गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने के फायदे (Ganesh Ji ko durva Chadhane ke Fayde): भगवान गणेश (Lord Ganesh) की पूजा में दूर्वा का विशेष महत्व है। जब भी गणपति बप्पा की आराधना की जाती है, तो उन्हें दूर्वा अवश्य अर्पित की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों श्री गणेश को दूर्वा इतनी प्रिय है? दूर्वा चढ़ाने के पीछे क्या पौराणिक कथा है? भगवान गणेश (Lord Ganesh) को दूर्वा कैसे और किस विधि से अर्पित करनी चाहिए? इसके अलावा, दूर्वा चढ़ाने के कई शुभ फल भी बताए गए हैं। कहा जाता है कि गणेश जी (Lord Ganesh) को दूर्वा चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। लेकिन दूर्वा चढ़ाते समय कुछ नियमों का पालन करना भी जरूरी है। आइए, हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देते हैं। इस लेख में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि क्यों गजानन को दूर्वा का अर्पण करना इतना खास माना जाता है। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि दूर्वा चढ़ाने के क्या नियम हैं और इसके पीछे कौन सी प्रसिद्ध कथा है।
तो चलिए, गणपति (Lord Ganesh) की कृपा पाने के लिए दूर्वा घास से संबंधित यह बेहद खास लेख शुरू करते हैं…
Table Of Content
S.NO. | प्रश्न |
1 | गणेश जी को दूर्वा कैसे चढ़ाएं |
2 | गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने का मंत्र |
3 | गणेश जी को दूर्वा क्यों चढाते है? |
4 | भगवान गणेश को दुर्गा चढ़ाने के फायदे |
गणेश जी को दूर्वा क्यों चढाते है | Ganesh Ji ko Durva kyu Chadhate Hai
भगवान गणेश (Lord Ganesh) की पूजा में दूर्वा घास (Durva) का विशेष महत्व है, और इसके पीछे एक दिलचस्प पौराणिक कथा छिपी है। एक बार अनलासुर (Anlasur) नामक राक्षस ने साधुओं को जिंदा निगलना शुरू कर दिया, जिससे चारों ओर भय और हाहाकार फैल गया। साधु-संतों ने भगवान गणेश (Lord Ganesh) से प्रार्थना की, और गणेश जी ने राक्षस को निगल लिया। लेकिन इस अद्वितीय कार्य के बाद, गणेश जी के पेट में तीव्र जलन होने लगी। कश्यप ऋषि ने गणेश जी को 21 दूर्वा घास खाने की सलाह दी, जिससे उनकी जलन शांत हो गई। तभी से दूर्वा घास गणेश जी के लिए अत्यंत प्रिय मानी जाती है, और ऐसा कहा जाता है कि इसे चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं। इस कथा के माध्यम से दूर्वा घास का महत्व और गणेश जी की कृपा प्राप्त करने की सरल विधि का संदेश मिलता है।
गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने का मंत्र | Ganesh ji ko Durva Chadhane ka Mantra
दूर्वा चढ़ाने का समय गणेशजी (Lord Ganesh) के भक्तों के लिए विशेष होता है। इस पावन अवसर पर 11 मंत्रों का जाप करने से अद्भुत लाभ प्राप्त होते हैं।
ऊँ गं गणपतेय नमः
ऊँ गणाधिपाय नमःऊँ उमापुत्राय नमः
ऊँ विघ्ननाशनाय नमःऊँ विनायकाय नमः
ऊँ ईशपुत्राय नमःऊँ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
ऊँएकदन्ताय नमःऊँ इभवक्ताय नमः
ऊँ मूषकवाहनाय नमः
ऊँ कुमारगुरवे नमः.
