बनारस के प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temples Of Banaras): वाराणसी – एक ऐसा शहर जो इतिहास से भी पुराना है, परंपराओं से भी प्राचीन है और किंवदंतियों से भी पुरातन है। यह नगरी शिव की है, यहाँ की गलियाँ भक्ति से सराबोर हैं, और हर मोड़ पर आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है।
इस पवित्र नगरी में मंदिरों की संख्या इतनी अधिक है कि इसे ‘मंदिरों का शहर’ कहा जाता है। यहाँ के प्रत्येक मंदिर अपनी विशिष्ट कहानी, वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व लिए हुए है। Famous Temples Of Banaras गंगा के तट पर बसा यह शहर सदियों से भारतीय संस्कृति और धर्म का केंद्र रहा है। यहाँ के मंदिर केवल पूजा-स्थल नहीं हैं, बल्कि भारतीय वास्तुकला, इतिहास और आध्यात्मिक विरासत के जीवंत प्रतीक हैं। काशी, जैसा कि वाराणसी को प्राचीन काल से जाना जाता है, को ‘अविमुक्त क्षेत्र’ कहा जाता है – एक ऐसा स्थान जहाँ मोक्ष की प्राप्ति सहज है।
यहाँ के प्रत्येक मंदिर में छिपी है Famous Temples Of Banaras एक अनूठी कहानी, हर मूर्ति में बसी है एक विलक्षण गाथा, और हर घंटी की ध्वनि में गूंजती है सदियों पुरानी आस्था। इस विशेष लेख के जरिए हम आपको बनारस के प्रसिद्ध मंदिरों जैसे कि अन्नपूर्णा देवी मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, तुलसी मानस मंदिर, भारत माता मंदिर, कनक दुर्गा मंदिर और संकट मोचन मंदिर के बारे में चर्चा करेंगे और यह भी जानेंगे कि इन मंदिरों में दर्शन का समय क्या है यहां कैसे पहुंचा जा सकता है प्रवेश शुल्क क्या है इन मंदिरों का इतिहास व महत्व क्या है इत्यादि!
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तो चलिए जानते हैं भगवान शिव के शहर बनारस के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में विस्तार से….
1. संकट मोचन मंदिर | Sankat Mochan Mandir
वाराणसी (Varanasi) के अस्सी घाट के समीप स्थित संकट मोचन मंदिर (Sankat Mochan Mandir) भगवान हनुमान (Bhagwan Hanuman) को समर्पित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु अपनी आस्था प्रकट करने पहुंचते हैं। इस ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण महामना मदन मोहन मालवीय ने करवाया था। मंदिर परिसर में मौजूद बंदर इसकी एक विशेष पहचान हैं, जिन्हें प्रसाद स्वरूप बेसन के लड्डू खिलाना शुभ माना जाता है। यही कारण है कि मंदिर में बेसन के लड्डू प्रसाद के रूप में अत्यंत प्रसिद्ध हैं। यह पवित्र स्थल प्रतिदिन सुबह 8:30 बजे से रात 9 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां दर्शन से सभी प्रकार के संकटों का निवारण होता है। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व से भरपूर यह स्थान भक्तों के लिए अटूट श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है, जहां भक्त भगवान हनुमान की कृपा पाने के लिए विशेष उत्साह से आते हैं।
मंदिर का फ़ोन नंबर | 063074 09877 |
स्थान | साकेत नगर कॉलोनी, संकट मोचन कुष्ठ रोग, वाराणसी |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | प्रवेश नि:शुल्क है। |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 5.5 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 31.1 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 6.3 किलोमीटर |
2. अन्नपूर्णा देवी मंदिर | Annapurna Devi Mandir
देवी अन्नपूर्णा (Devi Annapurna), जिन्हें देवी पार्वती का अवतार माना जाता है, भोजन और पोषण की देवी हैं। उनके मंदिर में उनकी एक सुनहरी प्रतिमा स्थापित है, जो काशी शहर को कभी भी खाद्य संकट से बचाने के लिए जानी जाती है। यह भव्य मंदिर मराठा पेशवा बाजीराव द्वारा बनवाया गया था और आज भी श्रद्धालुओं का आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। यहाँ जाने का सबसे अच्छा समय अन्नकूट उत्सव के दौरान होता है, जो दिवाली के बाद मनाया जाता है। इस खास अवसर पर श्रद्धालुओं को सिक्के वितरित किए जाते हैं, और माना जाता है कि ये सिक्के उन्हें समृद्धि और धन की प्राप्ति में मदद करते हैं। देवी अन्नपूर्णा की पूजा से न केवल भोजन की कमी दूर होती है, बल्कि यह जीवन में समृद्धि और सुख-शांति का भी संचार करती है।
