
Jaya Parvati Vrat 2025 :- प्रेम की ताकत क्या है? क्या यह दो दिलों को जोड़ने भर का काम करता है या फिर इससे कहीं ज़्यादा गहरा असर होता है? प्रेम की शक्ति को समझने के लिए हमें पौराणिक कथाओं की ओर रुख करना होगा। भारतीय मिथकों में ऐसी अनेक प्रेम कहानियाँ मौजूद हैं जो हमें जीवन के गूढ़ रहस्यों से रूबरू कराती हैं। ऐसी ही एक अद्भुत प्रेम कथा है भगवान शिव और माता पार्वती की। शिव-पार्वती का रिश्ता सिर्फ पति-पत्नी का नहीं, बल्कि दो आत्माओं का अटूट बंधन है। उनका प्यार इतना गहरा और निश्छल है कि उसके आगे भौतिक जगत की सारी बाधाएँ नगण्य हो जाती हैं।
यह अलौकिक प्रेम हमें सिखाता है कि सच्चा प्यार पाने के लिए कितना त्याग और तपस्या करनी पड़ती है। इसी प्रेम की मनमोहक कहानी से जुड़ा है जया पार्वती व्रत (Jaya Parvati Vrat) । यह व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख के लिए किया जाता है। लेकिन इससे भी ज़्यादा, यह व्रत हमें प्रेम की सच्ची परिभाषा सिखाता है। शिव-पार्वती की तरह अपने साथी के प्रति समर्पण, विश्वास और त्याग की भावना रखना ही इस व्रत का सार है।
तो आइए, इस लेख के माध्यम से हम जया पार्वती व्रत और जया पार्वती व्रत (Jaya Parvati Vrat) की विधि और इससे जुड़ी मान्यताओं को विस्तार से जानने का प्रयास करते हैं….
Table Of Content :-Jaya Parvati Vrat 2025
S.NO | प्रश्न |
1 | जया पार्वती व्रत 2025 |
2 | जया पार्वती व्रत 2025 कब है? |
3 | जया पार्वती व्रत पूजा विधि |
4 | जया पार्वती व्रत पूजन सामग्री |
जया पार्वती व्रत 2025 (Jaya Parvati Vrat)
जया पार्वती व्रत (Jaya Parvati Vrat 2025), भारत के पश्चिमी भाग, विशेषकर गुजरात में मनाया जाने वाला पाँच दिवसीय उत्सव है। यह आषाढ़ मास (जुलाई-अगस्त) में शुरू होता है। इसे युवतियाँ और विवाहित महिलाएं अपने पतियों की सुख-समृद्धि के लिए अनुष्ठित करती हैं। इस व्रत के दौरान, उपवासियों को नमकिन खाद्य पदार्थों और अनाज से परहेज करना होता है, केवल फल और सब्जियां ही खाई जाती हैं। इसका पालन करने से मान्यता है कि भगवान शिव (Lord Shiva) और देवी पार्वती (Goddess Parvati) की कृपा प्राप्त होती है, जिससे विवाहित जीवन में सुख-समृद्धि और स्थायित्व मिलता है।
जया पार्वती व्रत 2025 कब है? (Jaya Parvati Vrat Kab Hai)
साल 2025 में जया-पार्वती व्रत शुक्रवार, 8 जुलाई को मनाया जाएगा। इस विशेष दिन पर प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:40 बजे से रात 08:54 बजे तक रहेगा। त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 07 जुलाई 2025 को रात 11:10 बजे से हो रहा है और इसका समापन 09 जुलाई 2025 को शाम 12:38 बजे पर होगा। इस पवित्र व्रत के दौरान श्रद्धालु मां जया और पार्वती की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
8 जुलाई, 2025 मंगलवार – जया पार्वती व्रत प्रारम्भ
12 जुलाई, 2025 शनिवार – जया पार्वती जागरण
13 जुलाई, 2025 रविवार – जया पार्वती व्रत पारणा
जया पार्वती व्रत पूजा विधि (Jaya Parvati Vrat puja vidhi)

Jaya Parvati Vrat 2025 आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी की शुभ बेला में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर एक नई सुबह का स्वागत करें। स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण करें, और फिर पूजा-अर्चना की तैयारी करें। पहले दिन, एक पात्र में ज्वार या गेहूँ के दानों को बोकर अपने पूजा स्थल पर रखें। आने वाले पाँच दिनों तक इस पात्र में जल, अक्षत, पुष्प, रोली, और रूई की माला अर्पित करें। इस रूई की माला को ‘नगला’ कहा जाता है, जिसे कुमकुम से सजाया जाता है।
इस पावन दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Goddess Parvati) की पूजा का विधान है। अपने घर के मंदिर में एक आसन पर लाल कपड़ा बिछाएं और माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें। दीप प्रज्वलित कर व्रत का संकल्प लें। शिव-पार्वती जी को कुमकुम, अष्टगंध, शतपत्र, कस्तूरी, फूल, नारियल, नैवेद्य, ऋतु फल, धूप, और पंचामृत अर्पित करें। साथ ही, माँ पार्वती को सुहाग की सामग्री अर्पित करें। यदि आपने बालू या रेत से हाथी का निर्माण किया है, तो उस पर पाँच प्रकार के फल, फूल, और प्रसाद चढ़ाएं। इसके पश्चात व्रत कथा का पाठ करें और माता पार्वती तथा भगवान शिव की आरती उतारें। अंत में, माता पार्वती (Goddess Parvati) का ध्यान करते हुए सुख-सौभाग्य और गृह शांति की कामना करें और अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें। व्रत के पाँचवें दिन प्रातः स्नान कर माता पार्वती, भगवान शिव, और ज्वार पात्र की पूजा करें और रात्रि में भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें।
