
सूर्य देव चालीसा पढने के फायदे ( Surya Dev Chalisa Padhne Ke Fayde): हिंदू धर्म में सूर्य देव को जीवन, ऊर्जा, प्रकाश और स्वास्थ्य का आधार माना जाता है। उन्हें नवग्रहों का अधिपति और जगत को प्रकाशमान करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसे में सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए अनेक भक्त प्रतिदिन या विशेष रूप से रविवार को उनकी आराधना करते हैं। इस आराधना का एक प्रभावशाली माध्यम है- सूर्य देव चालीसा (Surya Dev Chalisa)। यह एक भक्ति गीत है, जिसमें चालीस छंदों के माध्यम से सूर्य भगवान की महिमा, शक्तियों और उपकारों का गुणगान किया गया है। इसका पाठ न केवल आध्यात्मिक शांति देता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य लाभ, मानसिक स्थिरता और ज्योतिषीय दोषों से मुक्ति भी प्रदान करता है। इस लेख में हम विस्तारपूर्वक बताएंगे कि सूर्य देव चालीसा क्या होती है |
इसके नियमित पाठ से कौन-कौन से लाभ प्राप्त होते हैं, और क्यों यह चालीसा सूर्य उपासकों के लिए अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। साथ ही, हम आपके लिए सूर्य देव चालीसा को हिंदी में संपूर्ण रूप से प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि आप इसे आसानी से पढ़ सकें और उसका लाभ उठा सकें। इतना ही नहीं, इस लेख में हम आपको सूर्य देव चालीसा का एक PDF फॉर्मेट भी साझा करेंगे, जिसे आप डाउनलोड करके अपने मोबाइल या कंप्यूटर में सुरक्षित रख सकते हैं और रोजाना अथवा विशेष दिनों पर श्रद्धापूर्वक उसका पाठ कर सकते हैं।
अगर आप सूर्य देव (Surya Dev) की कृपा चाहते हैं और जीवन में ऊर्जा व सफलता की कामना करते हैं, तो यह लेख आपके लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा! इसे अंत तक अवश्य पढ़ें….
यह भी पढ़े:- रविवार व्रत कथा.
सूर्य देव चालीसा क्या है? | Surya Dev Chalisa kya Hai?
सूर्य देव चालीसा (Surya Dev Chalisa) हिंदू धर्म में सूर्य देवता की स्तुति के लिए रचित एक भक्ति काव्य है। यह चालीस छंदों (चालीसा) का संग्रह है, जिसमें सूर्य भगवान (Bhagwan Surya) की महिमा, उनके गुण, शक्ति और प्रभाव का वर्णन किया गया है। सूर्य को जीवन का आधार माना जाता है, क्योंकि वे प्रकाश, ऊर्जा और स्वास्थ्य के दाता हैं। यह चालीसा संस्कृत और हिंदी में उपलब्ध है, लेकिन आमतौर पर भक्त इसे हिंदी में पढ़ते हैं। इसे भक्ति भाव से गाया या पढ़ा जाता है, खासकर रविवार को, जो सूर्य देव का दिन माना जाता है। सूर्य देव चालीसा का पाठ करने से मनुष्य को सूर्य की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है। यह प्राचीन ग्रंथों और लोक परंपराओं से प्रेरित है, जिसमें सूर्य को नवग्रहों का अधिपति बताया गया है। भक्त इसे सुबह सूर्योदय के समय पढ़ते हैं, ताकि सूर्य की ऊर्जा से जुड़ सकें। यह न केवल आध्यात्मिक शांति देता है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी सूर्य से संबंधित दोषों को दूर करने में सहायक माना जाता है।
यह भी पढ़े:- रविवार व्रत विधि
1. श्री सूर्य चालीसा के लाभ
जैसे देवताओं में भगवान श्री सूर्य नारायण का विशेष महत्व है, वैसे ही श्री सूर्य चालीसा का भी विशेष महत्व है। यहां पर हम श्री सूर्य चालीसा का पाठ सच्चे मन से करने से कौन कौन से लाभ मिलता है, उसके बारे में जानेंगे :-
1. दीर्घायु प्राप्ति