मंदिर का फ़ोन नंबर | 093365 86692 |
स्थान | डी 9, अन्नपूर्णा मठ मंदिर, 1, विश्वनाथ गली, गोदौलिया, वाराणसी |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 6 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 27 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 4.0 किलोमीटर |
3. काशी विश्वनाथ मंदिर | Kashi Vishwanath Mandir
वाराणसी (Varanasi) शहर को काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) के नाम से पहचाना जाता है, जो इस ऐतिहासिक नगर का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर सदियों से श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इतिहास में यह मंदिर एक बार कुतुब-उद-दीन-ऐबक द्वारा 1194 ई. में नष्ट कर दिया गया था, लेकिन 18वीं शताब्दी में अहल्या देवी होल्कर की मदद से इसका पुनर्निर्माण हुआ।
इस मंदिर का मूल निर्माता आज तक अज्ञात है, हालांकि यह देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक प्रमुख स्थान रखता है। मंदिर का एक विशेष आकर्षण इसका सोने का गुंबद और शीर्ष पर स्थित सोने का शिखर है। यह गुंबद न केवल भव्यता का प्रतीक है, बल्कि एक दिलचस्प मान्यता से भी जुड़ा है। कहते हैं कि यदि कोई भक्त इस गुंबद को देखकर अपनी मनोकामना व्यक्त करता है, तो भगवान शिव उसकी इच्छा पूरी करते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक धरोहर का अद्भुत संगम है।
मंदिर का फ़ोन नंबर | 070802 92930 |
स्थान | लाहौरी टोला, वाराणसी, डोमरी, उत्तर प्रदेश |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | प्रवेश नि:शुल्क है। |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 6.0 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 26 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 3.9 किलोमीटर |
4. तुलसी मानस मंदिर | Tulsi Manas Mandir
तुलसी मानस मंदिर (Tulsi Manas Mandir), भक्ति और कला के अद्भुत संगम का प्रतीक है, जो वाराणसी में स्थित है। यह मंदिर भगवान राम के प्रति श्रद्धा और सम्मान का जीवंत उदाहरण है, और विशेष रूप से गोस्वामी तुलसीदास की गहरी भक्ति का प्रतीक है। पारंपरिक मंदिरों के विपरीत, इस मंदिर का निर्माण केवल ईंट और गारे से नहीं हुआ, बल्कि यह एक दिव्य रचना का रूप है। इसकी दीवारों पर रामचरितमानस के सुंदर छंद अंकित हैं, जो भगवान राम के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंगों को जीवन्त बनाते हैं। यह मंदिर वाराणसी के दुर्गा मंदिर के पास स्थित है, जो अपने आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ भगवान राम के दर्शन के साथ-साथ, तुलसीदास की गहन भक्ति का भी अनुभव होता है। यह मान्यता है कि भगवान राम ने अपनी उपस्थिति तुलसीदास की प्रार्थना और भक्ति के परिणामस्वरूप यहाँ प्रकट की थी, जिससे इस मंदिर का आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ गया। इसकी संरचना और निर्माण की अनोखी कहानी इसे श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत और अद्वितीय स्थल बनाती है।
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मंदिर का फ़ोन नंबर | +91 542 237 0498 |
स्थान | संकट मोचन रोड, दुर्गाकुंड रोड, जालान के पास, वाराणसी |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | प्रवेश नि:शुल्क है। |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 5.4 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 30.8 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 5.7 किलोमीटर |
5. भारत माता मंदिर | Bharat Mata Mandir
