
अक्टूबर एकादशी 2025 (Ekadashi Vrat October 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान विष्णु की आराधना और आत्मिक शुद्धि के लिए समर्पित है। अक्टूबर 2025 में दो प्रमुख एकादशियाँ—रमा एकादशी (Rama Ekadashi) और पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) आने वाली हैं, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और पापों से मुक्ति का अद्भुत अवसर प्रदान करेंगी। ये एकादशियाँ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनके पीछे छिपी कथाएँ और पूजा विधियाँ भी भक्तों को गहराई से प्रेरित करती हैं। रमा एकादशी और पापांकुशा एकादशी के शुभ मुहूर्त, उनके महत्व, और इनसे जुड़ी कथाएँ हर भक्त के लिए ज्ञान और भक्ति का स्रोत हैं।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि रमा एकादशी और पापांकुशा एकादशी क्या है?, इनका महत्व क्या है?, पूजा विधि क्या है?,कथाएं क्या है?, इत्यादि! यह लेख आपको इन दोनों एकादशियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे आप इन पवित्र दिनों को पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से मना सकेंगे।
आइए, अक्टूबर माह में आने वाली इन दोनों एकादशियों के बारे में विस्तार से जानते हैं और अपने आध्यात्मिक जीवन में इनका लाभ उठाते हैं………
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पापांकुशा एकादशी क्या है? | Papankusha Ekadashi kya Hai?

पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह व्रत व्यक्ति के पापों का नाश करने और मोक्ष प्राप्ति में सहायक माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा की जाती है। व्रत रखने से पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
साल 2025 की सभी एकादशी (Ekadashi 2025 Date and Time)
तारीख | माह | दिन | आरंभ | समाप्त | एकादशी |
10 जनवरी | शुक्रवार | 12:22 अपराह्न, 09 जनवरी | प्रातः 10:19 बजे, 10 जनवरी | पौष पुत्रदा एकादशी |
25 जनवरी | शनिवार | 07:25 अपराह्न, 24 जनवरी | 25 जनवरी, रात्रि 08:31 बजे | षटतिला एकादशी |
8 फ़रवरी | शनिवार | रात्रि 09:26 बजे, 07 फरवरी | रात्रि 08:15 बजे, फरवरी 08 | जया एकादशी |
24 फरवरी | सोमवार | 01:55 अपराह्न, 23 फरवरी | 01:44 अपराह्न, 24 फरवरी | विजया एकादशी |
10 मार्च | सोमवार | प्रातः 07:45, मार्च 09 | प्रातः 07:44, मार्च 10 | आमलकी एकादशी |
25 मार्च | मंगलवार | प्रातः 05:05, मार्च 25 | प्रातः 03:45, मार्च 26 | पापमोचनी एकादशी |
26 मार्च | बुधवार | प्रातः 05:05, मार्च 25 | प्रातः 03:45, मार्च 26 | वैष्णव पापमोचनी एकादशी |
8 अप्रैल | मंगलवार | 08:00 अपराह्न, 07 अप्रैल | रात्रि 09:12 बजे, अप्रैल 08 | कामदा एकादशी |
24 अप्रैल | गुरुवार | 04:43 अपराह्न, 23 अप्रैल | 02:32 अपराह्न, 24 अप्रैल | वरुथिनी एकादशी |
8 मई | गुरूवार | प्रातः 10:19 बजे, 07 मई | 12:29 PM, 08 मई | मोहिनी एकादशी |
23 मई | शुक्रवार | 01:12 AM, 23 मई | रात्रि 10:29 बजे, 23 मई | अपरा एकादशी |
6 जून | शुक्रवार | 02:15 पूर्वाह्न, 06 जून | प्रातः 04:47, जून 07 | निर्जला एकादशी |
21 जून | शनिवार | प्रातः 07:18 बजे, 21 जून | प्रातः 04:27, जून 22 | योगिनी एकादशी |
22 जून | रविवार | प्रातः 07:18 बजे, 21 जून | प्रातः 04:27 बजे, 22 जून | गौना योगिनी एकादशी |
6 जुलाई | रविवार | सायं 06:58 बजे, 05 जुलाई | रात्रि 09:14 बजे, 06 जुलाई | देवशयनी एकादशी |
21 जुलाई | सोमवार | 12:12 अपराह्न, 20 जुलाई | प्रातः 09:38 बजे, 21 जुलाई | कामिका एकादशी |
5 अगस्त | मंगलवार | 11:41 पूर्वाह्न, 04 अगस्त | 01:12 अपराह्न, 05 अगस्त | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
19 अगस्त | मंगलवार | 05:22 अपराह्न, 18 अगस्त | 03:32 अपराह्न, 19 अगस्त | अजा एकादशी |
3 सितम्बर | बुधवार | 03:53 पूर्वाह्न, 03 सितंबर | प्रातः 04:21, सितम्बर 04 | पार्श्व एकादशी |