श्री सूर्य चालीसा के पाठ से व्यक्ति लम्बी उम्र प्राप्त करता है। जो व्यक्ति दीर्घायु प्राप्त करना चाहता है, उसे निश्चय ही श्री सूर्य नारायण का चालीसा पाठ करना चाहिए।
2. रोग व्याधि दूर होता है
श्री सूर्य चालीसा पढ़ने से सभी प्रकार के शारीरिक कष्ट, मानसिक कष्ट दूर होते हैं। व्यक्ति को रोग व्याधि से निजात पाने में कामयाबी हासिल होता है। व्यक्ति निरोगी बनता है।
3. आरोग्य जीवन
जो व्यक्ति विधिपूर्वक श्री सूर्य नारायण की पूजा आराधना करते हैं व श्री सूर्य चालीसा का पाठ करते हैं। उन्हें आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है।
4. अकाल मृत्यु दूर होता है
श्री सूर्य चालीसा का नियमित पाठ से अकाल मृत्यु का संकट दूर होता है। दुर्घटना आदि से बचाव होता है।
परंतु यहां पर एक बात का सदा ध्यान रखें कि लापरवाही किसी भी हालत में क्षमायोग्य नहीं है। आप लापरवाही पुर्वक वाहन चलाकर दुर्घटना का शिकार होंगे या आप लापरवाहीपुर्ण खान-पान रहन-सहन रखेंगे और बीमारियों का शिकार होंगे। इसका जिम्मेदार आप स्वयं होंगे।
5. धन संपत्ति में बढ़ोतरी
श्री सूर्य चालीसा के पाठ से काम धंधा अच्छे से चलता है। कारोबार, व्यवसाय में सफलता हासिल होता है। रुकावटें दूर होती है। सफलता प्राप्त होने से धन संपत्ति में बढ़ोतरी होती है।
6. धन धान्य अन्न संपदा की प्राप्ति
जो व्यक्ति उत्पादक है या किसान वर्ग से आते हैं, उन्हें उत्पादन अच्छा मिलता है। जिससे धन धान्य अन्न संपदा की बढ़ोत्तरी होती है।
7. पुत्र प्राप्ति
श्री सूर्य चालीसा का नियमित विधिपूर्वक पाठ करने से श्री सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। जिससे गुणवान पुत्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
8. शत्रु पर विजय प्राप्ति
श्री सूर्य देव की पूजा व सूर्य चालीसा का पाठ करने से शत्रु पर विजय प्राप्ति होता है।
9. यश कीर्ति व मान सम्मान में बढ़ोतरी
श्री सूर्य चालीसा के पाठ से व्यक्ति का यश कीर्ति में बढ़ोतरी होती हैं। साथ ही समाज में मान सम्मान बढ़ता है।
10. विद्या प्राप्ति
श्री सूर्य चालीसा का पाठ विद्यार्थि वर्ग के लिए भी विशेष उपयोगी है। श्री सूर्य देव की पूजा व सूर्य चालीसा के पाठ से विद्या अध्ययन में विशेष लाभ मिलता है। पढ़ाई में निश्चित सफलता प्राप्त होती है।
11. सौभाग्य प्राप्ति
श्री सूर्य चालीसा के पाठ से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, सौभाग्य प्राप्त होती हैं। व्यक्ति सौभाग्यशाली बनता है।
सूर्य देव चालीसा पढ़ने के क्या फायदे हैं? |Surya Dev Chalisa Padhne Ke Fayde Hain?
- स्वास्थ्य में सुधार: सूर्य देव चालीसा(Surya Dev Chalisa) का नियमित पाठ स्वास्थ्य को बेहतर करता है। सूर्य को ऊर्जा और जीवन शक्ति का स्रोत माना जाता है, इसलिए इसका पाठ करने से शारीरिक कमजोरी, आंखों की समस्या और हड्डियों से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं। यह मानसिक तनाव को भी कम करता है।
- आध्यात्मिक शांति: यह चालीसा मन को शांति और सकारात्मकता प्रदान करती है। सूर्य देव की भक्ति से आत्मविश्वास बढ़ता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं। सुबह के समय पाठ करने से दिन की शुरुआत शांतिपूर्ण और ऊर्जावान होती है।
- ज्योतिषीय लाभ: ज्योतिष में सूर्य ग्रह को आत्मा और सम्मान का कारक माना जाता है। चालीसा पढ़ने से कुंडली में सूर्य से संबंधित दोष, जैसे सूर्य की कमजोर स्थिति, दूर होते हैं। यह करियर और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि करता है।