भारत माता मंदिर (Bharat Mata Mandir), वाराणसी (Varanasi) में स्थित, देशभक्ति और राष्ट्रीय सम्मान का एक अद्वितीय प्रतीक है। पारंपरिक देवालयों से अलग, यह मंदिर भारत के प्रतीक—भारत माता को समर्पित है। यहाँ संगमरमर से उकेरा गया एक विशाल मानचित्र है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों, संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहरों को दर्शाता है। प्रत्येक राज्य का चित्रण इस मानचित्र में किया गया है, जो देश की विविधता में एकता का संदेश देता है। इस मंदिर में प्रवेश करते हुए, पर्यटक न केवल आध्यात्मिक अनुभव करते हैं, बल्कि उन्हें उन मूल्यों और आदर्शों का भी आभास होता है, जो भारत को एकजुट रखते हैं। यह स्थान केवल श्रद्धा का केन्द्र नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव और एकता का भी प्रतीक है। भारत माता मंदिर हर आगंतुक को प्रेरित करता है कि वे अपने देश की समृद्धि, सांस्कृतिक धरोहर और साझी विरासत की सराहना करें।
मंदिर का फ़ोन नंबर | 099561 74677 |
स्थान | निकट महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ बनारस |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | प्रवेश नि:शुल्क है। |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 5.9 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 24.9 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 1.3 किलोमीटर |
6. कनक दुर्गा मंदिर | Kanak Durga Mandir
वाराणसी (Varanasi) के पवित्र भूमि पर स्थित कनक दुर्गा मंदिर (Kanak Durga Mandir) देवी दुर्गा के दिव्य रूप का एक अद्वितीय प्रतीक है। मंदिर का नाम “कनक” सोने से संबंधित है, जो देवी की मूर्ति के सुनहरे आभूषणों की छवि को दर्शाता है। यह मंदिर न केवल वास्तुकला की सुंदरता में बसा हुआ है, बल्कि यहां की जटिल नक्काशी और कलात्मक डिजाइन भक्तों की श्रद्धा और भक्ति को भी व्यक्त करती है। देवी दुर्गा की यह स्वयंभू मूर्ति किसी धातु या मिट्टी से नहीं बनी, बल्कि प्रकृति से उत्पन्न हुई है, जो इस स्थान को और भी अधिक पवित्र और खास बनाती है।
कनक दुर्गा मंदिर न केवल एक आध्यात्मिक स्थल है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक धरोहर भी है, जो वाराणसी की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का हिस्सा है। भक्त और आगंतुक यहाँ आकर देवी की कृपा प्राप्त करने के साथ-साथ परिसर की शांतिपूर्ण और दिव्य ऊर्जा का अनुभव करते हैं। यह मंदिर वाराणसी के आध्यात्मिक केंद्र के रूप में, समर्पण और आस्था का प्रतीक बन चुका है, जो लोगों को परमात्मा से जुड़ने का मार्ग दिखाता है।
मंदिर का फ़ोन नंबर | आधिकारिक नंबर उपलब्ध नहीं है |
स्थान | दुर्गा कनक मंदिर दुर्गाकुंड, बनारस |
मंदिर में प्रवेश शुल्क | प्रवेश नि:शुल्क है। |
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 5.2 किलोमीटर |
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 30.6 किलोमीटर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 22 किलोमीटर |
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Conclusion:-Famous Temples Of Banaras
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FAQ’s:-Famous Temples Of Banaras
Q. संकट मोचन मंदिर कहाँ स्थित है?
Ans. संकट मोचन मंदिर वाराणसी के अस्सी घाट के समीप स्थित है और यह भगवान हनुमान को समर्पित है।
Q. संकट मोचन मंदिर का प्रमुख प्रसाद क्या है?
Ans. संकट मोचन मंदिर में बेसन के लड्डू प्रसाद के रूप में अत्यधिक प्रसिद्ध हैं, जिन्हें भक्तों को दिया जाता है।
Q. अन्नपूर्णा देवी मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
Ans. अन्नपूर्णा देवी मंदिर का निर्माण मराठा पेशवा बाजीराव द्वारा करवाया गया था।
Q. अन्नपूर्णा देवी मंदिर का प्रमुख उत्सव कौन सा है?
Ans. अन्नपूर्णा देवी मंदिर का प्रमुख उत्सव अन्नकूट उत्सव है, जो दिवाली के बाद मनाया जाता है।
Q. काशी विश्वनाथ मंदिर का सोने का गुंबद क्यों प्रसिद्ध है?
Ans. काशी विश्वनाथ मंदिर का सोने का गुंबद धार्मिक आस्था का प्रतीक है, और भक्तों का मानना है कि इससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Q. तुलसी मानस मंदिर में किसकी भक्ति का प्रतीक है?
Ans. तुलसी मानस मंदिर गोस्वामी तुलसीदास की गहरी भक्ति का प्रतीक है और यह भगवान राम के प्रति श्रद्धा का केंद्र है।