब इसे राष्ट्रकूट वंश के राजा कृष्ण प्रथम ने बनवाया था। यह एलोरा गुफाओं के समूह में गुफा संख्या 16 के रूप में स्थित है। माना जाता है कि इसका निर्माण 756 से 773 ईस्वी के बीच हुआ। यह मंदिर एक ही चट्टान को काटकर बनाया गया, जो उस समय की उन्नत इंजीनियरिंग का प्रतीक है। इतिहासकारों के अनुसार, लगभग 40,000 टन पत्थरों को हटाकर इसकी संरचना तैयार की गई। एक कथा के अनुसार, राष्ट्रकूट राजा गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे। उनकी रानी ने भगवान शिव से प्रार्थना की कि यदि राजा ठीक हो जाएं, तो वह एक भव्य मंदिर बनवाएंगी और इसके शिखर को देखने तक व्रत रखेंगी। राजा के स्वस्थ होने पर मंदिर का निर्माण शुरू हुआ।
हालांकि, कुछ विद्वानों का मानना है कि निर्माण में 18 वर्ष लगे, जबकि अन्य का अनुमान है कि इसे पूरा करने में 100 से अधिक वर्ष लगे होंगे। करीब 7,000 मजदूरों ने दिन-रात काम किया होगा। मंदिर का डिज़ाइन हिमालय के कैलाश पर्वत से प्रेरित है, जिसे शिव का निवास माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि औरंगज़ेब जैसे आक्रांताओं ने इसे नष्ट करने की कोशिश की, लेकिन इसकी मजबूत संरचना को गंभीर नुकसान नहीं पहुंचा सका। यह मंदिर राष्ट्रकूट काल की समृद्ध कला और धार्मिक भावना को दर्शाता है।
इसके निर्माण में कोई मचान का उपयोग नहीं हुआ, और यह ऊपर से नीचे की ओर तराशा गया, जो इसे और भी अद्भुत बनाता है। आज यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण में है और विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है।
कैलाश मंदिर एलोरा गुफा की तस्वीरें | kailasa Temple Ellora Photos

कैलासा मंदिर की वास्तुकला कैसी है? | Shri Kailasa Mandir ki Vastu-kala kaisi Hai?
- एकल चट्टान संरचना: कैलासा मंदिर (Shri Kailasa Mandir) एक ही बेसाल्ट चट्टान से तराशा गया है, जो इसे विश्व का सबसे बड़ा एकाश्म मंदिर बनाता है। यह ऊपर से नीचे की ओर बनाया गया, जिसमें लगभग 40,000 टन पत्थर हटाए गए।
- द्रविड़ शैली: मंदिर द्रविड़ वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है, जिसमें अष्टकोणीय शिखर (विमान) और विशाल गोपुरम शामिल हैं। यह हिमालय के कैलाश पर्वत की आकृति को प्रतिबिंबित करता है।
- नक्काशी और मूर्तियां: श्री कैलास मंदिर की दीवारों पर रामायण, महाभारत और शिव से जुड़ी जटिल नक्काशियां हैं। नंदी मंडप, हाथी और स्तंभ इसकी भव्यता को बढ़ाते हैं।
- बहु-स्तरीय डिज़ाइन: यह दो मंजिला मंदिर है, जिसमें गर्भगृह, सभा मंडप और नंदी मंडप शामिल हैं। ये सभी एक शैल-कट सेतु से जुड़े हैं, जो अब आंशिक रूप से टूट चुका है।
- हाथी आधार: श्री कैलास मंदिर के आधार पर विशाल हाथी तराशे गए हैं, जो इसे ऐसा प्रतीत कराते हैं मानो यह उनके कंधों पर टिका हो। यह शिल्पकला की अनूठी विशेषता है।
श्री कैलासा मंदिर का महत्व क्या है? | Shri Kailasa Mandir ka Mahatva kya Hai?
