
महाशिवरात्रि पर क्या करें क्या ना करें 2025 Maha Shivratri Par kya kare kya Na kare): महाशिवरात्रि (Mahashivratri) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव (Bhagwan Shiv) की आराधना और पूजा के लिए मनाया जाता है। यह पर्व हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व हमें भगवान शिव की महिमा और उनकी शक्ति को समझने का अवसर प्रदान करता है। भगवान शिव हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं, जिन्हें विनाशक के रूप में पूजा जाता है। लेकिन भगवान शिव केवल विनाशक ही नहीं हैं, बल्कि वे एक शक्तिशाली और दयालु देवता भी हैं।
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। यदि आप इन बातों का पालन करते हैं, तो आपको भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो सकती है। लेकिन यदि आप इन बातों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको इसके नकारात्मक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। 2025 में महाशिवरात्रि कब है? और इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिलेंगे।
महाशिवरात्रि 2025 (Mahashivratri 2025) के पावन पर्व से संबंधित इस विशेष लेख को अंत तक जरूर पढ़ें, ताकि आप भी ऐसी गलती ना करें जिससे भगवान शिव आपसे रुष्ट हो जायें….
यह भी पढ़े:-महाशिवरात्रि 2025 तिथि एवं पूजा मुहूर्त, शिव चालीसा, शिवजी की आरती
महाशिवरात्रि 2025 कब है? | Mahashivratri 2025 kab Hai?

2025 में महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे से शुरू होकर 27 फरवरी को सुबह 8:54 बजे तक रहेगी। निशिता काल (मध्यरात्रि पूजा) का समय 27 फरवरी को रात 12:09 से 12:59 तक होगा। इस दिन चार प्रहर की पूजा की जाती है, जो शाम 6:19 से शुरू होकर अगले दिन सुबह 6:48 तक चलती है।
यह भी पढ़े:-महाशिवरात्रि व्रत कथा, महाशिवरात्रि व्रत
महाशिवरात्रि का महत्व क्या है? | Mahashivratri ka Mahatva kya Hai?
- आध्यात्मिक जागृति: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव (Bhagwan Shiv) की पूजा और ध्यान करने से मन शुद्ध होता है और आंतरिक शांति मिलती है। यह दिन आत्मा को जागृत करने और मोक्ष प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर माना जाता है।
- ब्रह्मांडीय महत्व: इस दिन शिव और शक्ति का मिलन होता है, जो पुरुष और स्त्री ऊर्जा के संतुलन का प्रतीक है। यह सृष्टि, संरक्षण और विनाश के चक्र को दर्शाता है।
- पौराणिक महत्व: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव ने हलाहल विष पीकर सृष्टि को बचाया था और माता पार्वती से विवाह किया था। यह दिन उनकी कृपा पाने और मनोकामनाएं पूरी करने का अवसर है।
यह भी पढ़े:-महाशिवरात्रि का महा उत्सव
महाशिवरात्रि पर क्या करें और क्या न करें? | Mahashivratri Par kya karein Aur kya Na karein?
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर क्या करें-
- भगवान शिव का अभिषेक करें: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक दूध, गंगाजल, शहद, दही और बेलपत्र से करें। इससे मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- रुद्राभिषेक करवाएं: इस दिन रुद्राभिषेक करवाने से सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह विशेष रूप से नौकरी, व्यापार और स्वास्थ्य में उन्नति के लिए लाभकारी होता है।
- व्रत और उपवास रखें: इस दिन व्रत रखने से आध्यात्मिक शुद्धि होती है। यदि पूरे दिन उपवास कठिन हो, तो फलाहार करें। इससे शरीर और मन की शुद्धि होती है और शिव कृपा प्राप्त होती है।
- शिव मंत्रों का जाप करें: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से रोग और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- बेलपत्र, धतूरा और भस्म अर्पित करें: भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग और भस्म विशेष प्रिय हैं। इन्हें श्रद्धा के साथ अर्पित करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
- दान-पुण्य करें: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें। गौ सेवा, ब्राह्मण भोजन और मंदिर में सहयोग करने से पुण्य लाभ प्राप्त होता है।
- शिव पुराण और भजन सुनें: महाशिवरात्रि पर शिव पुराण, शिव तांडव स्तोत्र और अन्य धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें। शिव भजन और कीर्तन करने से आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है।
- परिवार और मित्रों के साथ पूजा करें: इस पावन दिन अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर भगवान शिव की आराधना करें। इससे पारिवारिक सुख-शांति बनी रहती है और आपसी प्रेम बढ़ता है।