- सफलता और समृद्धि: सूर्य देव चालीसा का पाठ करने से जीवन में सफलता और समृद्धि की प्राप्ति होती है। सूर्य नेतृत्व और शक्ति का प्रतीक हैं, इसलिए यह कार्यक्षेत्र में उन्नति और आर्थिक लाभ के अवसर प्रदान करता है।
- नकारात्मकता से मुक्ति: यह चालीसा नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से सुरक्षा देती है। सूर्य की कृपा से भय, चिंता और शत्रुओं का प्रभाव कम होता है। नियमित पाठ से जीवन में स्थिरता और साहस बढ़ता है।
सूर्य देव चालीसा पढ़ने के नियम | Surya Dev Chalisa Padhne ke Niyam

शुद्धता और तैयारी: सूर्य देव चालीसा (Surya Dev Chalisa) पढ़ने से पहले प्रातः स्नान करें और स्वच्छ लाल या पीले वस्त्र पहनें। यह शुद्धता मन को पवित्र बनाती है और सूर्य देव के प्रति सम्मान प्रकट करती है। पूजा स्थल को स्वच्छ रखें।
प्रातः काल का समय: सूर्य देव चालीसा (Surya Dev Chalisa) का पाठ सूर्योदय के समय करें, जब सूर्य की किरणें सबसे शुद्ध होती हैं। यह समय ऊर्जा और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। नियमित रूप से प्रातःकाल में पाठ करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
श्रद्धा और विश्वास: पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ सूर्य देव चालीसा पढ़ें, सूर्य देव को जीवन शक्ति का स्रोत मानकर प्रणाम करें। बिना विश्वास के पाठ प्रभावहीन रहता है। मन में सकारात्मकता और कृतज्ञता का भाव रखें।
मुख और आसन: पाठ के दौरान पूर्व दिशा की ओर मुख करके साफ आसन पर बैठें, क्योंकि सूर्य पूर्व से उदय होते हैं। इससे एकाग्रता बढ़ती है और सूर्य देव की ऊर्जा का सही संचार होता है। शांत मन रखें।
नियमितता और अर्पण: सूर्य देव चालीसा (Surya Dev Chalisa) को रोजाना या 7, 11, 21 दिनों के संकल्प के साथ पढ़ें। पाठ के बाद सूर्य को जल अर्पित करें। यह नियमितता भक्ति को गहरा करती है और सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
यहाँ भी पढ़े :- सूर्य मंदिर | सूर्य मंत्र | रविवार सूर्य आरती | श्री सूर्य देव चालीसा
सूर्य देव चालीसा हिंदी में | Surya Dev Chalisa Hindi Mein
दोहा
कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग।
पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥
सूर्य देव चालीसा चौपाई
जय सविता जय जयति दिवाकर!।
सहस्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥
भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!।
सविता हंस! सुनूर विभाकर॥
विवस्वान! आदित्य! विकर्तन।
मार्तण्ड हरिरूप विरोचन॥
अम्बरमणि! खग! रवि कहलाते।
वेद हिरण्यगर्भ कह गाते॥
सहस्रांशु प्रद्योतन, कहिकहि।
मुनिगन होत प्रसन्न मोदलहि॥
अरुण सदृश सारथी मनोहर।
हांकत हय साता चढ़ि रथ पर॥
मंडल की महिमा अति न्यारी।
तेज रूप केरी बलिहारी॥
उच्चैःश्रवा सदृश हय जोते।
देखि पुरन्दर लज्जित होते॥
मित्र मरीचि भानु अरुण भास्कर।
सविता सूर्य अर्क खग कलिकर॥
पूषा रवि आदित्य नाम लै।
हिरण्यगर्भाय नमः कहिकै॥
द्वादस नाम प्रेम सों गावैं।
मस्तक बारह बार नवावैं॥
चार पदारथ जन सो पावै।
दुःख दारिद्र अघ पुंज नसावै॥
नमस्कार को चमत्कार यह।
विधि हरिहर को कृपासार यह॥
सेवै भानु तुमहिं मन लाई।
अष्टसिद्धि नवनिधि तेहिं पाई॥
बारह नाम उच्चारन करते।
सहस जनम के पातक टरते॥
उपाख्यान जो करते तवजन।
रिपु सों जमलहते सोतेहि छन॥
धन सुत जुत परिवार बढ़तु है।
प्रबल मोह को फंद कटतु है॥
अर्क शीश को रक्षा करते।
रवि ललाट पर नित्य बिहरते॥