- धार्मिक महत्व: श्री कैलासा मंदिर (Shri Kailasa Mandir) भगवान शिव (Bhagwan Shiv) को समर्पित एक अद्वितीय धार्मिक स्थल है, जो हिमालय स्थित कैलाश पर्वत का प्रतीक माना जाता है। यह श्रद्धालुओं के लिए न केवल आस्था और भक्ति का केंद्र है, बल्कि उनकी आत्मिक शांति और मोक्ष प्राप्ति की भावना को भी प्रबल करता है।
- वास्तुकला चमत्कार: यह मंदिर भारतीय शिल्पकला और प्राचीन इंजीनियरिंग का अनुपम उदाहरण है, जिसे एक ही विशाल चट्टान को काटकर बनाया गया है। इसकी जटिल नक्काशी, भव्य संरचना और सटीक गणनाओं के आधार पर की गई निर्माण तकनीक इसे दुनिया के सबसे अद्भुत स्थापत्य चमत्कारों में शामिल करती है।
- विश्व धरोहर: यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त यह मंदिर इतिहासकारों, वास्तु विशेषज्ञों और पर्यटकों के लिए शोध और आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इसकी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कलात्मक महानता इसे भारतीय धरोहर का अभूतपूर्व प्रतीक बनाती है।
श्री कैलासा मंदिर कैसे पहुंचे? | Shri Kailasa Mandir kaise Pahunche?
- रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन औरंगाबाद है, जो एलोरा से 30 किमी दूर है। यहां से मुंबई, दिल्ली और अन्य शहरों की ट्रेनें उपलब्ध हैं। स्टेशन से टैक्सी या बस लेकर मंदिर पहुंच सकते हैं।
- सड़क मार्ग: औरंगाबाद से एलोरा तक राज्य परिवहन बसें और निजी टैक्सी आसानी से मिलती हैं। मंदिर औरंगाबाद से 30 किमी दूर NH52 पर है। निजी वाहन से भी सुगम यात्रा संभव है।
- वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा औरंगाबाद (चिकलथाना) है, जो मंदिर से 35 किमी दूर है। यह मुंबई, दिल्ली से जुड़ा है। हवाई अड्डे से टैक्सी या बस लेकर एलोरा पहुंचा जा सकता है।
श्री कैलासा मंदिर में प्रवेश शुल्क क्या है? | Shri Kailasa Mandir Me Pravesh Shulk kya Hai?
भारतीय पर्यटकों के लिए कैलासा मंदिर (Shri Kailasa Mandir) का प्रवेश शुल्क 40 रुपये प्रति व्यक्ति है, जो एलोरा गुफाओं के पूरे परिसर के लिए लागू होता है। विदेशी नागरिकों को मंदिर और गुफाओं में प्रवेश के लिए 600 रुपये का शुल्क देना पड़ता है, जो यूनेस्को स्थल की देखभाल के लिए है। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है, लेकिन उनके साथ वयस्क का होना अनिवार्य है।
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Conclusion:-Kailasa Mandir Ellora
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FAQ’s:-Kailasa Mandir Ellora
Q. श्री कैलासा मंदिर कहां स्थित है?
Ans. श्री कैलासा मंदिर (Shri Kailasa Mandir) महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के एलोरा में स्थित है। यह एलोरा गुफाओं का हिस्सा है और गुफा संख्या 16 में स्थित है।
Q. श्री कैलासा मंदिर का निर्माण किसने कराया था?
Ans. इस मंदिर का निर्माण राष्ट्रकूट वंश के राजा कृष्ण प्रथम ने 8वीं शताब्दी में करवाया था।
Q. श्री कैलासा मंदिर की प्रमुख वास्तुकला शैली क्या है?
Ans. यह मंदिर द्रविड़ शैली में बना है, जिसमें अष्टकोणीय शिखर, विशाल गोपुरम और जटिल नक्काशी शामिल हैं।
Q. श्री कैलासा मंदिर को एकाश्म मंदिर क्यों कहा जाता है?
Ans. इसे एक ही विशाल चट्टान को काटकर बनाया गया है, जिससे यह विश्व का सबसे बड़ा एकाश्म मंदिर बन गया है।
Q. श्री कैलासा मंदिर में प्रवेश शुल्क कितना है?
Ans. भारतीय पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 40 रुपये है, जबकि विदेशी नागरिकों के लिए 600 रुपये निर्धारित है।
Q. श्री कैलासा मंदिर को यूनेस्को द्वारा क्या मान्यता प्राप्त है?
Ans. इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है।