- रात्रि जागरण करें: महाशिवरात्रि की रात जागरण कर भक्ति में समय बिताना शुभ होता है। रातभर भगवान शिव के भजन गाएं, मंत्रों का जाप करें और ध्यान लगाएं।
- शिव मंदिर में दर्शन करें: इस दिन किसी शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव के दर्शन करें और उनकी पूजा-अर्चना करें। इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
यह भी पढ़े:- महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर क्या न करें-
- मांसाहार और नशे से दूर रहें: महाशिवरात्रि पर मांसाहार, शराब, तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों से बचें। सात्विक आहार अपनाकर शिव कृपा प्राप्त करें।
- क्रोध और अहंकार न करें: इस दिन गुस्सा, ईर्ष्या और अहंकार से बचें। भगवान शिव का स्वरूप शांत और सरल है, इसलिए इस दिन विनम्रता और धैर्य बनाए रखें।
- शिवलिंग पर कुछ निषेध वस्तुएं न चढ़ाएं: शिवलिंग पर तुलसी, हल्दी, केतकी का फूल, नारियल पानी और सिंदूर न चढ़ाएं। ये भगवान शिव को अप्रिय मानी जाती हैं।
- दूध और जल का अपव्यय न करें: शिवलिंग पर चढ़ाया गया दूध या जल व्यर्थ न बहाएं। इसे किसी जरूरतमंद को दान करें या वृक्षों में डालें।
- रात को सोएं नहीं: महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण करना शुभ माना जाता है। इस दिन रातभर भगवान शिव की भक्ति में लीन रहें और मंत्र जाप करें।
- किसी का अपमान न करें: इस दिन सभी के प्रति प्रेम और करुणा रखें। किसी को अपशब्द न कहें और सभी से मधुर व्यवहार करें। इससे जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।
- विवादों से बचें: महाशिवरात्रि पर झगड़े, बहस और अनावश्यक विवादों से दूर रहें। यह पावन दिन शांति और ध्यान के लिए समर्पित करना चाहिए।
- अनैतिक आचरण से बचें: इस दिन कोई भी गलत कार्य करने से बचें। सत्य बोलें, अच्छे कर्म करें और भगवान शिव के आदर्शों का पालन करें।
- शिव पूजा में अशुद्धता न रखें: शिवलिंग का पूजन करते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। स्नान करके और शुद्ध वस्त्र धारण करके ही पूजा करें।
- भगवान शिव से केवल भौतिक इच्छाएं न मांगें: इस दिन केवल धन, संपत्ति या भौतिक सुख की कामना न करें। भगवान शिव से आध्यात्मिक उन्नति, अच्छे स्वास्थ्य और शांति की प्रार्थना करें।
यह भी पढ़े:- महाशिवरात्रि के गाने, महाशिवरात्रि पूजा विधि, सपने में शिवलिंग देखना, शिव जी को कौनसा फूल नहीं चढ़ाना चाहिए, शिवलिंग के लिए पंचामृत कैसे बनता है, शिवलिंग पर काला तिल चढ़ाना चाहिए या नहीं, धन प्राप्ति के लिए शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं, शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं, शिवलिंग पूजा विधि
Conclusion
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (महाशिवरात्रि पर क्या करें और क्या न करें) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास किसी भी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:- MahaShivratri Par kya kare kya Na kare
Q. महाशिवरात्रि 2025 कब मनाई जाएगी?
Ans. महाशिवरात्रि 2025 का पर्व 26 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे से शुरू होकर 27 फरवरी को सुबह 8:54 बजे तक रहेगी।
Q. महाशिवरात्रि पर निशिता काल पूजा का समय क्या है?
Ans. महाशिवरात्रि पर निशिता काल पूजा 27 फरवरी 2025 को रात 12:09 से 12:59 तक होगी। यह भगवान शिव की विशेष आराधना का शुभ समय माना जाता है।
Q. महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व क्या है?
Ans. महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा और ध्यान करने से मन शुद्ध होता है और आत्मा जागृत होती है। यह मोक्ष प्राप्ति का श्रेष्ठ अवसर माना जाता है।
Q. महाशिवरात्रि पर कौन-से प्रमुख अभिषेक पदार्थ उपयोग किए जाते हैं?
Ans. महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक दूध, गंगाजल, शहद, दही और बेलपत्र से किया जाता है। इससे मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
Q. महाशिवरात्रि पर व्रत रखने का क्या लाभ है?
Ans. महाशिवरात्रि पर व्रत रखने से आध्यात्मिक शुद्धि होती है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए भी लाभकारी है।
Q. महाशिवरात्रि पर कौन-से मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है?
Ans. महाशिवरात्रि पर “ॐ नमः शिवाय” और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।