सूर्य नेत्र पर नित्य विराजत।
कर्ण देस पर दिनकर छाजत॥
भानु नासिका वासकरहुनित।
भास्कर करत सदा मुखको हित॥
ओंठ रहैं पर्जन्य हमारे।
रसना बीच तीक्ष्ण बस प्यारे॥
कंठ सुवर्ण रेत की शोभा।
तिग्म तेजसः कांधे लोभा॥
पूषां बाहू मित्र पीठहिं पर।
त्वष्टा वरुण रहत सुउष्णकर॥
युगल हाथ पर रक्षा कारन।
भानुमान उरसर्म सुउदरचन॥
बसत नाभि आदित्य मनोहर।
कटिमंह, रहत मन मुदभर॥
जंघा गोपति सविता बासा।
गुप्त दिवाकर करत हुलासा॥
विवस्वान पद की रखवारी।
बाहर बसते नित तम हारी॥
सहस्रांशु सर्वांग सम्हारै।
रक्षा कवच विचित्र विचारे॥
अस जोजन अपने मन माहीं।
भय जगबीच करहुं तेहि नाहीं॥
दद्रु कुष्ठ तेहिं कबहु न व्यापै।
जोजन याको मन मंह जापै॥
अंधकार जग का जो हरता।
नव प्रकाश से आनन्द भरता॥
ग्रह गन ग्रसि न मिटावत जाही।
कोटि बार मैं प्रनवौं ताही॥
मंद सदृश सुत जग में जाके।
धर्मराज सम अद्भुत बांके॥
धन्य-धन्य तुम दिनमनि देवा।
किया करत सुरमुनि नर सेवा॥
भक्ति भावयुत पूर्ण नियम सों।
दूर हटतसो भवके भ्रम सों॥
परम धन्य सों नर तनधारी।
हैं प्रसन्न जेहि पर तम हारी॥
अरुण माघ महं सूर्य फाल्गुन।
मधु वेदांग नाम रवि उदयन॥
भानु उदय बैसाख गिनावै।
ज्येष्ठ इन्द्र आषाढ़ रवि गावै॥
यम भादों आश्विन हिमरेता।
कातिक होत दिवाकर नेता॥
अगहन भिन्न विष्णु हैं पूसहिं।
पुरुष नाम रवि हैं मलमासहिं॥
सूर्य देव चालीसा दोहा
भानु चालीसा प्रेम युत, गावहिं जे नर नित्य।
सुख सम्पत्ति लहि बिबिध, होंहिं सदा कृतकृत्य॥
सूर्य देव चालीसा पीडीएफ डाउनलोड | Surya Dev Chalisa PDF Download
इस विशेष लेख के जरिए हम आपको सूर्य देव चालीसा (Surya Dev Chalisa) हिंदी में पीडीएफ के जरिए साझा कर रहे हैं। अगर आप चाहें तो इस पीडीएफ को डाउनलोड करके सूर्य देव चालीसा को सरलता पूर्वक हिंदी में पढ़ सकते हैं। यह आपके भक्ति भाव और आध्यात्मिक उन्नति के लिए सहायक होगा।
सूर्य देव चालीसा PDF Download | View ChalisaConclustion:-Surya Dev Chalisa Padhne Ke Fayde
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (सूर्य देव चालीसा पढ़ने के फायदे) Surya Dev Chalisa Padhne Ke Fayde यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-Surya Dev Chalisa Padhne Ke Fayde
Q. सूर्य देव चालीसा क्या है?
Ans. सूर्य देव चालीसा (Surya Dev Chalisa) एक भक्ति काव्य है जिसमें 40 छंदों के माध्यम से सूर्य देव की महिमा, शक्तियों और गुणों का वर्णन किया गया है। इसे श्रद्धा से रविवार को पढ़ा जाता है।
Q. सूर्य देव चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
Ans. इसका पाठ प्रातः सूर्योदय के समय करना सबसे शुभ माना जाता है, जिससे सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा का लाभ मिल सके।
Q. सूर्य देव चालीसा पढ़ने से स्वास्थ्य को कैसे लाभ होता है?
Ans. यह चालीसा ऊर्जा, आंखों की रोशनी, हड्डियों की मजबूती और मानसिक शांति के लिए लाभकारी मानी जाती है।
Q. सूर्य देव चालीसा के ज्योतिषीय लाभ क्या हैं?
Ans. चालीसा का पाठ कुंडली में सूर्य से जुड़े दोषों को दूर करता है और आत्मबल, सम्मान तथा करियर में वृद्धि करता है।
Q. सूर्य देव को नवग्रहों का अधिपति क्यों कहा जाता है?
Ans. सूर्य देव को नवग्रहों में प्रधान माना गया है क्योंकि वे प्रकाश, जीवन और शक्ति के मूल स्रोत हैं।
Q. सूर्य देव चालीसा का नियमित पाठ करने से क्या सकारात्मक प्रभाव होते हैं?
Ans. इससे मन शांत रहता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।