17 सितम्बर | बुधवार | 12:21 पूर्वाह्न, 17 सितंबर | रात्रि 11:39 बजे, 17 सितम्बर | इन्दिरा एकादशी |
3 अक्टूबर | शुक्रवार | 07:10 अपराह्न, 02 अक्टूबर | 06:32 अपराह्न, 03 अक्टूबर | पापांकुशा एकादशी |
17 अक्टूबर | शुक्रवार | प्रातः 10:35 बजे, 16 अक्टूबर | 11:12 पूर्वाह्न, 17 अक्टूबर | रमा एकादशी |
2 नवंबर | रविवार | प्रातः 09:11 बजे, 01 नवम्बर | प्रातः 07:31 बजे, 02 नवम्बर | देवउत्थान एकादशी |
15 नवंबर | शनिवार | 12:49 पूर्वाह्न, 15 नवंबर | 02:37 पूर्वाह्न, 16 नवंबर | उत्पन्ना एकादशी |
1 दिसंबर | सोमवार | रात्रि 09:29 बजे, 30 नवंबर | 07:01 अपराह्न, 01 दिसम्बर | मोक्षदा एकादशी |
15 दिसंबर | सोमवार | 06:49 अपराह्न, 14 दिसंबर | रात्रि 09:19 बजे | सफला एकादशी |
31 दिसंबर | बुधवार | प्रातः 07:50 बजे, 30 दिसम्बर | प्रातः 05:00 बजे, 31 दिसम्बर | पौष पुत्रदा एकादशी |
पापांकुशा एकादशी 2025 कब है? | Papankusha Ekadashi 2025 kab Hai?
वर्ष 2025 में पापांकुशा एकादशी (Papankusha Ekadashi) 3 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन श्रद्धालु उपवास रखकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। व्रत करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह एकादशी विशेष रूप से आध्यात्मिक लाभ प्रदान करने वाली मानी जाती है।
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पापांकुशा एकादशी का महत्व | Papankusha Ekadashi ka Mahatva
- पापों का नाश और मोक्ष प्राप्ति: यह एकादशी मन, वचन और कर्म से किए गए सभी पापों का नाश करने वाली मानी जाती है। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।
- भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति: इस एकादशी का पालन करने से भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है। भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति का संचार होता है।
- पुण्य और आत्मशुद्धि का लाभ: इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को हजारों अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। यह आत्मशुद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है और व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति होती है।
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पापांकुशा एकादशी की पूजा विधि | Papankusha Ekadashi ki Puja Vidhi
- स्नान और संकल्प: प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। व्रत और पूजा का संकल्प लें। भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति हेतु मन, वचन और कर्म से पवित्र रहने का संकल्प करें।
- भगवान विष्णु की पूजा: घर या मंदिर में भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की मूर्ति स्थापित करें। धूप, दीप, पुष्प, तुलसी पत्र, चंदन, नैवेद्य और पंचामृत से विधिवत पूजा करें।
- एकादशी व्रत का पालन: दिनभर निराहार या फलाहार रहकर व्रत करें। सात्त्विक आहार लें और तामसिक वस्तुओं से परहेज करें। पूर्ण मनोयोग से भजन-कीर्तन और भगवद्गीता का पाठ करें।
- भगवान का ध्यान और मंत्र जप: विष्णु सहस्रनाम, ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। दिनभर भगवान विष्णु के गुणगान करें और अपनी इच्छाओं की पूर्ति हेतु भगवान से प्रार्थना करें।
- दान-पुण्य करना: व्रत के दिन ब्राह्मणों, निर्धनों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धन और अन्य आवश्यक वस्तुएँ दान करें। गौसेवा करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।
पापांकुशा एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त | Papankusha Ekadashi 2025 Shubh Muhurat
विवरण | तिथि | समय |
एकादशी तिथि आरंभ | 2 अक्टूबर | शाम 7:00 बजे |
एकादशी तिथि समाप्त | 3 अक्टूबर | शाम 6:41 बजे |
व्रत पारण तिथि | 4 अक्टूबर | सूर्योदय के पश्चात |
रमा एकादशी क्या है? | Rama Ekadashi kya Hai?
