फुलेरा दूज 2025 कब है (Phulera Dooj 2025 kab Hai): फुलेरा दूज (Phulera Dooj) एक ऐसा पर्व है जो प्यार, रंग और खुशी के साथ मनाया जाता है। यह पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है, और इसका जुड़ाव भगवान कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी से है। फुलेरा दूज एक ऐसा पर्व है जो हमें प्यार, स्नेह और खुशी की याद दिलाता है। यह पर्व हमें सिखाता है कि कैसे हम अपने जीवन में प्यार और खुशी को बढ़ा सकते हैं। फुलेरा दूज एक ऐसा पर्व है जो हमें अपने जीवन में प्यार और खुशी को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।
यह पर्व हमें सिखाता है कि कैसे हम अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फुलेरा दूज क्या होता है? 2025 में फुलेरा दूज कब मनाई जाएगी? और फुलेरा दूज क्यों मनाई जाती है? लेकिन फुलेरा दूज का शुभ मुहूर्त क्या है? और इस पर्व को कैसे मनाया जाता है? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए, आइए हम फुलेरा दूज के बारे में विस्तार से जानते हैं।
तो आइए, श्री राधा कृष्ण जी से संबंधित इस बेहदपवन फुलेरा दूज (Phulera Dooj) त्योहार के बारे में विस्तार से जानते हैं और इसके महत्व को समझते हैं….
फुलेरा दूज क्या है? | Phulera kya Hota Hai
फुलेरा दूज (Phulera Dooj), होली से पहले मनाया जाने वाला एक पावन उत्सव है, जो राधा-कृष्ण के प्रेम और भक्ति को समर्पित है। इस दिन ब्रज में विशेष रूप से फूलों से होली खेली जाती है, जिससे वातावरण सुगंधित और रंगीन हो उठता है। इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है, अर्थात इस शुभ दिन बिना किसी ज्योतिषीय गणना के विवाह, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।
फुलेरा दूज 2025 कब है? | Phulera dooj 2025 kab hai
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 01 मार्च 2025 को रात्रि 03:16 बजे से प्रारंभ होकर 02 मार्च की रात्रि 12:09 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, फुलेरा दूज का पावन उत्सव 01 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर पर भक्तजन राधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे। अबूझ मुहूर्त होने के कारण यह दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए अत्यंत मंगलकारी माना जाता है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
फुलेरा दूज क्यों मनाई जाती है? | Phulera dooj kyu manayi jati hai?
फुलेरा दूज (Phulera Dooj), जिसे फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, भगवान श्री कृष्ण और राधा जी के प्रेम का प्रतीक है। इस दिन विशेष रूप से राधा और कृष्ण को फूलों से सजाया जाता है, जिससे प्रेम और समर्पण की भावना को बढ़ावा मिलता है। यह पर्व विवाह के लिए भी शुभ माना जाता है, खासकर कुंवारी लड़कियों द्वारा इस दिन व्रत रखने की परंपरा है। फुलेरा दूज से होली का आगमन भी होता है, और इसे प्रेम संबंधों में मिठास भरने का अवसर माना जाता है।
इस दिन लोग एक-दूसरे को फूलों से रंगते हैं, जिससे भाईचारे और प्रेम का संदेश फैलता है। फुलेरा दूज का पर्व राधा-कृष्ण के मिलन की खुशी में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब राधा जी श्री कृष्ण के न मिलने से उदास हो गईं, तब कृष्ण जी ने उन्हें खुश करने के लिए मिलने का निर्णय लिया। उनके मिलन से प्रकृति में फिर से रंगत लौट आई, और फूलों की होली खेलने की परंपरा शुरू हुई। इस दिन को विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि यह विवाह के लिए भी एक अच्छा मुहूर्त होता है। महिलाएं इस दिन व्रत रखकर अपने दांपत्य जीवन की सुख-शांति की कामना करती हैं। फुलेरा दूज से होली का आगमन भी होता है, जिससे प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलता है।
फुलेरा दूज 2025 शुभ मुहूर्त | Phulera dooj 2025 shubh muhurat
तिथि | समय |
शुरुआत | 01 मार्च 2025, रात 03:16 बजे |
समाप्ति | 02 मार्च 2025, रात 12:09 बजे |
मनाने की तिथि | 01 मार्च 2025 (उदया तिथि अनुसार) |
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Conclusion
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FAQ’s:-Phulera Dooj 2025
Q. फुलेरा दूज क्या है?
Ans. फुलेरा दूज एक पावन उत्सव है, जो राधा-कृष्ण के प्रेम और भक्ति को समर्पित होता है। इस दिन ब्रज में फूलों की होली खेली जाती है और इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है।
Q. फुलेरा दूज 2025 में कब मनाई जाएगी?
Ans. फुलेरा दूज 2025 में 01 मार्च को मनाई जाएगी, क्योंकि द्वितीया तिथि इसी दिन उदयकाल में होगी।
Q. फुलेरा दूज का धार्मिक महत्व क्या है?
Ans. यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इसे अबूझ मुहूर्त कहा जाता है, जिसमें विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य बिना किसी ज्योतिषीय गणना के किए जा सकते हैं।
Q. फुलेरा दूज पर कौन-सा प्रमुख आयोजन होता है?
Ans. इस दिन विशेष रूप से राधा-कृष्ण को फूलों से सजाया जाता है और ब्रज में फूलों की होली खेली जाती है।
Q. फुलेरा दूज क्यों मनाई जाती है?
Ans. यह पर्व राधा-कृष्ण के प्रेम और मिलन का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन श्रीकृष्ण ने राधा जी को प्रसन्न करने के लिए उनसे मिलने का निर्णय लिया था।
Q. फुलेरा दूज का व्रत कौन रखता है और क्यों?
Ans. कुंवारी लड़कियां इस दिन व्रत रखती हैं ताकि उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिले, और विवाहित महिलाएं दांपत्य सुख व समृद्धि की कामना के लिए उपवास करती हैं।