अगले दिन, रेत के हाथी और ज्वार के पौधों को किसी पवित्र नदी या तालाब में विसर्जित करें। इसके पश्चात, ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दान-दक्षिणा दें। अंत में, हरी सब्जी और गेहूँ से बनी रोटियों से व्रत का पारण करें।
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जया पार्वती व्रत पूजन सामग्री ( Jaya Parvati Vrat Pooja Samagri)
जया पार्वती व्रत के लिए पूजन सामग्री की सूची इस प्रकार है:
S.NO | प्रश्न |
1 | मिट्टी का बर्तन |
2 | जौ के बीज |
3 | लाल धागा (नागला) |
4 | फूल |
5 | अगरबत्ती |
6 | दीपक |
7 | घी |
8 | जल |
9 | सिंदूर |
10 | हल्दी |
11 | कुमकुम |
12 | फल |
13 | मिठाई |
14 | बेल पत्र |
15 | सुपारी |
16 | दूर्वा घास |
17 | नारियल |
18 | पीला धागा |
19 | भगवान शिव और माता पार्वती की फोटो या मूर्ति |
Conclusion:-Jaya Parvati Vrat 2025
जया पार्वती व्रत कथा Jaya Parvati Vrat 2025 हिन्दू महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण और सार्थक आयोजन है, जिसे उन्होंने बड़े भक्ति और विश्वास के साथ किया है। व्रत हिन्दू पौराणिक कथा में मूल रूप से है और मान्यता है कि यह भक्तों को खुशी, समृद्धि और आशीर्वाद देता है। व्रत भगवान शिव (Lord Shiva), देवी पार्वती (Goddess Parvati) के प्रति प्रेम, सम्मान, और कृतज्ञता की अभिव्यक्ति है, और एक साधन है उनके आशीर्वाद की कामना करने का एक सुखी और समृद्ध विवाहित जीवन के लिए। जया पार्वती व्रत से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे अन्य सभी व्रत कथाओं से संबंधित लेख भी जरूर पढ़िए और हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करिए।
FAQs: जया पार्वती व्रत 2025
Q1. जया पार्वती व्रत कब मनाया जाता है 2025 में?
उत्तर: जया पार्वती व्रत 2025 में 11 जुलाई (शुक्रवार) से शुरू होकर 15 जुलाई (मंगलवार) तक मनाया जाएगा। यह व्रत पांच दिनों तक चलता है और विवाहित एवं कुंवारी स्त्रियाँ इसे करती हैं।
Q2. जया पार्वती व्रत का क्या महत्व है?
उत्तर: यह व्रत विशेष रूप से अविवाहित कन्याओं द्वारा अच्छे वर की प्राप्ति के लिए और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए किया जाता है। यह व्रत माता पार्वती और भगवान शिव के मिलन की स्मृति में रखा जाता है।
Q3. जया पार्वती व्रत कितने दिन चलता है?
उत्तर: यह व्रत पाँच दिनों तक चलता है। इसमें व्रती प्रतिदिन व्रत नियमों का पालन करती हैं और अंतिम दिन व्रत का समापन करती हैं।
Q4. इस व्रत में क्या नियम होते हैं?
उत्तर:
- व्रत के दौरान नमक और तली-भुनी चीजें नहीं खानी चाहिए।
- व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है।
- हर दिन माता पार्वती की पूजा करें और कथा का पाठ करें।
- पाँचवें दिन व्रत का समापन विधिपूर्वक किया जाता है।
Q5. पूजा विधि क्या है जया पार्वती व्रत की?
उत्तर:
- सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- मिट्टी के घड़े में जौ बोएँ (जुंवारी)।
- कलश स्थापना कर उस पर नारियल रखें।
- माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें।
- प्रतिदिन व्रत कथा सुनें और दीप जलाएँ।
- पाँचवें दिन व्रत खोलें और ब्राह्मण को भोजन कराएँ।
Q6. क्या विवाहित महिलाएं भी यह व्रत कर सकती हैं?
उत्तर: हां, विवाहित महिलाएं भी पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं।
Q7. जया पार्वती व्रत की कथा क्या है?
उत्तर: इस व्रत की कथा में एक ब्राह्मण कन्या की कहानी है, जो माता पार्वती की उपासना कर एक उत्तम वर प्राप्त करती है। यह कथा व्रत के दौरान प्रतिदिन सुननी चाहिए।
Q8. क्या इस व्रत में व्रती को रात्रि जागरण करना होता है?
उत्तर: हां, कुछ परंपराओं में रात्रि जागरण (जागर) भी किया जाता है, जिसमें भजन-कीर्तन कर माता पार्वती को प्रसन्न किया जाता है।
Q9. क्या व्रत के दौरान व्रती बाल धो सकती हैं?
उत्तर: परंपराओं के अनुसार व्रत के दौरान बाल नहीं धोने चाहिए, विशेषकर तब तक जब तक व्रत पूर्ण न हो जाए।Q10. व्रत खोलने का सही तरीका क्या है?
उत्तर: पाँचवें दिन पूजा के बाद व्रत खोला जाता है। व्रत खोलते समय घर में शुभ भोजन बनाकर परिवार और ब्राह्मणों को खिलाना चाहिए और फिर स्वयं भोजन करना चाहिए।