रमा एकादशी (Rama Ekadashi) भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इसे पापों से मुक्ति, पुण्य लाभ और मोक्ष प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन व्रत, कथा व पूजा कर भक्त भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करते हैं।
रमा एकादशी 2025 कब है? | Rama Ekadashi 2025 kab Hai?
2025 में रमा एकादशी (Rama Ekadashi) 17 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखकर उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। यह एकादशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में आती है और विशेष रूप से मोक्ष तथा समृद्धि की कामना के लिए की जाती है।
रमा एकादशी का महत्व | Rama Ekadashi ka Mahatva
- पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति: रमा एकादशी व्रत करने से पूर्व जन्मों के पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत भक्त को भगवान विष्णु की कृपा से जन्म-मरण के चक्र से मुक्त करता है।
- समृद्धि और सुख-शांति: इस व्रत को करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे घर में धन, ऐश्वर्य और सकारात्मकता का संचार होता है।
- भक्त के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति: यह व्रत व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से उन्नत करता है। व्रत और जागरण के माध्यम से मन शांत होता है, नकारात्मकता समाप्त होती है और भक्ति भाव से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
रमा एकादशी की पूजा विधि | Rama Ekadashi ki Puja Vidhi
- स्नान एवं संकल्प: प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत का पालन करने की प्रतिज्ञा करें।
- पूजन सामग्री एकत्र करें: पूजन के लिए दीप, धूप, पुष्प, तुलसी दल, फल, पंचामृत , पंच मेवा, गंगाजल, पीले वस्त्र और विष्णु सहस्रनाम आदि का आयोजन करें ताकि विधिवत पूजा संपन्न हो।
- भगवान विष्णु की पूजा करें: घर के मंदिर में श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें और शुद्ध घी का दीप जलाकर धूप, पुष्प और नैवेद्य अर्पित कर विष्णु सहस्रनाम अथवा विष्णु मंत्रों का जाप करें।
- एकादशी व्रत कथा सुनें: रमा एकादशी व्रत कथा का श्रवण करें और दूसरों को भी सुनाएं। कथा सुनने से व्रत का महत्व बढ़ता है और भक्त को विष्णु जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- रात्रि जागरण एवं कीर्तन करें: रात्रि में जागरण करते हुए श्रीहरि के भजन-कीर्तन करें, गीता पाठ करें या विष्णु सहस्रनाम का जाप करें। यह आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष प्राप्ति में सहायक होता है।
- पारण एवं दान करें: द्वादशी तिथि पर व्रत का विधिपूर्वक पारण करें। ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, दक्षिणा एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करें ताकि व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।
रमा एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त | Rama Ekadasi 2025 Shubh Muhurat
विवरण | तिथि | शुभ मुहूर्त |
एकादशी प्रारंभ | 16 अक्टूबर | सुबह 10:35 बजे |
एकादशी समाप्त | 17 अक्टूबर | सुबह 12:18 बजे |
एकादशी पारण तिथि | 18 अक्टूबर | सुबह 6:38 से 8:56 बजे तक |
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ConclusionL:-Ekadashi Vrat October 2025
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FAQ’s:-Ekadashi Vrat October 2025
Q. पापांकुशा एकादशी 2025 में कब है?
Ans. वर्ष 2025 में पापांकुशा एकादशी 3 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा की जाती है।
Q. पापांकुशा एकादशी व्रत का प्रमुख लाभ क्या है?
Ans. इस व्रत से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं, मोक्ष की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
Q. पापांकुशा एकादशी पर कौन-से मंत्र का जाप करना शुभ होता है?
Ans. इस दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” और विष्णु सहस्रनाम का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
Q. रमा एकादशी कब मनाई जाती है?
Ans. रमा एकादशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इसे भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है।
Q. रमा एकादशी 2025 में कब मनाई जाएगी?
Ans. वर्ष 2025 में रमा एकादशी 17 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस दिन व्रत, पूजा और जागरण का विशेष महत्व होता है।
Q. रमा एकादशी व्रत करने से कौन-से लाभ मिलते हैं?
Ans. यह व्रत करने से पापों का नाश होता है, मोक्ष की प्राप्ति होती है और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे समृद्धि बढ़ती है।