इस जाप के दौरान हम गणेशजी की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। यह अनुष्ठान गणेशजी को समर्पित है, जिनका वाहन मूषक है और जो विघ्नों को दूर करने वाले हैं। इन मंत्रों का जाप श्रद्धालुओं के जीवन में सुख, समृद्धि, और सभी कार्यों में सफलता प्रदान करता है।
गणेश जी को दूर्वा कैसे चढ़ाएं | Ganesh ji ko Durva Kaise Chadhaye
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गणेश जी (Lord Ganesh) को दूर्वा चढ़ाने का सही तरीका बहुत सरल है, लेकिन इसके पीछे की विधि और भावना महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, साफ और ताजगीपूर्ण दूर्वा का चयन करें। दूर्वा के तीन या पांच गांठ लें, जो शुभ मानी जाती हैं। फिर, एक साफ कपड़े में दूर्वा को पोंछ लें। पूजा के दौरान, गणेश जी की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठकर ध्यान करें और उन्हें प्रणाम करें। इसके बाद, दूर्वा को गणेश जी के चरणों में रखें या उनके सिर पर अर्पित करें। ऐसा करते समय “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का उच्चारण करें। दूर्वा चढ़ाने के बाद भगवान गणेश से अपनी मनोकामनाओं की प्रार्थना करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।
भगवान गणेश को दुर्बल चढ़ाने के फायदे | Bhagwan Ganesh ko Durva Chadhane ke Fayde
भगवान गणेश (Lord Ganesh) को दूर्वा चढ़ाना हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। दूर्वा एक विशेष प्रकार की हरी घास होती है, जिसे गणेश जी को अर्पित करने से विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि दूर्वा में गणेश जी का प्रिय तत्व होता है और इसे चढ़ाने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। दूर्वा चढ़ाने से संकटों का नाश होता है, बाधाएं दूर होती हैं और शुभ कार्यों में सफलता मिलती है। साथ ही, इसे चढ़ाने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। दूर्वा को गणेश जी के मस्तक पर चढ़ाने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है और परिवार में समृद्धि आती है। इसलिए, गणेश पूजा में दूर्वा का विशेष महत्व है और इसे चढ़ाने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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Conclusion
गणेश जी (Lord Ganesh) को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। भक्त विधि-विधान से 21 या 11 दूर्वा गणेश जी को समर्पित करते हैं, साथ ही गणेश मंत्रों का जाप करते हैं। दूर्वा अर्पित करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है, विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। भगवान गणेश (Lord Ganesh) को दूर्वा चढ़ाने से संबंधित यह बेहद खास लेकर आपको पसंद आया हो तो कृपया ऐसे ही और भी रोचक व धार्मिक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s
Q. गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की कथा क्या है?
Ans: एक बार अनलासुर नामक राक्षस ने साधुओं को निगल लिया, जिससे चारों ओर हाहाकार मच गया। गणेश जी ने राक्षस को निगल लिया, लेकिन उन्हें पेट में जलन हुई, जिसे दूर्वा घास खाने से शांति मिली। तब से गणेश जी को दूर्वा चढ़ाई जाती है।
Q. दूर्वा चढ़ाने का सही तरीका क्या है?
Ans: दूर्वा चढ़ाने के लिए साफ और ताजगीपूर्ण दूर्वा चुनें। दूर्वा की तीन या पांच गांठें लें और गणेश जी की प्रतिमा या चित्र के सामने ध्यान करते हुए, उन्हें प्रणाम करें और दूर्वा को उनके चरणों में या सिर पर अर्पित करें।
Q.गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने का मंत्र क्या है?
Ans: गणेश जी को दूर्वा चढ़ाते समय “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। इस मंत्र के द्वारा गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती
Q.दूर्वा चढ़ाने के लाभ क्या हैं?
Ans: गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। यह भी माना जाता है कि दूर्वा चढ़ाने से जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता प्राप्त होती है।
Q. गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की पौराणिक कथा कौन सी है?
Ans: पौराणिक कथा के अनुसार, अनलासुर नामक राक्षस को निगलने के बाद गणेश जी को पेट में जलन होने लगी। कश्यप ऋषि के सुझाव पर गणेश जी ने दूर्वा घास का सेवन किया, जिससे उनकी जलन शांत हो गई।
Q. गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की प्रक्रिया में कितनी दूर्वा का उपयोग करना चाहिए?
Ans: गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की प्रक्रिया में आमतौर पर तीन या पांच दूर्वा की गांठों का उपयोग किया जाता है। यह संख्या शुभ मानी जाती है और गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए उपयुक्त मानी जाती है।